संजय दत्त करवा रहे इम्यूनोथेरेपी से इलाज, चौथे स्टेज के कैंसर पर भी असरदार
punjabkesari.in Wednesday, Oct 14, 2020 - 12:54 PM (IST)
बॉलीवुड एक्टर संजय दत्त तीसरे स्टेज का लंग कैंसर से जूझ रहे हैं। फेफड़ों का कैंसर एक ऐसी खतरनाक बीमारी है, जिसका अगर समय रहते इलाज ना किया जाए तो यह जानलेवा भी बन सकती है। खबरों के मुताबिक, एक्टर संजय दत्त कीमो की बजाए इम्युनोथेरेपी से कैंसर का ट्रीटमेंट करवा रहे हैं, जिसके कारण उनके शरीर में काफी कमजोरी भी आ गई है। चलिए आपको बताते हैं कि क्या है इम्यूनोथेरेपी और कैसे करती है काम...
सबसे पहले जानिए क्या है फेफड़े का कैंसर?
फेफड़ों से शुरू होने वाला यह कैंसर धीरे-धीरे दिमाग, किडनी, हड्डियों और लिवर में फैल जाता है। शोध के मुताबिक, देश में करीब 67 हजार लंग कैंसर के नए मामले सामने आते हैं, जिनमें पुरुष और महिलाएं दोनों शामिल होती हैं। ज्यादातर मामले में लक्षणों की अनदेखी के कारण मामला गंभीर हो जाता है।
क्या है इम्यूनोथेरेपी?
इम्युनोथेरेपी एक ऐसी तकनीक है, जिससे शरीर की प्रतिरक्षक कोशिकाएं को कैंसर की मेलिनेंट कोशिकाओं से लड़ने में मदद मिलती है। इस तकनीक में मरीज की स्थिति और जरूरत को ध्यान में रखते हुए इम्युन बूस्टर थेरेपी दी जाती है। इम्यूनोथेरेपी में दिए जाने वाले केमिकल को बॉयोलॉजिकल रिस्पांस मॉडीफायर कहा जाता है, जो कैंसर से लड़ने के लिए शरीर में मजबूत एंटीबॉडी बनाते हैं।
क्या स्वस्थ कोशिकाओं को होता है नुकसान
रिपोर्ट की मानें तो यह थेरेपी काफी लोगों पर कारगार साबित हो चुकी है। इम्यून सेल्स खासतौर पर कैंसर की कोशिकाओं पर हमला करते हैं इसलिए इससे स्वस्थ कोशिकाओं को नुकसान नहीं होता। यही नहीं, इस थेरेपी से दोबारा कैंसर होने की संभावना भी कम हो जाती है। इलाज का पारंपरिक तरीका होने के कारण यह मरीजों के लिए काफी फायदेमंद साबित होती है।
कीमोथेरेपी से हेल्दी सेल्स भी होते हैं प्रभावित
वहीं, कीमोथेरेपी की बात करें तो उसमें स्वस्थ कोशिकाओं पर भी असर पड़ता है। यही वजह है कि भले ही कीमोथेरेपी से कैंसर ठीक हो जाए लेकिन उससे दोबारा बीमारी होने की संभावना रहती है। शायद यही वजह है कि एक्टर संजय दत्त भी कीमो की बजाए इम्यूनोथेरेपी पर भरोसा कर रहे हैं।
अन्य बीमारियों में भी फायदेमंद इम्यूनोथेरेपी
कैंसर के अलावा इम्यूनोथेरेपी का इस्तेमाल इंफ्लेमेटरी, ऑटोइम्यून डिसीज, रयूमेटायड अर्थराइटिस, क्रोंस डिजीज और मल्टीपल स्क्लेरोसिस के इलाज में भी किया जाता है। बॉयोलॉजिकल थेरेपी या बॉयोलॉजिकल रिस्पांस मॉडिफायर (बीआरएम) थेरेपी भी कहा जाता है।
चौथे स्टेज के कैंसर पर भी असरदार
चौथे स्टेज पर पहुंचने के बाद किसी भी कैंसर का इलाज असंभव माना जाता है लेकिन इम्यूनोथेरेपी 4th स्टेज कैंसर में भी कारगार साबित होते है। यह शरीर के अंदरूनी सेल्स से लड़ने में कामयाब होती है। यही नहीं, यह थेरेपी सिर्फ एक या दो नहीं बल्कि हर तरह के कैंसर जैसे ब्लैडर, किडनी, प्रोस्टेट, ल्यूकीमिया और ब्लड कैंसर पर भी प्रभावी है।