राजस्थान में बड़ा हादसा, स्कूल की छत गिरने से मलबे में दबे 60 बच्चे, 4 की मौत
punjabkesari.in Friday, Jul 25, 2025 - 11:38 AM (IST)

नारी डेस्क: झालावाड़, राजस्थान में शुक्रवार सुबह एक भयानक हादसा हुआ। पिपलोदी प्राथमिक विद्यालय की छत अचानक गिर गई जिससे कम से कम चार छात्र मारे गए और कई अन्य घायल हो गए। यह घटना तब हुई जब बच्चे अपनी कक्षा में पढ़ाई कर रहे थे। अधिकारियों को आशंका है कि कुछ बच्चे अभी भी मलबे के नीचे दबे हो सकते हैं। घटना की खबर मिलते ही इलाके में अफरा-तफरी मच गई। पुलिस, स्थानीय निवासी और प्रशासनिक अधिकारी तुरंत घटनास्थल पर पहुंच गए। मलबे के नीचे फंसे बच्चों को निकालने के लिए बचाव अभियान शुरू कर दिया गया है। राहत कार्य जोरों पर हैं ताकि जल्द से जल्द सभी बच्चों को सुरक्षित निकाला जा सके। समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, इस हादसे में कुल 17 बच्चे घायल हुए हैं, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
शिक्षा मंत्री ने जताया गहरा दुख
राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने इस दुखद घटना पर गहरा शोक व्यक्त किया। उन्होंने कहा, “झालावाड़ के इस स्कूल में हुई घटना से मुझे बहुत दुख हुआ है। सभी घायल बच्चों का इलाज सरकारी खर्चे पर किया जाएगा।” उन्होंने यह भी बताया कि घटना की पूरी जांच के लिए एक उच्च स्तरीय कमेटी गठित की जाएगी ताकि हादसे की वजह पता लगाई जा सके।
राजस्थान में सरकारी स्कूल की छत गिर गई. इसमें दबकर 4 बच्चों की मौत हो गई. बड़ी संख्या में बच्चे घायल हैं.
— Ranvijay Singh (@ranvijaylive) July 25, 2025
इन बच्चों में कोई भी मंत्री या अधिकारी का बच्चा नहीं है. pic.twitter.com/txC2U9biuv
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि घायल 17 बच्चों में से दस को नजदीकी अस्पताल में रेफर किया गया है। इनमें से तीन से चार बच्चों की हालत गंभीर बताई जा रही है। डॉक्टर उनकी हर संभव मदद कर रहे हैं और स्थिति पर नजर रखी जा रही है।
ये भी पढे़ं: अयोध्या में बुजुर्ग मां को परिवार ने सड़क किनारे छोड़ा, घटना का VIDEO सीसीटीवी में कैद
भारी बारिश के कारण छत गिरने की संभावना
यह हादसा ऐसे समय में हुआ है जब उत्तर भारत में मानसून की बारिश जारी है। झालावाड़ और आसपास के इलाकों में पिछले कई दिनों से तेज बारिश हो रही है। माना जा रहा है कि लगातार बारिश के कारण स्कूल की इमारत कमजोर हो गई होगी, जिससे छत गिर गई। हालांकि, इसकी पुष्टि जांच रिपोर्ट आने के बाद ही हो पाएगी।
यह दर्दनाक हादसा पूरे इलाके में शोक की लहर लेकर आया है। प्रशासन और स्थानीय लोग राहत और बचाव कार्यों में पूरी ताकत लगा रहे हैं। सभी प्रयास यह सुनिश्चित करने के लिए किए जा रहे हैं कि फंसे हुए बच्चों को जल्दी निकाला जाए और घायल बच्चों को बेहतर इलाज मिले।