बिकिनी लाइन्स के आसपास दर्दनाक फुंसियों और ब्रेस्ट से होने वाले व्हाइट डिस्चार्ज का जानिए इलाज
punjabkesari.in Sunday, Nov 22, 2020 - 01:12 PM (IST)
महिलाओं की ऐसी बहुत सी पर्सनल प्रॉब्लम्स होती हैं जिन्हें वह खुल कर शेयर नहीं कर पाती हालांकि फीमेल डॉक्टर को बताने में भी हिचकिचाती हैं। औरतों की दो प्रॉब्लम्स जो हम आपको बताने वाले हैं उससे भी बहुत सारी महिलाएं परेशान रहती हैं। एक ब्रेस्ट से जुड़ी है वहीं दूसरी समस्या प्राइवेट पार्ट से। जो महिलाओं को सहन करनी पड़ती है वो है बिकिनी लाइन्स के आस-पास होने वाली छोटी दर्दनाक फुंसियां
बिकनी लाइन्स में क्यों निकलते हैं पिंपल्स?
1. ऐसा होने का बड़ा कारण यौनांगों की सफाई ना रखना है। आप हेयर रिमूव नहीं करते, आपको पसीना ज्यादा आता है या आप यूरिन पास करने के बाद प्राइवेट पार्ट की सफाई नहीं रखती इस वजह से भी फुंसिया होने लगती हैं।
2. लेकिन अगर आप साफ-सफाई भी रखती हैं फिर भी ऐसा हो तो कारण आपके अंडर-गार्मेंट्स भी हो सकते हैं। कई बार आप रेजर से हेयर रिमूव करती हैं। यह भी फुंसियां होने का एक कारण है इसके अलावा साबुन का इस्तेमाल करने से भी ऐसा होता है। हमेशा इसके लिए बेस्ट इंटीमेंट वॉश का इस्तेमाल करें।
3. कॉटन के अंडरगार्मेंट्स वियर करें और हेयर रिमूव के लिए क्रीम का इस्तेमाल करते हैं तो उसका इस्तेमाल कम करें क्योंकि बहुत सी महिलाओं को इन हेयर रिमूवर क्रीम से स्किन रेशेज-फुंसियों की समस्या होती है। रेग्यूलर शेव करती हैं तो इसे एंटीसेप्टिक सोल्यूशन से साफ करना ना भूलें। वैसे एक बार गुनगुने गर्म पानी से वेजाइना को साफ जरूर करें।
4. अगर फिर भी फुंसियों की समस्या ठीक न हो तो एक बार गायनाकोलॉजिस्ट से जरूर संपर्क कर लें। वह आपको एंटीबायोटिक गोलियां, क्रीम व लोशन आदि देंगे।
ब्रेस्ट में क्यों होता है लिक्विड डिस्चार्ज?
दूसरी समस्या महिला के स्तनों से गांठ महसूस होना और सफेद रंग का लिक्विड डिस्चार्ज होना। वह ब्रेस्ट से जुड़ी ऐसी कोई परेशानी होती हैं तो सबसे पहले महिलाओं का ध्यान केंसर की ओर ही जाता है लेकिन ऐसा होने के पीछे कुछ और वजह भी हो सकती हैं जैसे
1. अगर आप कोई दवा ले रही हो क्योंकि कई बार कुछ दवाइयों के साइड इफैक्ट के चलते भी ब्रेस्ट से व्हाइट डिस्चार्ज होता है, जिसे ‘गलेक्टोरिया’ कहते हैं। इसके अलावा अन्य कारण पस भी हो सकता है। पस होने पर भी चिपचिपा डिस्चार्ज होने लगता है। ऐसा होने पर गायनाकोलॉजिस्ट से संपर्क कर उन्हें इस बारे में जानकारी दें ताकि वह दवा बदल दें।
2. हर गांठ कैंसर नहीं होती कई बार पीरियड्स आने से पहले और बाद में भी स्तनों में दर्द व ऐंठन महसूस होती है जो अपने आप ठीक भी हो जाती है लेकिन लंबे समय तक बनी गांठ को इग्नोर ना करें।
3. इसके अलावा हार्मोंनल इम्बैलेंस, थायराइड या प्रोलेक्टीन नाम हार्मोंन का लेवल गड़बड़ा जाता है जिससे भी स्तनों में डिस्चार्ज होने लगता हैं। थायराइड की दवाइयां खाने से भी ब्रेस्ट डिस्चार्ज होता है।
ब्रेस्ट से जुड़ी बीमारियों से बचने के लिए 3 से 5 साल के भीतर एक बार मेमोग्राफी जरूर करवाएं ताकि किसी बीमारी को समय रहते पकड़ लिया जाए।