वेदांत ने किया पिता और भारत का नाम रोशन, बेटे के लिए ही Actor ने छोड़ा था अपना देश
punjabkesari.in Tuesday, Apr 19, 2022 - 11:27 AM (IST)
"दुनिया में एक पिता ही एक ऐसा इंसान होता है जाे चाहता है कि उनका बेटा उनसे भी ज्यादा कामयाब हो"...पिता और बेटा दोनों ही एक दूसरे की पहचान होते हैं। पिता हमेशा अपने बेटे की खुशियों में अपनी खुशी तलाशता है और बेटा अपने पिता में दोस्त और एक आदर्श को देखता है। ऐसा ही रिश्ता देखने को मिलता है आर माधवन और उनके बेटे के बीच। अपने बच्चे की कामयाबी को देख उनका सीना गर्व से चौड़ा हो गया।
एक्टर के बेटे वेदांत माधवन ने अपने पिता और देश का गौरव बढ़ाते हुए डेनिस ओपन 2022 में सिल्वर के बाद अब गोल्ड मेडल पर भी कब्जा जमा लिया है। बेटे की इस जीत पर माधवन बेहद खुश हैं। उन्होंने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट शेयर कर लिखा- ‘‘आज वेदांत माधवन ने 800 मीटर तैराकी स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता। मैं बेहद खुश हूं और अभिभूत तथा कृतज्ञ महसूस कर रहा हूं। कोच प्रदीप सर, भारतीय तैराकी महासंघ और पूरी टीम को धन्यवाद।’’
भारत के उदीयमान तैराक वेदांत माधवन ने कोपेनहेगन में रविवार रात डेनिश ओपन में पुरूषों की 800 मीटर फ्रीस्टाइल स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता। वेदांत (16) ने अपना निजी सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए 8:17.28 की टाइमिंग निकाली। उन्होंने स्थानीय तैराक अलेक्जेंडर एल ब्योर्न को 0.10 सेकंड से हराया। मशहूर अभिनेता आर माधवन के बेटे का प्रदर्शन टूर्नामेंट दर टूर्नामेंट बेहतर होता जा रहा है । इससे पहले उन्होंने 1500 मीटर फ्रीस्टाइल में रजत पदक जीता और 200 मीटर फ्रीस्टाइल में अपना टाइमिंग दुरूस्त किया ।
आर माधवन ने उन्होंने सोशल मीडिया अकाउंट पर वेदांत की जीत की तस्वीरें और वीडियो शेयर कर अपनी खुशी जाहिर की है। उनके पोस्ट पर बॉलीवुड सेलेब्स समेत फैंस भी बधाई दे रहे हैं। शिल्पा शिरोडकर ने लिखा,'बिल्कुल अद्भुत मैडी हम सभी के लिए गर्व का क्षण है। वहीं प्रियंका चोपड़ा ने लिखा, 'वाह! बधाई हो वेदांत माधवन। यह एक अद्भुत उपलब्धि है, हमेशा पथ प्रदर्शक बने रहो!
बता दें कि एक्टर अपने बेटे के सपने को पूरा करने के लिए पिछले साल परिवार समेत दुबई शिफ्ट हो गए थे। उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा था कि कोरोना के डर की वजह से भारत में बड़े स्विमिंग पूल बंद हैं। इसलिए हमने दुबई शिफ्ट होने का प्लान किया ताकि 2026 ओलंपिक्स के लिए वो अपनी तैयारी कर सके. हम नहीं चाहते कि उसकी तैयारियों में कोई रुकावट आए। जिस बेटे के लिए उन्होंने ये कदम उठाया आज उसी ने विदेश में देश का नाम रोशन कर दिया है।