दफनाने से पहले हथौड़े से तोड़ी जाएगी पोप की अंगूठी, जानिए ईसाई धर्मगुरु का कैसे होता है संस्कार
punjabkesari.in Monday, Apr 21, 2025 - 04:48 PM (IST)

नारी डेस्क: पोप फ्रांसिस का सोमवार सुबह निधन हो गया जो प्रथम लैटिन अमेरिकी पोप थे और जिन्होंने अपने करिश्माई व्यक्तित्व, विनम्र स्वभाव तथा गरीबों के प्रति चिंता के साथ पूरी दुनिया में लोगों पर अमिट छाप छोड़ी। वह 88 वर्ष के थे। वह 38 दिन तक अस्पताल में रहे जो पोप के रूप में उनके 12 साल के कार्यकाल में अस्पताल में भर्ती होने की सबसे बड़ी अवधि है। आइए आज जानते हैं कि पोप के अंतिम संस्कार की प्रक्रिया क्या होती है।
कैमरलेन्गो करता है निधन की घोषणा
पोप फ्रांसिस का अंतिम संस्काररोमन कैथोलिक परंपरा और वैटिकन के सख्त रीति-रिवाज़ों के अनुसार किया जाएगा। पोप की मृत्यु की पुष्टि कैमरलेन्गो (Camerlengo)द्वारा कीजाती है, जो वेटिकन में विशेष जिम्मेदारियों वाला अधिकारी होता है। वह पोप के माथे को चांदी की छोटी हथौड़ी से छूते हुए तीन बार नाम लेकर पुकारता है। यदि कोई उत्तर नहीं मिलता, तो मृत्यु की औपचारिक घोषणा होती है।
अंगूठी को तोड़ा जाता है
पोप की विशिष्ट “फिशरमैन रिंग” (Fisherman's Ring) को हथौड़े से तोड़ दिया जाता है ताकि कोई उसका दुरुपयोग न कर सके। पोप के निधन के बाद 9 दिन तक वैटिकन और दुनिया भर के चर्चों में प्रार्थना और विशेष मिस्सा (Mass) की जाती है। इन 9 दिनों को Novemdiales कहा जाता है।पोप का पार्थिव शरीर को पोप का पार्थिव शरीर अंतिम दर्शन के लिए रखा जाता है शरीर को विशेष पोपीय पोशाक में तैयार किया जाता है। सेंट पीटर्स बैसिलिका (St. Peter’s Basilica) में तीन दिनों तक रखा जाता है ताकि लोग दर्शन कर सकें।
अंतिम संस्कार
अंतिम संस्कार एक बहुत भव्य और पवित्र समारोह होता है, जिसमें: विश्वभर के नेता, राजनेता, धर्मगुरु और लाखों श्रद्धालु शामिल होते हैं। यह समारोह सेंट पीटर्स स्क्वायर में होता है और दुनिया भर में लाइव प्रसारित होता है।पोप को सम्मानपूर्वक Requiem Mass (प्रार्थना सभा) दी जाती है। पार्थिव शरीर को साइप्रस की लकड़ी के ताबूत में रखा जाता है, पोप को सेंट पीटर की समाधि के नीचे वेटिकन ग्रोटोस (Vatican Grottoes) में दफनाया जाता है। यदि पोप की कोई विशेष इच्छा हो, तो उसे किसी अन्य चर्च या स्थल में भी दफनाया जा सकता है। पोप का अंतिम संस्कार पूरी तरह धार्मिक और अत्यंत सम्मानजनक प्रक्रिया होती है, जिसमें वैटिकन की हजारों साल पुरानी परंपराओं का पालन किया जाता है।