14 फरवरी का वो काला दिन जब छलनी हुआ था देश का सीना,  उजड़ गईं थी 40 परिवारों की खुशियां

punjabkesari.in Friday, Feb 14, 2025 - 12:58 PM (IST)

नारी डेस्क: 14 फरवरी का दिन इतिहास में जम्मू कश्मीर की एक दुखद घटना के साथ दर्ज है। घटना भले छह साल पुरानी है, लेकिन उसके जख्म आज तक हरे हैं। वैसे तो 14 फरवरी को 'वैलेंटाइन डे' यानी कि प्रेम दिवस मनाया जाता है, लेकिन आतंकियों ने अपने नापाक इरादे पूरे करने के लिए यही दिन चुना था। जब देश के शहरों में वैलेंटाइन डे मनाया जा रहा था तब पुलवामामें पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों ने देश के सुरक्षाकर्मियों पर कायराना हमला किया

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 राज्य के पुलवामा जिले में जैश-ए-मोहम्मद के एक आतंकवादी ने विस्फोटकों से लदे वाहन से सीआरपीएफ जवानों की बस को टक्कर मार दी, जिससे कम से कम 40 जवान शहीद हो गये और कई गंभीर रूप से घायल हुए।  जैश-ए-मोहम्मद के एक आतंकवादी ने विस्फोटकों से लदे वाहन से सीआरपीएफ जवानों की बस को टक्कर मार दी थी. इस टक्कर के बाद एक जोरदर धमाका हुआ और बस से जा रहे सीआरपीएफ के जवानों के क्षत विक्षत शरीर जमीन पर बिखर गए थे। पुलवामा हमला (Pulwama attack) एक ऐसी हृदय विदारक घटना थी जिसने पूरे देश को रूला दिया था।

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 इस कायरतापूर्ण कार्रवाई से पूरा देश गुस्से में उबल उठा था।  लोगों की भावनाओं को समझते हुए उस वक्त प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि मैं अपने सीने में वैसी ही आग महसूस कर रहा हूं, जैसी आग आपके भीतर है।. इस हमले के एक ही दिन बाद प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि हर आंसू का बदला लिया जाएगा। भारतीय सेना को खुली छूट दे दी गई है., हम अपने हिसाब से और सही वक्त पर दुश्मन से बदला लेंगे और फिर 12 दिन बाद भारतीय सेना ने पाकिस्तान के बालाकोट में एयरस्ट्राइक कर बदला लिया था।

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" सेना की श्रीनगर स्थित चिनार कोर ने पुलवामा हमले की सालगिरह पर सीआरपीएफ की अटूट भावना का सम्मान किया। सेना ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा- "चिनार के योद्धा सीआरपीएफ के उन बहादुरों को श्रद्धांजलि देते हैं, जिन्होंने पुलवामा हमले के दौरान अपने कर्तव्य का पालन करते हुए अपने प्राणों की आहुति दे दी। उनका बलिदान हमेशा हमारे दिलों में अंकित रहेगा। सीआरपीएफ के अदम्य साहस को सलाम, जो हमारे राष्ट्र की रक्षा करने और कश्मीर में शांति और विकास सुनिश्चित करने के लिए सबसे कठिन चुनौतियों का सामना करना जारी रखते हैं।"


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vasudha

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