3 साल से एक ही झूठ बोलते रहे थे दिलीप कुमार लेकिन सायरा ने इस बेवफाई को भी गले लगाया!

punjabkesari.in Saturday, Jul 09, 2022 - 11:48 AM (IST)

बॉलीवुड के दिवंगत स्टार दिलीप कुमार 98 साल की उम्र में  दुनिया को अलविदा कह गए लेकिन उनके जाने का गम सायरा बानो को अकेला कर गया। सायरा जब भी उन्हें याद करती हैं अपने आंसूओं को रोक नहीं पाती और मायूस हो जाती है। दिलीप कुमार के जाने के बाद उनकी कई बार तबीयत खराब हो चुकी हैं और उन्हें अस्पताल लेना जाना पड़ा। ऐसा होना लाजमी भी था क्योंकि सायरा दिलीप साहेब से जानो-जिगर से प्यार जो करती रही हैं। ये प्यार उन्हें 12 साल की उम्र में हो गया था जब उन्होंने मिसेज दिलीप कुमार बनने का ठान लिया था। बॉलीवुड में शायद ही कोई ऐसा कपल हो जिसने इस तरह बेइंतहा मोहब्बत की हो। सायरा ने तो दिलीप कुमार की बेवफाई को भी प्यार किया था। चलिए आज सायरा बानो की जिंदगी से जुड़े कुछ अनसुने पहलू आपको बताते हैं।

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सायरा बानो एक ब्यूटीफूल और ग्लैमरस नायिका रही नसीम बानो की बेटी हैं। नसीम की मां शमशाद बेगम दिल्ली की मशहूर गायिका थीं। एक ऊंचे और रईस खानदान से ताल्लुक रखने वाली नसीम ने जब फिल्मों में आने की जिद्द की तो परिवार उनके खिलाफ खड़ा था लेकिन वो कहा मानी और फिल्मों में आ ही गई। फिल्म पुकार से उनकी किस्मत जागी। उसके बाद तो खूबसूरत नसीम ने तीस के दशक में राज किया फिर वहीं ब्यूटी-क्वीन का ताज उन्होंने अपनी बेटी के सिर पर भी सजाया।

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नसीम बानो ने एक अमीरजादे अहसान मियां के साथ निकाह किया था और नसीम की खातिर ही उन्होंने कुछ फिल्में भी बनाई। इसी बीच सायरा का जन्म 23 अगस्त 1944 को मसूरी में हुआ और जब भारत-पाक का विभाजन हुआ तो अहसान मियां पाकिस्तान जा कर बस गए और नसीम अपनी बेटी सायरा और सुल्तान को लेकर लंदन जा बसी। सायरा की पढ़ाई-पालन पोषण वहीं हुआ लेकिन जब भी वह भारत आती तो यहां आकर बस दिलीप कुमार की घंटों शूटिंग देखने के लिए स्टूडियो में रहती थी।एक इंटरव्यू में सायरा ने कहा कि वह 12 साल की थी जब से वह अल्लाह से बस यहीं मांगती थी कि वो मां जैसी हीरोइन और मिसेज दिलीप कुमार बने तो उन्हें बेहद खुशी होगी। साल 1959 में नसीम ने अपने पुराने दोस्त फिल्ममेकर शशधर और सुबोध मुखर्जी के साथ मिलकर बेटी को शम्मी कपूर की फिल्म जंगली में लॉन्च किया।

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सायरा की खूबसूरती और एक्टिंग का जादू इंडस्ट्री में छाने लगे और उन्होंने कई सुपरहिट फिल्में दी । उन दिनों जुबली कुमार यानि राजेंद्र कुमार के साथ उन्होंने कई फिल्में की और यहीं से सायरा उनके प्यार भी करने लगी लेकिन जब इसकी भनक उनकी मां को लगी तो वह काफी गुस्से में आई। दरअसल, राजेंद्र पहले से ही शादीशुदा और 3 बच्चों के पिता था। इस पर मां ने दिलीप कुमार से कह कर कहा कि वह सायरा को समझाए ताकि राजेंद्र से उनका पीछा छूटे । नसीम ने दिलीप कुमार के पाली हिल वाले बंगले के पास जमीन खरीदी और घर बनवा लिया था। इस तरह से वह दिलीप के पड़ोसी हो गए थे और उनका आना-जान भी जारी था।

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नसीम के कहने पर दिलीप कुमार ने चाहते हुए भी सायरा को समझाया हालांकि उस समय उनके दिमाग में शादी की कोई बात ही नहीं थी। दिलीप साहेब ने सायरा को समझाया और कहा कि राजेंद्र से शादी का मतलब है पूरी जिंदगी सौतन बनकर रहना और तकलीफें सहना। तब इस पर सायरा ने पलट कर उनसे सवाल किया था कि क्या वे उससे शादी करेंगे लेकिन उस समय दिलीप कुमार के पास कोई जवाब ही नहीं था। लेकिन साल 1966 में 11 अक्तूबर 44 साल के दिलीप साहेब ने 25 साल की सायरा ने शादी कर ली। हालांकि इस शादी के लिए सायरा की मां नसीम और सुबोध मुखर्जी को काफी फिल्डिंग करनी पड़ी। एक बार चेन्नई शूटिंग के दौरान दिलीप बीमार पड़ गए थे तो सायरा ने फौरन फ्लाइट पकड़ी और वह वहां पहुंच गई और एक नर्स की तरह उन्होंने दिलीप साहब की सेवा की।

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वहीं से दिलीप कुमार का लगाव सायरा की ओर हुआ क्योंकि वह कामिनी कौशल और मधुबाला से निराश हो चुके थे और शायद आजादी छोड़ शादी में भी बंधना चाहते थे लेकिन इस शादी के बाद भी एक तूफान सायरा की जिंदगी में आया। दरअसल, शादी के बाद भी सायरा मां के साथ रहने लगी थी और उन्होंने फिल्मों में काम जारी रखा। फिल्म विक्टोरिया 203 के समय वह प्रेग्नेंट थी दिन-रात शूटिंग के चलते वह बीमार हो गई और उन्होंने एक मृत बच्चे को जन्म दिया इस घटना पर दिलीप कुमार फूट-फूट कर रोए थे।

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शायद इसी चाह के चलते दिलीप और सायरा के बीच आस्मां नाम की एक खूबसूरत महिला आकर खड़ी हो गई थी। कहा जाता है कि दिलीप कुमार ने 30 मई 1980 को बंगलौर में उनसे दूसरी शादी कर ली थीं।यह सब एक साजिश के चलते रचा गया प्लान था। जिसके बारे में दिलीप कुमार को बाद में जानकारी हुई। समय रहते दिलीप ने उस औरत से पीछा छुड़वा लिया लेकिन 3 साल तक वह झूठ बोलते रहे कि उनकी कोई दूसरी शादी नहीं हुई। ऐसा भी कहा जाता है कि दिलीप साहब पिता बनने की ललक रखते थे जिसे व शायद अस्मां के जरिए ही पूरा करना चाहते थे। इस बेवफाई के बावजूद सायरा ने अपने शौहर से प्यार करना नहीं छोड़ा।


पूरी उम्र दिलो-जान से प्यार करने वाली सायरा आखिर में उनकी मां भी बन गई और बच्चों की तरह उन्हें संभाला भी। सायरा बानो ने एक इंटरव्यू में कहा था- यूसुफ मेरे साथ 56 साल से ज्यादा समय तक रहे। यह बात पूरी दुनिया जानती है कि मुझे उनसे 12 साल की उम्र में ही प्यार हो गया था और मैं मिसेज दिलीप कुमार बनने का सपना ही देखती थी लेकिन जब मेरा सपना सच हुआ तो मुझे पता चला कि मैं ही एकमात्र उनकी फैन नहीं थी। उनके चाहने वालो की लाइन लंबी थी और हर कोई मिसेस दिलीप कुमार बनने की इच्छा जताए बैठी थी। इंडस्ट्री में कई ऐसे लोग है जो उन्हें अपना गुरु मानते थे। मैं भगवान को धन्यवाद देती हूं कि उन्होंने हमें मिलाया। ये दुनिया का सबसे अच्छा तोहफा था। मैं खुद को भाग्यशाली मानती हूं।
 


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Content Writer

vasudha

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