सासू मां जरूर शामिल करें सरगी में ये चीजें, बहु से बढ़ेगी रिश्तों में मिठास

punjabkesari.in Sunday, Oct 29, 2023 - 07:13 PM (IST)

पति की लंबी उम्र के लिए रखा जाने वाला पर्व करवाचौथ इस बार 1 नवंबर को मनाया जाएगा। इस पर्व में सरगी का अपना महत्व है। सरगी एक पारंपरिक भोजन है जो सास द्वारा अपनी बहुओं को सुखी और समृद्ध विवाह के लिए आशीर्वाद देने के लिए तैयार किया जाता है। यह प्रथा उत्तरी भारत में महिलाओं के बीच प्रचलित है, खासकर उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, पंजाब और हरियाणा राज्यों में। इसमें महिलाएं, सूर्योदय से पहले उठती हैं आमतौर पर सुबह 4-5 बजे के आसपास और पूरे दिन बिना भोजन या पानी के खुद को बनाए रखने के लिए कई तरह के  व्यंजनों से भरी थाली का सेवन करती हैं। सरगी की थाली सास द्वारा बहू की दी जाती है।  सास अपनी बहू के लिए सुहाग का समान, 16 श्रृंगार, मिठाई, मीठी और नमकीन मट्ठी जैसी कई सारी चीजें देती हैं। इसके साथ ही खूब सारा प्यार और आशीर्वाद भी देती हैं।

सोलह श्रृंगार

सरगी की थाली में सबसे पहले 16 श्रृंगार रखा जाता है, जिसमें कुमकुम, बिंदी, पायल, मेहंदी, चूड़ी, लाल साड़ी, गजरा महावर, सिंदूर, पायल, मांग टीका, बिछिया, काजल और कंघी रखी जाती है। 

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मीठी और नमकीन मट्ठी

सरगी की थाली में मीठा और नमकीन दोनों रखने का विशेष महत्व होता है। ऐसे में सास अपनी बहू की थाल में मीठी और नमकीन मट्ठी भी रखती हैं।

नारियल

सरगी में नारियल जरूर रखा जाता है। पूजा पाठ में भी नारियल का विशेष महत्व होता है। व्रत तोड़ने के बाद बहू इसी नारियल के पानी को पी कर हाइड्रेटेड फील कर सकती है।

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ड्राई फ्रूट्स

इस थाली में सास बहू के लिए  ड्राई फ्रूट्स भी रखती है और उसमें काजू, बादाम, पिस्ता, अखरोट जैसी चीजें शामिल करती है।

मिठाई

वहीं मिठाई के बिना ये थाली अधूरी है। सूर्योदय से पहले इसी मिठाई का सेवन किया जाता है।

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फल

सास अपनी बहू को फल भी देती है, जो उसी सुबह व्रत शुरू करने से पहले खाए जाते हैं। इसमें अनानास, सेब, केले जैसे फल दिए जा सकते हैं।

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Content Editor

Charanjeet Kaur

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