बढ़ते प्रदूषण पर रवीना टंडन ने जताई चिंता, लोगों को कहा प्रदूषण का स्तर 1–3 महीनों तक जारी रहा तो...

punjabkesari.in Sunday, Nov 30, 2025 - 01:11 PM (IST)

नारी डेस्क : बॉलीवुड एक्ट्रेस Raveena Tandon ने देश में बढ़ते वायु प्रदूषण को लेकर गहरी चिंता जताई है। उन्होंने सोशल मीडिया पर कई पोस्ट शेयर करते हुए बताया कि खराब हवा सीधे तौर पर लोगों के फेफड़ों, दिल और दिमाग को नुकसान पहुंचा रही है। दिल्ली-एनसीआर में सर्दियों के साथ बढ़ते प्रदूषण पर डॉक्टर पहले ही चेतावनी दे चुके हैं। दिवाली के बाद से हवा में मौजूद जहरीले कण तेजी से बढ़े हैं, और एक्ट्रेस ने इन्हीं खतरों के बारे में लोगों को आगाह किया है।

PM 2.5 और AQI पर रवीना की चेतावनी

रवीना ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए हवा में बढ़ते PM 2.5 और खराब AQI को लेकर गंभीर चेतावनी दी है। उन्होंने बताया कि जब वायुमंडल में PM 2.5 का स्तर ज्यादा हो और एयर क्वालिटी इंडेक्स 200–300 के बीच बना रहे, तो यह स्थिति शरीर के लिए बेहद खतरनाक हो जाती है। सिर्फ एक घंटे की ऐसी हवा भी इन सूक्ष्म कणों को सीधे सांस के जरिए हमारे शरीर में पहुंचा देती है। ये कण इतने छोटे होते हैं कि फेफड़ों की गहराई तक जाकर सूजन पैदा करते हैं, रक्त प्रवाह को प्रभावित करते हैं और दिल व दिमाग तक भी पहुंचकर नुकसान पहुंचाने लगते हैं। 

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रवीना ने यह भी चेताया कि यदि यही खराब एक्यूआई लगातार चार हफ्तों तक बना रहे, तो इसका असर और भी घातक हो सकता है। अस्थमा के जोखिम तेजी से बढ़ने लगते हैं, पुरानी सांस संबंधी बीमारियां ट्रिगर हो जाती हैं, आंखों में लगातार जलन और लालिमा रहती है, गले में खराश व सूजन बढ़ जाती है और प्रतिरोधक क्षमता भी कमजोर होने लगती है। उन्होंने लोगों से मास्क पहनने, घर के अंदर वायु गुणवत्ता नियंत्रित रखने और बच्चों व बुज़ुर्गों को विशेष सावधानी बरतने की अपील की है।

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एक्ट्रेस ने यह भी बताया कि यदि प्रदूषण का यह स्तर 1–3 महीनों तक जारी रहे तो

इम्यूनिटी कमजोर होने लगती है।
फेफड़ों की अंदरूनी परत मोटी हो जाती है।
बच्चों के फेफड़ों का विकास प्रभावित होता है।
ब्लड शुगर बढ़ने लगती है।

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दिल्ली में AQI फिर खतरनाक स्तर पर

राजधानी दिल्ली में 29 नवंबर की सुबह AQI 338 दर्ज किया गया। कई इलाकों में यह स्तर और भी खराब पाया गया। मौसम विभाग और एयर क्वालिटी एजेंसियों का अनुमान है कि आने वाले दिनों में हालात और बिगड़ सकते हैं। सरकारें पराली जलाने पर जुर्माना, पानी का छिड़काव और अन्य कदम उठाकर प्रदूषण कम करने की कोशिश कर रही हैं।


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Content Editor

Monika

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