700 रुपए सैलरी लेने वाली नीता अंबानी का आज पूरी दुनिया में है नाम, ऐसे बनी परफेक्ट बहू और बिजनेस वुमेन

punjabkesari.in Saturday, Nov 01, 2025 - 02:14 PM (IST)

नारी डेस्क:  देश के सबसे अमीर बिजनेसमैन मुकेश अंबानी की पत्नी नीता अंबानी न सिर्फ़ अंबानी परिवार का अहम हिस्सा हैं, बल्कि उन्होंने अपनी मेहनत और व्यक्तित्व से एक प्रेरणादायक महिला के रूप में खुद की अलग पहचान बनाई है। भले ही वो मिडल क्लास परिवार से आईं, लेकिन आज वो एक एजुकेशनिस्ट, आर्टिस्ट और बिजनेसवुमन के रूप में लाखों महिलाओं के लिए मिसाल हैं। आइए जानते हैं नीता अंबानी के जन्मदिन के माैके पर उनकी ज़िंदगी से जुड़ी कुछ रोचक बातें।

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बचपन और शिक्षा

नीता अंबानी का जन्म 1 नवंबर 1963 को मुंबई के एक सामान्य गुजराती परिवार में हुआ। उनके पिता एक स्कूल शिक्षक थे, और उनकी परवरिश मिडल क्लास मूल्यों के बीच हुई।  उन्होंने नरसी मोनजी कॉलेज ऑफ कॉमर्स एंड इकोनॉमिक्स से स्नातक की पढ़ाई की। शादी से पहले वह एक टीचर थी और करीब 700 रु. महीना वेतन लेती थी लेकिन अंबानी बहू बनने के बाद नीता अंबानी की पूरी जिंदगी ही बदल गई। शादी के समय नीता ने मुकेश अंबानी से वादा लिया था कि वह शादी के बाद अपना काम नहीं छोड़ेगी और उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र को बढ़ावा देते हुए दक्षिण मुंबई के जामनगर में धीरुभाई अंबानी इंटरनेशनल स्कूल की संस्थापना की। इसके बाद उन्होंने पातालंगगा प्लांट के पास एक ग्रामीण स्कूल शुरु किया। उन्होंने आर्थिक रुप से कमजोर बच्चों की शिक्षा के लिए भी कई स्कूल खोलें हैं। 


भरतनाट्यम डांसर से लेकर इंडस्ट्री आइकन तक

 नीता अंबानी बचपन से ही एक ट्रेंड भरतनाट्यम डांसर थीं। नीता ने एक इंटरव्यू में बताया था कि वह छः साल की थी जब से वह भरतनाट्यम सीख रही हैं। क्लासिक डांस उनकी एक ऐसी च्वाइस रहा है जिसने उन्हें आत्मविश्वास दिया और सशक्त किया। डांस उनके लिए एक मेडिटेशन है।  नीता मुकेश अंबानी कल्चर सेंटर के जरिए इंडियन आर्ट एंड कल्चर को आगे बढ़ाने के भरसक प्रयासों में लगी है।  शादी के बाद भी उन्होंने अपनी कला और समाज सेवा से जुड़ाव नहीं छोड़ा।

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 बिजनेसवुमन और लीडरशिप

नीता अंबानी रिलायंस फाउंडेशन की चेयरपर्सन हैं, जो भारत का सबसे बड़ा चैरिटेबल संगठन है। वे आईपीएल टीम मुंबई इंडियंस  की मालिक भी हैं, जिसने कई बार खिताब जीता है। 2016 में उन्हें इंटरनेशनल ओलंपिक कमेटी (IOC) की सदस्यता भी मिली ,  यह सम्मान पाने वाली वे पहली भारतीय महिला हैं। ह बात बहुत कम लोग जानते होंगे कि शादी के 7 साल बाद नीता अंबानी ने आईवीएफ के जरिए जुड़वा बच्चों को जन्म दिया था। बच्चों के जन्म के बाद नीता अंबानी ने अपना सारा वक्त उनकी परवरिश में लगाया और 5 साल बाद अपने काम पर वापसी की थी। 


 समाज सेवा और महिला सशक्तिकरण

नीता अंबानी ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं के लिए स्वास्थ्य, शिक्षा और आत्मनिर्भरता से जुड़े कई प्रोजेक्ट चलाती हैं। उनकी सोच है-  अगर एक महिला शिक्षित होगी, तो पूरा परिवार आगे बढ़ेगा। करोड़ों की लाइफस्टाइल के बावजूद नीता अंबानी आज भी बेहद सादगी और पारिवारिक मूल्यों में विश्वास रखती हैं। वे अपने बच्चों को भी “जमीन से जुड़े रहने” की सीख देती हैं। नीता अंबानी की कहानी बताती है कि सफलता सिर्फ़ अमीरी से नहीं, बल्कि दृष्टिकोण और कर्म से मिलती है। मंज़िल चाहे कितनी भी ऊँची हो, अगर मेहनत सच्ची है तो हर सपने को सच किया जा सकता है।”


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Content Writer

vasudha

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