गर्भावस्था के दौरान किस महीने में Intercourse करना चाहिए
punjabkesari.in Tuesday, Aug 26, 2025 - 01:26 PM (IST)
नारी डेस्क : गर्भावस्था के समय यह सवाल अक्सर दंपत्ति के मन में आता है कि इस दौरान इंटरकोर्स (Intercourse) करना सुरक्षित है या नहीं। डॉक्टरों के अनुसार, अगर गर्भावस्था सामान्य हो और कोई जटिलता न हो तो Intercourse करना सुरक्षित होता है। आप को बता दे की हर तिमाही में शरीर के बदलाव के हिसाब से सावधानियां बरतनी जरूरी होती हैं।
पहली तिमाही (0–3 महीने)
गर्भावस्था की पहली तिमाही में महिला के शरीर में तेजी से हार्मोनल बदलाव होते हैं। इस दौरान उल्टी, थकान, कमजोरी और मूड स्विंग जैसी समस्याएं आम रहती हैं। अगर प्रेग्नेंसी सामान्य है तो इस समय Intercourse किया जा सकता है, लेकिन शुरुआती महीनों में गर्भपात (Miscarriage) का खतरा सबसे अधिक होता है, इसलिए संबंध बनाते समय बहुत कोमलता और सावधानी बरतना जरूरी है।

सावधानियां
पहली तिमाही में अगर महिला को ज्यादा थकान महसूस हो, ब्लीडिंग, पेट दर्द या असामान्य डिस्चार्ज जैसी समस्या हो तो इंटरकोर्स (Intercourse) करने से पूरी तरह बचना चाहिए। इस समय डॉक्टर से सलाह लेना सबसे सुरक्षित और सही तरीका माना जाता है।
दूसरी तिमाही (4–6 महीने)
गर्भावस्था की दूसरी तिमाही को सबसे आरामदायक और सुरक्षित समय माना जाता है। इस दौरान महिला की सेहत और ऊर्जा में सुधार होता है, उल्टी और थकान जैसी शुरुआती परेशानियां कम हो जाती हैं और भ्रूण भी सुरक्षित रूप से विकसित होने लगता है। इस अवधि में शारीरिक संबंध बनाना सामान्यत सुरक्षित माना जाता है क्योंकि बच्चा गर्भाशय और एम्नियोटिक फ्लुइड की परतों से पूरी तरह सुरक्षित रहता है।
सावधानियां
दूसरी तिमाही में इंटरकोर्स (Intercourse) करते समय ऐसे पोज चुनें जिनसे महिला को आराम मिले और पेट पर किसी भी तरह का दबाव न पड़े। हमेशा हाइजीन और साफ-सफाई का ध्यान रखें तथा महिला की इच्छा और सुविधा को प्राथमिकता दें, ताकि यह अनुभव सुरक्षित और सुखद बने।
तीसरी तिमाही (7–9 महीने)
गर्भावस्था की तीसरी तिमाही में पेट काफी बड़ा हो जाता है, जिससे कमर और पीठ में दर्द, भारीपन और थकान ज्यादा महसूस होती है। इस समय कई बार गर्भाशय की मांसपेशियां हल्के-हल्के सिकुड़ने लगती हैं, जिसे ब्रेक्सटन हिक्स संकुचन (Braxton Hicks contractions) कहा जाता है। अगर गर्भावस्था पूरी तरह सामान्य हो तो इस चरण में भी इंटरकोर्स किया जा सकता है, लेकिन कई महिलाओं को असुविधा या दर्द हो सकता है। प्रसव तिथि (Due Date) के करीब Intercourse करने से कभी-कभी लेबर पेन जल्दी शुरू हो सकता है, क्योंकि वीर्य (Semen) में मौजूद प्रोस्टाग्लैंडिन हार्मोन गर्भाशय को उत्तेजित कर सकता है।

सावधानियां
तीसरी तिमाही में संबंध बनाते समय पेट पर किसी भी तरह का दबाव न डालें और हमेशा महिला की सुविधा को प्राथमिकता दें। यदि इस दौरान ब्लीडिंग हो, पानी की थैली फटने लगे या समय से पहले लेबर का खतरा महसूस हो, तो Intercourse से पूरी तरह बचना चाहिए और तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
किन स्थितियों में पूरे प्रेग्नेंसी में इंटरकोर्स करने से बचना चाहिए?
गर्भावस्था में कुछ खास स्थितियों में इंटरकोर्स करना मां और बच्चे दोनों के लिए जोखिम भरा हो सकता है। ऐसे मामलों में डॉक्टर अक्सर पूरी प्रेग्नेंसी के दौरान इंटरकोर्स से परहेज करने की सलाह देते हैं, जैसे–
बार-बार ब्लीडिंग होना
जुड़वां या उससे अधिक बच्चे होना
प्लेसेंटा का नीचे होना (Placenta Previa)
पानी की थैली जल्दी फटने का खतरा
गर्भाशय का मुंह कमजोर होना (Cervical weakness)
पहले समय से पहले डिलीवरी होने का इतिहास
इन स्थितियों में सेक्स पूरी तरह टालना सबसे सुरक्षित उपाय है।

गर्भावस्था के दौरान Intercourse सामान्यतः सुरक्षित होता है, लेकिन हर तिमाही के हिसाब से सावधानियां बरतना जरूरी है। पहली तिमाही में सबसे अधिक सावधानी की आवश्यकता होती है, दूसरी तिमाही सबसे आरामदायक और सुरक्षित मानी जाती है, जबकि तीसरी तिमाही में महिला की सुविधा और डॉक्टर की सलाह के आधार पर ही इंटरकोर्स करना उचित है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि यदि महिला को किसी भी तरह की असुविधा, दर्द या ब्लीडिंग महसूस हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

