अब शादियों में सिर्फ 3 सोने के गहने ही पहन सकेंगी महिलाएं, नियम ना मानने पर लगेगा जुर्माना
punjabkesari.in Thursday, Oct 30, 2025 - 01:05 PM (IST)
नारी डेस्क: हमारे देश में गहनों के बिना महिलाओं का श्रृंगार अधूरा माना जाता है। कुछ महिलाओं को तो बेहद सारे गहने पहनने का शाेक होता है पर अब वह ऐसा नहीं कर पाएंगी, क्योंकि आभूषण पहनने की संख्या भी अब सीमित कर दी गई है। उत्तराखंड के जौनसार-बावर क्षेत्र के कंधार गांव की ग्राम सभा ने महिलाओं को शादियों में 3 से उपर सोने के गहने न पहनने की हिदायत दी है।
नियम न मानने पर लगेगा जुर्माना
इस सख्त नियम के अनुसार, अब महिलाएं शादियों में केवल नाक की नथ, झुमके और मंगलसूत्र ही पहन सकेंगी। ऐसा न करने पर 50,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। ग्राम परिषद की बैठक में सर्वसम्मति से पारित इस निर्णय का उद्देश्य फिजूलखर्ची को कम करना और उन परिवारों पर सामाजिक दबाव कम करना है जो विवाह समारोहों के दौरान धनी परिवारों के साथ तालमेल बिठाने के लिए संघर्ष करते हैं।
फिजूलखर्ची रोकने के लिए उठाया यह कदम
गांव के बुजुर्गों और स्थानीय नेताओं ने कहा कि यह प्रस्ताव समानता को बढ़ावा देने और धन के प्रतिस्पर्धी प्रदर्शन को हतोत्साहित करने के सामूहिक प्रयास को दर्शाता है। ग्राम सभा द्वारा अब आधिकारिक रूप से मान्यता प्राप्त इस उपनियम को सामाजिक रीति-रिवाजों में सादगी बहाल करने की दिशा में एक कदम के रूप में देखा जा रहा है। निवासियों ने बताया कि शादियों का बढ़ता खर्च और सोने के गहनों की नुमाइश की उम्मीद कई परिवारों के लिए आर्थिक बोझ बन गई है, जिससे अक्सर कर्ज और परेशानी होती है। इसलिए, समुदाय का यह फैसला पारंपरिक रीति-रिवाजों की पवित्रता बनाए रखने और परिवारों को आर्थिक तंगी से बचाने का प्रयास है।
गांव ने कायम की मिसाल
बताया जा रहा है कि पंचायत और ग्राम सभा के सदस्यों ने मिलकर इस निर्णय को औपचारिक रूप दिया है। स्थानीय सूत्रों ने बताया कि इस उपनियम को गांव के पुरुषों और महिलाओं, दोनों का व्यापक समर्थन प्राप्त था। यह पहल राज्य के अन्य गांवों के लिए भी इसी तरह के उपाय अपनाने, बढ़ती सामाजिक असमानता को दूर करने और सामुदायिक जीवन में सामूहिक जिम्मेदारी की भावना को मज़बूत करने के लिए एक मिसाल कायम कर सकती है।

