बच्चे बिना डांट के भी सिख पाएंगे Discipline, इन पेरेंटिंग टिप्स से बनाएं समझदार
punjabkesari.in Wednesday, Oct 05, 2022 - 05:09 PM (IST)
बच्चे स्वभाव से चंचल होते हैं। शरारती पन उनके खून में ही होता है। छोटे होने के कारण अपने माता-पिता के वह लाडले होते हैं। इसलिए उन्हें माता-पिता भी कम डांट फटकार लगाते हैं। परंतु कई बार बच्चे बहुत ज्यादा शरारती बन जाते हैं जिसके कारण माता-पिता को उनके साथ थोड़ा सख्त होना पड़ता है। बच्चे के साथ ज्यादा सख्त होने से वह बिगड़ भी सकते हैं। ऐसे में आपको आज कुछ ऐसे तरीके बताते हैं जिनसे आप बच्चों को बिना डांट लगाए भी अनुशासन सिखा पाएंगे। तो चलिए जानते हैं इनके बारे में...
बच्चों को करने दें चुनाव
बच्चों को कोई ऑर्डर देने से अच्छा आप उन्हें प्यार से समझाएं। उदाहरण के लिए यदि आप बच्चे को कहेंगे कि कमरे की सफाई करो। यह बात बच्चे गुस्से में ले सकते हैं जिसके कारण वह जानबुझकर काम नहीं करेंगे। ऐसे में आप बच्चों को खुद काम चुनने का मौका दें। इससे बच्चा दिल से काम भी करेगा और आपकी हर बात भी मानेगा।
नखरे की पीछे की वजह जानने की करें कोशिश
बच्चे छोटी-छोटी बातों पर नखरे भी दिखाते हैं ऐसे में आप उन्हें डांटने की जगह उनके नखरे की पीछे की वजह जानने की कोशिश करें। कई बार माता-पिता के डर के कारण बच्चे सीधी काम करने की जगह जान-बूझकर उल्टे काम करते हैं। इसलिए आप पहले उनके काम न करने की वजह जानें फिर इसके बाद प्यार से उनकी समस्या का हल निकालें।
जरुर करें तारीफ
आप बच्चे की तारीफ भी जरुर करें। तारीफ करने से बजच्चों में काम करने की इच्छा शक्ति और भी ज्यादा आती है। बच्चे दिल लगाकर काम करना शुरु कर देते हैं। परंतु यदि आप उनके शरारती स्वभाव के कारण उनकी तारीफ नहीं करते तो यह बात उनपर नेगेटिव प्रभाव भी डाल सकती है।
बच्चों पर दें ध्यान
आप बच्चों पर ध्यान भी जरुर दें। चाहे आप सारा दिन कितने भी व्यस्त क्यों न हो, लेकिन थोड़ा समय बच्चों के लिए भी निकालें। ज्यादा शरारतें बच्चे को बिगाड़ सकती हैं। यदि आपका बच्चा शरारतें करता भी है तो उसे डांटने की जगह आप प्यार से समझाने का प्रयास करें।
शरारतों के नुकसान बताएं
आप बच्चों को शरारत करने के नुकसान बताएं। उन्हें बताएं कि शरारतों से उनके जीवन पर क्या प्रभाव होगा उनकी शरारतें किसी दूसरे व्यक्ति को भी प्रभावित कर सकती हैं, जिससे वह अपनी गलती का एहसास कर सकेंगे। प्यार से आप बच्चों को सारी बातें समझाएं। ज्यादा गुस्सा बच्चों को और भी बिगाड़ सकता है।