बच्चों के Screen Time को मैनेज करने से पहले खुद के लिए भी रूल्स बनाएं Parents

punjabkesari.in Thursday, Nov 28, 2024 - 05:47 PM (IST)

नारी डेस्क: कई परिवारों में कभी काम तो कभी मनोरंजन के लिए स्क्रीन से चिपके रहना दैनिक जीवन का हिस्सा होता है। लेकिन पेरेंट्स  के लिए, बच्चों को स्क्रीन से ज्यादा से ज्यादा दूर रखना ही काफी नहीं है बल्कि खुद के लिए भी स्क्रीन के उपयोग के प्रति संतुलित दृष्टिकोण अपनाना जरूरी है। एक अध्ययन में पता चला है कि जो माता-पिता स्क्रीन पर अत्यधिक समय बिताते हैं वे अनजाने में अपने बच्चों को भी इसी तरह की आदतों के लिए प्रोत्साहित कर सकते हैं। 

 

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बच्चों और पेरेंट्स में आता है गैप

ज्यादा समय स्क्रीन पर बिताने से बच्चों में संचार और बौद्धिक क्षमता के विकास में देरी हो सकती है। एक महत्वपूर्ण बात यह है कि स्क्रीन पर ज्यादा समय बिताने से अभिभावकों और बच्चों के बीच बातचीत कम हो जाती है, जो बच्चों के विकास के लिए महत्वपूर्ण होती। अकसर देखा जाता है कि ज्यादा समय स्क्रीन पर बिताने की वजह से बच्चे अपने माता-पिता से बात नहीं कर पाते हैं। लेकिन जब माता-पिता अपने स्मार्टफोन का बहुत ज्यादा इस्तेमाल करते हैं, तो इसका मतलब होता है कि वे अपने बच्चों से ज्यादा बात नहीं करते या उनका ध्यान नहीं रख पाते, खासकर तब जब भोजन के समय स्क्रीन देखने लग जाते हैं। माता-पिता को बच्चों के साथ समय बिताने के लिए स्क्रीन देखने पर रोक लगाने की जरूरत नहीं है। 
 

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पेरेंट्स को भी बदलनी चाहिए अपनी आदतें

 माता-पिता परिवार में स्क्रीन देखने की स्वस्थ आदतों को बढ़ावा देने के लिए सकारात्मक भूमिका निभाकर और संतुलित दृष्टिकोण के जरिए बहुत कुछ कर सकते हैं। माता-पिता के स्वयं के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए स्क्रीन टाइम का प्रबंधन करना भी महत्वपूर्ण है। ‘स्क्रीन टाइम' का मतलब अकसर लंबे समय तक स्क्रीन देखते रहना होता है, जो हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए बुरा हो सकता है।
 


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Content Writer

vasudha

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