पंजाब में बाढ़ से तबाही: 1902 गांव जलमग्न, 4 लाख लोग प्रभावित, 43 की मौत, कई इलाकों में अलर्ट जारी
punjabkesari.in Friday, Sep 05, 2025 - 12:06 PM (IST)

नारी डेस्क : पंजाब इन दिनों दशकों की सबसे भयंकर बाढ़ आपदा का सामना कर रहा है। इस आपदा ने लोगों की जिंदगी, फसलों और बुनियादी ढांचे को बुरी तरह नुकसान पहुंचाया है।
कितने लोग और इलाके प्रभावित?
अब तक पंजाब में बाढ़ की मार सबसे ज्यादा दिखाई दे रही है। कुल 23 जिलों के 1902 गांव पूरी तरह से पानी में डूब गए हैं, जिससे करीब 3.84 लाख लोगों की जिंदगी प्रभावित हुई है। हालात बिगड़ने पर प्रशासन ने अब तक 20,972 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है, लेकिन इसके बावजूद हालात गंभीर बने हुए हैं। इस आपदा में अब तक 43 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि पठानकोट में 3 लोग लापता बताए जा रहे हैं।
किन जिलों में सबसे ज्यादा मौतें?
पंजाब में बाढ़ से अब तक सबसे ज्यादा मौतें होशियारपुर जिले में हुई हैं, जहां 7 लोगों की जान गई है। इसके बाद पठानकोट में 6, जबकि बरनाला और अमृतसर में 5-5 लोगों की मौत दर्ज की गई है। लुधियाना और बठिंडा में 4-4 लोग, वहीं मनसा में 3 लोग बाढ़ का शिकार बने हैं। इसके अलावा गुरदासपुर और एसएएस नगर में 2-2 मौतें, जबकि पटियाला, रुपनगर, संगरूर, फाजिल्का और फिरोजपुर में 1-1 मौत की पुष्टि हुई है। इस तरह 1 अगस्त से 4 सितंबर के बीच कुल 14 जिलों में 43 मौतें हो चुकी हैं।
फसलों का भारी नुकसान
पंजाब में आई इस भीषण बाढ़ ने किसानों को भी गहरा नुकसान पहुंचाया है। करीब 1.71 लाख हेक्टेयर कृषि भूमि पर खड़ी फसलें पूरी तरह बर्बाद हो गई हैं, जिससे लाखों किसानों की मेहनत पर पानी फिर गया। फसलों के नुकसान से सबसे ज्यादा प्रभावित जिले गुरदासपुर, अमृतसर, फाजिल्का, फिरोजपुर, कपूरथला और मानसा बताए जा रहे हैं, जहां खेतों में खड़ी फसलें जलमग्न हो गईं और किसानों को भारी आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है।
राजनीतिक हलचल और अपीलें
बाढ़ की गंभीर स्थिति को देखते हुए पंजाब की सियासत भी तेज हो गई है। आम आदमी पार्टी (AAP) ने केंद्र सरकार से तुरंत मदद की मांग की है, वहीं मुख्यमंत्री भगवंत मान ने हर प्रभावित गांव में एक गजटेड अधिकारी तैनात करने का आदेश दिया है, ताकि लोगों की समस्याएं सीधे प्रशासन तक पहुंच सकें। इस बीच, अरविंद केजरीवाल ने सवाल उठाया कि जब केंद्र सरकार विदेशों, जैसे अफगानिस्तान में आपदा के समय मदद भेज सकती है, तो पंजाब को भी इस संकट की घड़ी में सहयोग मिलना चाहिए। केजरीवाल ने कपूरथला के सुल्तानपुर लोधी में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और लोगों से मुलाकात कर उनकी परेशानियां सुनीं।
केंद्र सरकार की गतिविधियां
केंद्र सरकार की ओर से भी हालात का जायजा लेने के प्रयास जारी हैं। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अमृतसर, गुरदासपुर और कपूरथला के बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया और लोगों को भरोसा दिलाया कि संकट की इस घड़ी में केंद्र सरकार पंजाब के साथ खड़ी है। उन्होंने बताया कि दो केंद्रीय दल नुकसान का आकलन कर अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेंगे। वहीं, पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया ने भी शिवराज सिंह को बाढ़ से हुए नुकसान की विस्तृत रिपोर्ट सौंपी, जिसमें जानमाल, फसलों और बुनियादी ढांचे की क्षति का विवरण शामिल है।
बांध और नदियों का जलस्तर
भाखड़ा बांध का जलस्तर स्थिर बताया गया है। गुरुवार को बांध से लगभग 85,000 क्यूसेक पानी छोड़ा गया।
नंगल और आनंदपुर साहिब के आसपास के निचले इलाकों में प्रशासन ने लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की है।
पटियाला जिला प्रशासन ने भी घग्गर नदी के पास रहने वाले लोगों के लिए अलर्ट जारी किया है।
बाढ़ की वजह
यह बाढ़ मुख्य रूप से हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर के जलग्रहण क्षेत्रों में भारी बारिश के कारण आई है। सतलुज, व्यास और रावी नदियों के साथ-साथ मौसमी नाले उफान पर आ गए। इसके अलावा पंजाब में हुई लगातार बारिश ने हालात और बिगाड़ दिए।