उत्पन्ना एकादशी पर इस तरह करें भगवान विष्णु को प्रसन्न, जानिए व्रत की कथा और पूजा विधि
punjabkesari.in Sunday, Nov 20, 2022 - 10:17 AM (IST)
हिंदू धर्म के अनुसार, एकादशी की तिथि को भी बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। हर साल मार्गशीर्ष महीने की कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को उत्पन्ना एकादशी मनाई जाती है। इस साल उत्पन्ना एकादशी 20 दिसंबर यानी रविवार को मनाई जाएगी। इस दिन मां एकादशी की उत्पत्ति हुई थी और उन्होंने मुर नाम के असुर का वध किया था। इसलिए लोग उत्पन्ना एकादशी के दिन भगवान विष्णु और मां एकादशी की पूजा करते हैं । माना जाता है कि उत्पन्ना एकादशी पर कुछ खास उपाय करने से संतान, धन और सुख मिलता है। तो चलिए जानते हैं इनके बारे में...
उत्पन्ना एकादशी की कथा
पौराणिक कथाओं के अनुसार, सतयुग में मुर नाम के राक्षस ने असुरों पर विजय प्राप्त करके इंद्रदेव को उनके पद से हटा दिया था। जिसके बाद सारे देवता भगवान शंकर के पास गए। भगवान शंकर ने उन्हें विष्णु के पास जाने की सलाह दी। फिर देवताओं ने भगवान विष्णु को सारी बात बताई। भगवान विष्णु ने देवताओं की सहायता करने के लिए आगे बढ़े। उन्होंने अपने धनुष बाण से सारे दानवों को मार दिया लेकिन वह मुर नामक दानव को नहीं मार पाए। क्योंकि वह देवताओं के वरदान से अमर था। जब विष्णु जी मुर को नहीं मार पाए तो वह युद्ध छोड़कर बद्रिकाश्रण नाम की गुफा में आराम करने चले गए। जैसे ही इस बात का मुर को पता चा तो वह उस गुफा में मुर को मारने के लिए चला गया। इस दौरान भगवान विष्णु के शरीर में से एक कन्या पैदा हुई जिसने मुर नाम के दानव का वध किया। उस कन्या ने भगवान विष्णु को बताया कि मैं आपके सरीर में से पैदा हुई एक शक्ति हूं। इस पर भगवान विष्णु जी बहुत खुश हुए। उन्होंने कन्या को वरदान दिया तुम संसार के मायाजल में उलझे तथा मोहवश मुझे भूले हुए प्राणियों को मेरे तक लाने में सक्षम रहोगी। तुम्हारी पूजा करने वाला प्राणी सारी जिंदगी खुश रहेगा। मृत्यु के बाद भी वह मेरे लोक में निवास करने के अधिकारी बनेगा। वही कन्या एकादशी थी। वर्ष के 24 एकादशियों में से इस एकादशी का बहुत ही महत्व है। भगवान विष्णु के शरीर में से उत्पन्न होने वाली कन्या के कारण इस एकादशी के नाम उत्पन्ना एकादशी पड़ा।
एकादशी के दिन कर लें ये उपाय
. यदि आप संतान की प्राप्ति करना चाहते हैं तो इस दिन भगवान विष्णु की पूजा पूरे विधि-विधान से करें। पति-पत्नी साथ में व्रत रखकर पूजा करें। इससे उनकी सारी मनोकामनाएं पूरी होंगी।
. इस दिन आप भगवान विष्णु के साथ मां लक्ष्मी की पूजा भी जरुर करें। इससे भगवान विष्णु की कृपा के साथ मां लक्ष्मी भी आप पर प्रसन्न होंगी। घर में हमेशा सुख, समृद्धि और धन-धान्य भी रहेगा।
. व्रत और पूजा खत्म होने के बाद रात में जागरण भी जरुर करें। इससे भगवान विष्णु प्रसन्न होंगे और आपकी सारी मनोकामनाएं पूरी होंगी।
. भगवान विष्णु के मंत्र ओम नमो भगवते वासुदेवाय: नम: का भी जाप जरुर करें। पूजा के दौरान इस मंत्र का जाप करने से उनकी कृपा आप पर बनेगी।
. पूजा में आप भगवान विष्णु को तुलसी के पत्ते और पंचामृत का भोग लगाएं। इससे भी आपको जीवन में कई सारे सुख मिलेंगे। लेकिन इस बार उत्पन्ना एकादशी रविवार को है लेकिन रविवार वाले दिन तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ते इसलिए पत्ते पहले ही तोड़ कर रख लें।
. इस एकादशी पर आप उत्पन्ना एकादशी की कथा जरुर करें। इससे आपको जीवन में लाभ मिलेगा और पापों से भी छुटकारा मिलेगा और मृत्यु के बाद मोक्ष मिलेगा।
. उत्पन्ना एकादशी के व्रत का पारण करके आप पूजा के बाद किसी गरीब ब्राह्मण को पीले कपड़े, विष्णु चालीसा, केला, पीली मिठाई, घी आदि चीजों का दान जरुर करें। भोजन करवाने के बाद ब्राह्मण को दक्षिणा लेकर ही विदा करें। इससे आपको व्रत को पूर्ण फल मिलेगा।