राम जन्मभूमि आंदोलन को जन-जन तक पहुंचाने वाले रामविलास वेदांती का निधन,एकादशी पर ली अंतिम सांस
punjabkesari.in Monday, Dec 15, 2025 - 03:58 PM (IST)
नारी डेस्क: राम जन्मभूमि आंदोलन के प्रमुख रणनायक और संत नेता डॉ. रामविलास दास वेदांती का निधन हो गया है। उन्होंने 15 दिसंबर 2025, पौष मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को मध्य प्रदेश के रीवा में इलाज के दौरान अंतिम सांस ली। उनके निधन की खबर से अयोध्या सहित पूरे संत समाज, रामभक्तों और राजनीतिक जगत में शोक की लहर दौड़ गई है।
रीवा में चल रहा था इलाज
जानकारी के अनुसार, डॉ. रामविलास वेदांती रीवा में थे, जहां अचानक उनकी तबीयत बिगड़ गई। इसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन इलाज के दौरान ही उनका निधन हो गया। फिलहाल उनके पार्थिव शरीर को अयोध्या लाने की तैयारी की जा रही है। अयोध्या पहुंचने के बाद अंतिम दर्शन कराए जाएंगे और वहीं उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
श्री राम जन्मभूमि आंदोलन के प्रमुख स्तंभ, पूर्व सांसद एवं श्री अयोध्या धाम स्थित वशिष्ठ आश्रम के पूज्य संत डॉ. रामविलास वेदांती जी महाराज का गोलोकगमन आध्यात्मिक जगत और सनातन संस्कृति के लिए अपूरणीय क्षति है। उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि!
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) December 15, 2025
उनका जाना एक युग का अवसान है। धर्म, समाज व…
सीएम योगी ने दी श्रद्धांजलि
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट कर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी। उन्होंने लिखा कि डॉ. रामविलास वेदांती राम जन्मभूमि आंदोलन के प्रमुख स्तंभ थे और उनका जाना आध्यात्मिक जगत व सनातन संस्कृति के लिए अपूरणीय क्षति है। मुख्यमंत्री ने उनके जीवन को धर्म, समाज और राष्ट्र की सेवा के लिए समर्पित बताया।
राम मंदिर आंदोलन से जीवनभर जुड़े रहे
डॉ. रामविलास वेदांती का जन्म 7 अक्टूबर 1958 को हुआ था। वे राम मंदिर आंदोलन के शुरुआती दौर से ही सक्रिय रूप से जुड़े रहे। उन्होंने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को अपने जीवन का सबसे बड़ा लक्ष्य बना लिया था। वे श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य भी रहे और आंदोलन को जन-जन तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई।
संघर्षों से बनी पहचान
राम मंदिर आंदोलन के दौरान वर्ष 1991 में उन्हें जेल भी जाना पड़ा। उन्होंने हमेशा स्पष्ट शब्दों में कहा था, “मंदिर वहीं बनेगा, क्योंकि वहीं राम का जन्म हुआ है।” उनका यह संघर्ष अंततः सफल हुआ और उनका सपना साकार भी हुआ। इसी वजह से उन्हें राम जन्मभूमि आंदोलन का प्रमुख सूत्रधार माना जाता है।
श्री राम जन्मभूमि आंदोलन के प्रमुख स्तंभ, पूर्व सांसद एवं श्री अयोध्या धाम स्थित वशिष्ठ आश्रम के पूज्य संत डॉ. रामविलास वेदांती जी महाराज का गोलोकगमन आध्यात्मिक जगत और सनातन संस्कृति के लिए अपूरणीय क्षति है। उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि!
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) December 15, 2025
उनका जाना एक युग का अवसान है। धर्म, समाज व…
संत समाज के लिए अपूरणीय क्षति
डॉ. रामविलास वेदांती का निधन अयोध्या, संत समाज और रामभक्तों के लिए एक बड़ी क्षति माना जा रहा है। उनके संघर्ष, विचार और योगदान हमेशा याद किए जाएंगे। उनका जीवन आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बना रहेगा।

