मां बनने वाली हर 8वीं महिला हो रही OCD की शिकार

punjabkesari.in Monday, May 24, 2021 - 03:34 PM (IST)

ऑब्सेसिव कंपल्सिव डिसऑर्डर (OCD)एक ऐसा मानसिक विकार जो किसी को भी हो सकता हैं। लेकिन इससे सबसे ज्यादा प्रभावित नई माएं और गर्भवती महिलाएं होती हैं। आज हम आपको  OCD के महिलाओं के व्यवहार पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में बताएंगे। एक अध्ययन के मुताबिक मां बनने वाली प्रत्येक आठवीं महिला इस डिसऑर्डर का शिकार है। एक अध्ययन में सामने आया कि बच्चे को जन्म देने के 38 सप्ताह में 17 फीसदी महिलाएं ओसीडी का शिकार हुईं।

क्या  होता है OCD

PunjabKesari

इस मानसिक विकार से पीड़ित व्यक्ति किसी बात को लेकर हद से ज्यादा सोचता और चिंता करता है। गर्भवती और नई मांओं में यह विकार ज्यादा पाया जाता है। उन्हें बच्चों के बीमार होने का डर सताता है। एक अध्यनन के अनुसार-लगभग 8 प्रतिशत महिलाओं में डिलिवरी के दौरान कभी न कभी ओसीडी के लक्षण देखे गए हैं।

खास देखभाल की जरूरत

अध्ययन की मानें तो समय के साथ कुछ महिलाओं में ओसीडी की समस्या अपने आप दूर हो जाती है। लेकिन कुछ महिलाओं में यह गंभीर रूप ले लेती है। विशेषज्ञों का कहना है कि ज्यादातर महिलाओं को यह जानकारी ही नहीं होती कि वे ओसीडी से ग्रसित हैं।  ऐसे समय में महिलाओं की खास देखभाल करने की जरूरत है।

लक्षण

PunjabKesari

-किसी भी चीज को बार-बार जांचना या दोहराना
-नई माओं का बच्चों की बोतल और कपड़े बार-बार धोना
-मूड़ स्विंग, अनिंद्रा और चिंता में डूबे रहना
- जरूरत से ज्यादा सफाई करना
- बेवजह चीजों को एक लाइन से लगाना
-हद से ज्यादा पूजा और प्रार्थना करना
-बच्चें को दूसरी बीमारी होने की आशंका से घिरे रहना

उपचार

ऑबसेसिव -कम्पल्सिव डिसऑर्डर का कोई सटीक इलाज नहीं है। लक्षण दिखने पर महिला और उनके परिवार वालों को मनोचिकित्सक से संपर्क करने की जरूरत है।

PunjabKesari

रखें ध्यान

- खुद को अहसास कराएं कि परेशानियों की वजह आप नहीं बल्कि OCD है
 -नियमित योग और व्यायाम करें
 -स्टडी, म्यूजिक सुनना, इंटरनैट सर्फिंग और वॉकिंग करें


सबसे ज्यादा पढ़े गए

News Editor

Shiwani Singh

Related News

static