फूलों की कलाकारी कैसे बन गई इन औरतों के कमाने का जरिया ?

punjabkesari.in Friday, Mar 06, 2020 - 01:16 PM (IST)

पंजाब की आन, शान और पहचान 'फुलकारी' के बारें में कौन नहीं जानता है। फुलकारी की खूबसूरती किसी से छुपी नहीं है। मगर यह कब औरतों की सजावट से उनके कमाने का साधन बन गया पता ही नहीं चला। इस बात का खुलासा इंस्टाग्राम के पेज Etsy India पर किया गया। यह पेज एक मार्किट प्लेस है जो सिर्फ और सिर्फ क्रिएटिव यानी कलाकारी को दुनिया भर में पहुंचता है। यानी कि फुलकारी को देश-विदेश में सप्लाई करने का सबसे आसान तरीका।इन्हीं की शेयर की हुई वीडियो के कारण हमें कई औरतों के फुलकारी से जुड़ी एक दिल छू देने वाली कहानी के बारें में पता चला है। आइए आपको भी दिखातें है इस वीडियो की एक झलक..... 

 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

The wait is over! Hop onto the train as it's time to #DiscoverIndiaWithEtsy. Our journey begins in North India, Punjab, where we found Phulkari - An age-old craft transmitted by word of mouth. Originally practiced by Punjabi women as a leisure activity, Phulkari is a craft-form neatly tucked into the vibrant culture of Punjab. The designs are a reflection of a woman's life and therefore, each design is uniquely handmade. Watch the magic of Phulkari unfold and tag someone who belongs to Punjab and help them #DiscoverIndiaWithEtsy in ways they didn't know! Stay tuned for more. [Part 1/2] #EtsySellersinIndia #EtsyIndia #phulkari #traditionalcraft #incredibleindia #punjab #culture #heritage #craftsofindia #handembroidery #phulkaridupatta #indianheritage #storiesofindia

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During our time in Punjab, we met the women of Phulkari. A craft that's synonymous with Punjab and the people who make the culture. Unique in its own way - Phulkari literally translates to flower work, inspired by natural beauty. Featured : PhulkariHub.Etsy.Com We hope, you’ve enjoyed the first stem of this enigmatic journey, because there's more to come with #DiscoverIndiaWithEtsy. Stay tuned as we travel to the City of Nawabs, in rain or shine, to bring you an exquisite craft. Part [2/2] Featured here : PhulkariHub.Etsy.com #EtsyMadeinIndia #EtsySellersinIndia #EtsyIndia #phulkari #traditionalcraft #incredibleindia #punjab #culture #heritage #craftsofindia #discoverindia #handmadeinindia #makeinindia

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क्या बताया दयावंती ने ?

दयावंती नाम की औरत ने फुलकारी की एक अलग ही कहानी सुनाई। ऐसा लगता है कि यह फूलों की कलाकारी ही नहीं बल्कि इन औरतों का जीना का मकसद है। यह सिर्फ सिल्क के धागों को नहीं बल्कि अपने सपनों को बुन रहे हो। दयावंती ने बताया कि कैसे उन्होंने यह फुलकारी 15 साल की उम्र में सिखी थी और अब 50 के हो जाने के बाद भी कर रही है। 

क्या है फुलकारी का प्रोसेस? 

उन्होंने फुलकारी के बारें में बहुत कुछ बताया। उन्होंने कहा की- 'वो पुराने कपड़ों से बुनती है फिर ब्लॉक प्रिंटिंग कर उसपर डिज़ाइन दिया जाता है उसके बाद उसपर कढ़ाई की जाती है।' यह एक लंबा प्रोसेस है। मगर इसका नतीजा भी उतना ही खूबसूरत निकल कर आता है। 

 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

On this journey to #DiscoverIndiaWithEtsy we are currently in Punjab, taking in the whiff of Sarso Da Saag and Makki Di Roti, listening to the faint sound of a tube-well somewhere in the distance & admiring the beauty of lush green fields. All of this while a lady who has been embroidering Phulkari since the age of 15 shares the wonder of this craft with us. Have you been watching? Comment below to tell us what you love the most about this craft. Stay tuned because there's more coming tomorrow. #EtsyMadeinIndia #EtsySellersinIndia #EtsyIndia #phulkari #phulkaridupatta #punjab #craftsofindia #incredibleindia #storiesofindia #indianheritage #handembroidery

A post shared by Etsy India (@etsyin) on Sep 26, 2019 at 4:09am PDT

कहीं और से आया और पंजाब के दिल में गया बस

दूसरी लेडी कहती है कि सेंट्रल एशिया से आकर यह पंजाब के दिल में कब बस गया कि पता ही नहीं चला। आपको बतादें कि यह कलाकारी पाकिस्तान से शुरू हुई थी। अगर इसके मतलब की बात करें तो यह एक तरह की कढ़ाई है जिसे सिल्क के रेशमी धागों के साथ किया जाता है। फुलकारी शब्द का निर्माण दो शब्दों को मिलाकर हुआ है, "फूल" और "कारी" से बना है जिसका मतलब 'फूलों की कलाकारी' होता है।यह ज्यादातर पंजाब शहर में बनाया जाता है।

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क्यों बनाया जाती थी फुलकारी ?

औरतें यह फेब्रिक अपने खाली समय में बड़े शौक से डिज़ाइन करती थी। दरअसल, वो यह अपने बेटियों और बहूओं के लिए बनाती थी। पहले शादी में गिफ्ट देने के लिए फुलकारी का ही इस्तेमाल किया जाता था। 

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कहा से ली फुलकारी बनाने की प्रेरणा ?

फुलकारी बनाने की प्रेरणा कही और से नहीं बल्कि फूल, पौधे और खेतों से ही ली गई है। उन्हें देखकर धागों में लपेट कर कपड़े पर उतारना तो कोई इन औरतों से सीखें। पंजाब के न जानें कितने गावों में फुलकारी का ही सपना बुन रहा है। मगर अब यह सिर्फ सपना नहीं रहा बल्कि इन औरतों का कमाने का साधन बन चुका है। 


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Content Writer

shipra rana

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