मार्च 2021 का यह है कहना , कोरोना  महामारी से  बचके रहना

punjabkesari.in Monday, Mar 08, 2021 - 06:20 PM (IST)

मार्च का आया महीना ,

माथे से टपकने लगा पसीना ,

हर तरफ है डर का एहसास ,

पता नहीं कब आ  जाये कोई खबर ख़ास |

 

जान है तो जहान ,

क्यों नहीं सब रखते है इसका ध्यान ?

मास्क , सेनिटाइज़र का हर जगह है प्रचार ,

इस्तेमाल करने  का कहीं नहीं है आसार |

 

याद करो बीता हुआ साल ,

कोरोना के डर से सब थे बेहाल ,

कारोबार , ऑफिस , पार्टी , शादी सब पर था रोक ,

किसी के देहांत का भी नहीं कर सकते थे शोक़ |

 

जब कभी कोई बीमार होता था ,

तो खैरियत पूछने जाते थे ,

दुःख तकलीफ सबकी मिल कर सुलझाते थे |

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कोरोना की ऐसी चली हवा ,

जिसकी नहीं थी कोई दवा ,

और  सब अपनों से होने लगे जुदा |

 

घर कहलाने लगा स्वर्ग ,

महत्त्व घरवालों की आने लगी समझ ,

और होने लगा उन सब पर गर्व |

 

घर में बनते थे नए नए पकवान ,

सेहत का सब रखते थे ध्यान ,

अपने स्वस्थ लाइफस्टाइल  की बनाई एक नयी पहचान |

 

इतना कुछ किया किस के लिए ?

जान सब को बचानी थी इसलिए |

 

आज फिर कयूँ हो रहे है हम सब लापरवाह ?

क्या कोरोना से हो गए सब बेपरवाह ?

सतर्कता हटी ,

दुर्घटना घटी ,

ना समझो इस कोरोना को मामूली,

एतिहात मानों  पूरी ,

 

इधर उधर संभल कर रखो कदम  ,

आज भी है कोरोना में है उतना ही दम |

 

अपनों को खोया है इस कोरोना  से , पिछले साल ,

अपने घर को बचा कर रखें  इस साल ,

 

क्यूंकि

 

फिर आया मार्च का महीना

माथे से टपकने लगा पसीना |

Bhawna Shah (भावना शाह)


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Content Writer

Vandana

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