पीरियड्स में हैवी ब्लीडिंग के कारण हर घंटे बदलती है पैड तो हो जाए अलर्ट

punjabkesari.in Wednesday, Sep 30, 2020 - 11:45 AM (IST)

पीरियड्स के दौरान महिलाओं को सिरदर्द, कमजोरी, पेट में तेज दर्द , मूड़ स्विंग जैसी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। वहीं, कुछ महिलाओं को इस दौरान हैवी ब्लीडिंग भी होती है, जिसे वो मामलू समझ इग्नोर कर देती है। मगर, पीरियड्स में होने वाली हैवी ब्लीडिंग मेनोरेजिया बीमारी का संकेत भी हो सकती है।

पीरियड्स में हैवी ब्लीडिंग मेनोरेजिया का संकेत

मेनोरेजिया के कारण महिलाओं को इतनी तेज ब्लीडिंग होती है कि हर घंटे पेड बदलने की जरूरत पड़ती है। यही नहीं, इसके कारण महिलाओं को पूरा दिन पेट में तेज दर्द होता है, जिसके चलते रोजमर्रा के काम करने भी मुश्किल हो जाते हैं।

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मेनोरेजिया के लक्षण

. हैवी ब्लीडिंग के कारण हर एक घंटे में पैड बदलने की जरूरत
. रात में सोते समय भी पैड चेंज करने की जरूरत महसूस होना
. ब्लीडिंग में खून के थक्के आना
. 7 दिनों से ज्यादा हैवी ब्लीडिंग
. पूरे समय थकावट रहना
. सांस लेने में भी दिक्कत
. पेट में पूरा दिन असहनीय दर्द रहना

क्यों होता है मेनोरेजिया?

एनीमिया के कारण शरीर में खून और पोषक तत्वों की कमी के कारण महिलाओं को इस गंभीर समस्या का सामना करना पड़ता है।

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हार्मोन का स्तर बिगड़ना

दरअसल, हर महीने महिलाओं के यूट्रस में एक परत बनती है। यही परत टूटकर पीरियड्स के दौरान ब्लीडिंग के जरिए बाहर निकलती है। मगर, हार्मोन्स स्तर बिगड़ने पर ये परत मोटी हो जाती है, जिसके कारण ब्लीडिंग भी अधिक होती है।

यूट्रस फाइब्रॉएड ट्यूमर

यूट्रस की परत में पॉलीप्स बढ़ने के कारण भी महिलाओं को इसका सामना करना पड़ता है। वहीं यूट्रस में फाइब्रॉएड ट्यूमर (रसौली) की वजह से भी यह दिक्कत हो सकती है। इसके अलावा गर्भाशय या ओवरी कैंसर भी इसकी वजह हो सकता है।

प्रेगनेंसी से संबंधित समस्या

एक्टोपिक प्रेग्नेंसी यानि फर्टिलाइज्ड एग का यूट्रस के बाहर की तरफ बढ़ना। इसके कारण ना सिर्फ प्रेगनेंसी में दिक्कतें आती है बल्कि पीरियड्स के दौरान हैवी ब्लीडिंग भी होती है। 

दवाओं का साइड-इफैक्ट

शरीर में सूजन और जलन कम वाली दवाएं भी इस परेशानी का कारण बन सकती हैं। ऐसे में बेहतर होगा कि आप किसी भी दवा का सेवन करने से पहले डॉक्टर से सलाह लें।

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मेनोरेजिया का इलाज

मेनोरेजिया का इलाज 4 तरीकों से किया जाता है...

1. अगर मामला गंभीर ना हो तो डॉक्टर गर्भनिरोधक पिल्स देते हैं, ताकि हार्मोन्स को बैलेंस करके ब्लीडिंग को कम किया जा सके। इसके अलावा डॉक्टर हैवी ब्लीडिंग को रोकने के लिए भी कुछ दवाएं देते हैं, जो पीरियड्स के दौरान लेनी होती है।
2. पॉलीप्स या फाइब्रॉएड के कारण मेनोरेजिया की समस्या होने पर डॉक्टर सर्जरी की सलाह दे सकते है।
3. हैवी ब्लीडिंग को रोकने के लिए कई बार डॉक्टर डाइलेशन और क्यूरेटेज से यूट्रस से परत हटाकर सफाई करते हैं। कई बार महिलाओं को एक से ज्यादा बार यूट्रस की सफाई करवानी पड़ती है।
4. अगर मामला बहुत ज्यादा गंभीर हो तो डॉक्टर सर्जरी द्वारा गर्भाश्य निकाल देते हैं, जिसे हिस्टेरेक्टॉमी ट्रीटमेंट कहा जाता है। इसके बाद महिलाओं को पीरियड्स नहीं होते और वह कंसीव भी नहीं कर पाती।


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Content Writer

Anjali Rajput

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