अस्थमा रोगी के लिए फायदेमंद है पासासन, जानिए कैसे?

punjabkesari.in Wednesday, Jan 16, 2019 - 01:25 PM (IST)

अस्थमा क्या है :  अस्थमा सांस की बीमारी है, इसे दमा भी कहा जाता है। सर्दी के मौसम में अस्थमा के मरीजों की परेशानी भी बढ़ जाती है क्योंकि इस मौसम में श्वास नलियां सिकुड़ने लगती है और कफ भी ज्यादा बनता है। ऐसे में अस्थमा मरीजों को सर्दियों में अपनी खास केयर करनी चाहिए। आज हम आपको एक पासासन के बारे में बताएंगे, जोकि अस्थमा रोगी (Asthma Patients) के लिए काफी फायदेमंद है।

अस्थमा के लिए पासासन करने की विधि

इस आसन को करने के लिए ताड़ासन की मुद्रा में सीधे खड़े हो जाए और फिर घुटनों को स्‍क्‍वैट करने की स्थिति में झुकाए। इस दौरान तलवों को जमीन पर स्थिर रखकर घुटनों को मोड़कर बैठ जाए। फिर शरीर के ऊपरी हिस्‍से को दाईं तरफ मोड़ें और शरीर के ऊपरी हिस्से को दाहिने घुटनों तक लाने की कोशिश करें। अपने हाथों व हथेलियों को भी मोड़ लें। फिर पीठ की तरफ से हाथों को ले जाकर एक हाथ से दूसरे हाथ को कसकर पकड़ें। फिर अपने सिर को ऊपर की तरफ करके 4-5 बार लंबी सांस लें। इसके बाद सामान्य स्थिति में आ जाएं।

PunjabKesari

पासासन के अन्य फायदे

पासासन से अस्थमा के साथ-साथ दूसरी बीमारियों से बचने में भी मदद मिलती है। इसके नियमित अभ्यास से शरीर फिट और पेट से जुड़ी बीमारियां दूर रहती है। साथ ही इससे पीरियड्स के समय हल्का पीठ दर्द, कंधे का दर्द या गर्दन के दर्द से राहत पहुचाता है। भले ही यह आसन करने में थोड़ा मुश्किल हो लेकिन इसेक लगातार अभ्यास से आप इसे आसानी से कर सकते हैं। इसके अलावा इस आसन को करने से मासिक धर्म, साइटिका, हल्का पीठ दर्द, कंधे का दर्द या फिर गर्दन के दर्द भी ठीक हो जाता है।

PunjabKesari

व्यायाम से जुड़ी जरुरी बातें

अगर अस्थमा का दौरा पड़े तो व्यायाम कम कर दे। इस व्यायाम को करने से पहले, दौरान तथा बाद में तरल पदार्थ का ज्यादा से ज्यादा सेवन करें। व्यायाम से पहले अच्छी तरह वार्मअप करे और रिलैक्स होने के लिए भी ज्यादा टाइम लें। व्यायाम करते समय उचित तापमान का भी ध्यान रखें। आपको सांस लेने में तकलीफ ना हो इसलिए इस आसन से पहले अस्थमा इन्हेलर (Asthma Inhalers) का इस्तेमाल जरूर कर लें।

 

अस्थमा के मरीजों के लिए सावधानियां  (Asthma Precautions)

 

PunjabKesari
अस्थमा अटैक आने पर घबराए नहीं क्योंकि इससे आपको सांस लेने में परेशानी हो सकती है।

अटैक आने पर मुंह से सांस लेते रहे और फिर मुंह बंद करके नाक से सांस लें। धीरे धीरे सांस अंदर लें और बाहर छोड़ेें।

ध्यान रखें कि सांस लेते समय रुके नहीं तथा लंबी-लंबी सांस लें।

डॉक्टर से समय-समय पर जांच करवाते रहे।

ज्यादा भीड़-भाड़ या ट्रैफिक वाले इलाके से दूर रहें।

पूरी तरह गर्म कपड़ों से खुद को ढककर रखें। अपना इन्हेलर हमेशा पास रखें।

ठंड में खाने में तरल पदार्थ का सेवन अधिक करें। घर पर बना खाना ही खाएं। डाइट में ताजे फल और सब्जियां शामिल करें। 

आग की तपन ठंड को शरीर से दूर रखती है लेकिन जलती हुई लकड़ी का धुंआ अस्‍थमा मरीजों के लिए घातक साबित हो सकता है इसलिए आग में ना बैठें।

 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Sunita Rajput

Related News

static