पितरों की कृपा पाने के लिए पितृ पक्ष में लगाएं ये पांच पौधे, घर में आएगी खुशियां
punjabkesari.in Sunday, Sep 07, 2025 - 05:58 PM (IST)

नारी डेस्क : हिंदू धर्म में पितृ पक्ष एक बेहद पवित्र समय होता है। यह 15 दिन पूर्वजों (पितरों) की आत्मा की शांति और आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए समर्पित होते हैं। पितृ पक्ष 7 सितंबर(आज) से शुरू होकर 21 सितंबर तक रहेगा। इस दौरान लोग श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान करके अपने पूर्वजों को स्मरण करते हैं। लेकिन एक खास परंपरा ऐसी भी है जो पितृ पक्ष को और अधिक फलदायी बनाती है। वह है पवित्र पौधों का रोपण। माना जाता है कि इस दौरान कुछ विशेष पौधे लगाने से पितरों की कृपा मिलती है, परिवार में सुख-समृद्धि आती है और पितृ दोष से मुक्ति मिलती है।
पितृ पक्ष में पौधरोपण का महत्व
पौधे केवल वातावरण को शुद्ध नहीं करते, बल्कि धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से भी बेहद पवित्र माने जाते हैं। पितृ पक्ष के दौरान जब हम विशेष पौधों का रोपण करते हैं, तो यह न सिर्फ प्रकृति की सेवा है बल्कि अपने पूर्वजों के प्रति श्रद्धा और आभार प्रकट करने का एक सुंदर माध्यम भी है। माना जाता है कि इससे घर-परिवार में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है और आने वाली पीढ़ियों के लिए शांति और समृद्धि सुनिश्चित होती है। इसी कारण इस पावन समय में कुछ खास पौधों का लगाना बेहद शुभ माना गया है।
तुलसी का पौधा
हिंदू धर्म में तुलसी को मां का दर्जा दिया गया है और यह सबसे पवित्र पौधों में गिनी जाती है। माना जाता है कि पितरों को अर्पित किया जाने वाला तर्पण तुलसी के बिना अधूरा रहता है। पितृ पक्ष में तुलसी का पौधा लगाने से पितरों को मोक्ष और आत्मिक शांति मिलती है। साथ ही, तुलसी वातावरण को शुद्ध करती है, घर में सकारात्मक ऊर्जा फैलाती है और नकारात्मक प्रभावों को दूर करती है। यही कारण है कि तुलसी को पितृ दोष से मुक्ति दिलाने वाला सबसे प्रमुख पौधा माना गया है।
पीपल का पेड़
हिंदू धर्म में पीपल को अत्यंत पवित्र माना गया है और इसे भगवान विष्णु, भगवान शिव और पितरों का निवास स्थान कहा गया है। पितृ पक्ष के दौरान पीपल के पेड़ की पूजा और रोपण करना बेहद शुभ माना जाता है, क्योंकि माना जाता है कि पितर पक्षियों के रूप में पीपल के आसपास आते हैं। इस पेड़ को लगाने से पितर प्रसन्न होते हैं और घर-परिवार पर उनका आशीर्वाद बना रहता है। पीपल वंश की निरंतरता, अच्छे स्वास्थ्य और परिवार की समृद्धि का प्रतीक माना जाता है।
केले का पौधा
केला भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी को समर्पित एक पवित्र पौधा है। पितृ पक्ष के दौरान ब्राह्मणों को केले से बने व्यंजन अर्पित करना अत्यंत पुण्यकारी माना जाता है। इसी प्रकार, इस समय केले का पौधा लगाना भी शुभ है, क्योंकि इससे घर में धन, स्थिरता और उन्नति आती है। केले का पौधा परिवार में पोषण, दानशीलता और धार्मिक पुण्य का प्रतीक भी माना जाता है।
बेल पेड़
बेल पेड़ भगवान शिव को अत्यंत प्रिय माना जाता है और इसके पत्ते पूजा-अर्चना में चढ़ाए जाते हैं। पितृ पक्ष में बेल वृक्ष लगाना शुभ माना जाता है, क्योंकि इससे पाप और नकारात्मक कर्मों का नाश होता है। इसे लगाने और इसकी देखभाल करने वालों को आध्यात्मिक उन्नति, पारिवारिक शांति और पितरों व देवताओं दोनों का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
नीम पेड़
नीम का पेड़ अपने औषधीय और आध्यात्मिक महत्व के कारण पवित्र माना जाता है। पितृ पक्ष में नीम का पौधा लगाने से रोग और बुरी शक्तियां दूर रहती हैं। इसके साथ ही, इस वृक्ष की देखभाल करने वाले परिवार को पितरों की कृपा से अच्छा स्वास्थ्य, सुख-शांति और समृद्धि प्राप्त होती है।
पितृ पक्ष केवल श्राद्ध और तर्पण का ही समय नहीं है, बल्कि यह पूर्वजों के प्रति कृतज्ञता और प्रकृति को समर्पण का भी अवसर है। तुलसी, पीपल, केला, बेल और नीम जैसे पवित्र पौधे लगाना न केवल पितरों को प्रसन्न करता है, बल्कि घर-परिवार में सकारात्मक ऊर्जा, सुख-समृद्धि और शाश्वत आशीर्वाद भी लाता है।