63 साल का धर्मगुरु चौथी बार बना दूल्हा, 13 साल की लड़की से शादी रचाकर खड़ा किया विवाद
punjabkesari.in Thursday, Apr 04, 2024 - 04:11 PM (IST)
दुनिया भर से आए दिन ऐसी खबरें सामने आ रही हैं जिसे सुनकर एक बार तो कानों पर विश्वाश ही नहीं होता है। अब घाना में 63 साल के पादरी द्वारा एक नाबालिग लड़की से शादी करने का मामला सामने आया है, जिससे लोग काफी गुस्से में है और पादरी की गिरफ्तारी की मांग जोरों पर है। शादी के तुरंत बाद लड़की और उसकी मां को पुलिस सुरक्षा में रखा गया है।
जानकारी के अनुसार पादरी जी वुलोमो ( 63) ने शनिवार को राजधानी अक्करा के पास एक पारंपरिक समारोह में 13 वर्षीय लड़की से शादी की। अब अटॉर्नी जनरल ने इस विवाह की जांच शुरू कर दी है। अटॉर्नी जनरल के कार्यालय के एक बयान में कहा गया है, 'अगर आरोप साबित हो जाता है, तो यह एक अपराध है, जिसमें शामिल सभी व्यक्तियों पर मुकदमा चलाया जायेगा।'' घाना के कानून के तहत, शादी के लिए कानूनी न्यूनतम आयु 18 वर्ष है।
सोशल मीडिया पर कुछ तस्वीरें भी सामने आई है जिसमें पादरी छोटी बच्ची को माला पहनाते दिखाई दे रहे हैं। खबरों के मुताबिक, शादी के दौरान गांव की कुछ महिलाओं ने स्थानीय भाषा में बच्ची को शादी के पारंपरिक रिवाज भी बताए. उन्होंने ये भी बताया कि उसे अब पत्नी के तौर पर अपने सारे फर्ज पूरे करने होंगे। पुलिस और अधिकारियों का कहना है कि लड़की 13 वर्ष की है, संबंधित अधिकारियों का हालांकि कहना है कि वह 16 वर्ष की है।
पादरी के प्रवक्ता मनक्रालो श्वोनोटालोर ने बचाव करते हुए कहा कि शादी यौन संबंधों को लेकर नहीं हुयी है। उन्होंने कहा कि लड़की से तब तक वैवाहिक कर्तव्यों को पूरा करने की उम्मीद नहीं की जाएगी जब तक वह 18 वर्ष की नहीं हो जाती। प्रवक्ता ने मीडिया से कहा, ‘‘यह कोई विवाह समारोह नहीं है। पादरी की पहले से ही तीन पत्नियां हैं। यह शादी उनके आध्यात्मिक कर्तव्यों में मदद करने के लिए पारंपरिक भूमिका है। बयान में कहा गया- लड़की के अधिकारों का उल्लंघन नहीं किया गया है और वह अभी भी स्कूल जा रही है।
कम्युनिटी के नेता एनआईआई बोर्टे कोफी फ्रैंकवा द्वितीय ने कहा- पुजारी की पत्नी के रूप में लड़की की भूमिका “विशुद्ध रूप से परंपरा और रिवाज” है। 6 साल की उम्र से यह लड़की पुजारी को अपने पति के रूप में पाने के लिए तपस्या कर रही थी। उसे सिर्फ एक रीति रिवाज के तरह पत्नी बनाया गया है।.घाना के कई लोगों ने सार्वजनिक रूप से आक्रोश जताया और कहा कि यह प्रथा अवैध है।