15 महीने की मासूम पर बरसी हैवानियत, बल्ले से बच्ची को मारती थी मेड , CWC ने मांगी कार्रवाई
punjabkesari.in Wednesday, Aug 13, 2025 - 03:50 PM (IST)

नारी डेस्क: नोएडा के सेक्टर 137 स्थित ‘ब्लिपी’ नाम के एक डे-केयर सेंटर में 15 महीने की बच्ची के साथ कथित क्रूरता का मामला सामने आया है। बच्ची की मां मोनिका ने शिकायत दर्ज कराई थी कि सेंटर की एक सहायिका ने बच्ची को प्लास्टिक के बल्ले से मारा और उसे जमीन पर फेंका भी। इस घटना के बाद पुलिस ने डे-केयर संचालक और सहायिका के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है।
बच्ची के माता-पिता बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) के सामने मंगलवार को पेश हुए। सीडब्ल्यूसी के अध्यक्ष के.सी. विरमानी ने बताया कि परिजन ने बच्ची की मेडिकल जांच और घटना की पूरी जानकारी दी। समिति ने पुलिस से कहा है कि मामले में किशोर न्याय अधिनियम की धाराएं भी शामिल की जाएं ताकि कड़ी कार्रवाई हो सके।
#NOIDA DAY CARE में मासूम बच्ची के साथ मेड ने करी दरिंदगी
— PRIYA RANA (@priyarana3101) August 11, 2025
15 महीने की मासूम को को मेड ने दांतो से काटा
बच्ची को मेड ने पटक दिया
पूरी घटना डे-केयर के CCTV में कैद हो गई
पैरेंट्स की शिकायत की आरोपी गिरफ्तार
सेक्टर-137 स्थित पारस टेरिया सोसायटी स्थित प्ले स्कूल की घटना… pic.twitter.com/zG5WmNsd6d
पुलिस ने बताया कि सहायिका को हिरासत में लिया गया है। शुरू में पुलिस ने कहा था कि वह नाबालिग है और उसे किशोर न्याय बोर्ड के सामने पेश किया गया था, लेकिन श्रम विभाग की जांच में पाया गया है कि सहायिका का आधार कार्ड 2004 में जन्म की तिथि दर्शाता है, यानी वह बालिग है। अब आधार कार्ड और अन्य दस्तावेजों की पुष्टि के बाद आगे कार्रवाई की जाएगी।
Noida - Sector-137 - पारस टियरा सोसायटी
— Rimjhim Jethani (@RimjhimJethani1) August 11, 2025
डे-केयर में 15 महीने की बच्ची से मारपीट और दांत काटने का आरोप
मेड ने थप्पड़ मारा, पटक दिया, प्लास्टिक बेल्ट से मारा और काटा
बच्ची जोर-जोर से रोती हुई दिखी
आरोपी मेड को पुलिस ने गिरफ्तार किया
अपने बच्चों को किसी के सहारे ना छोड़े 🙏🏻 pic.twitter.com/iTkb95I0VB
इस बीच, पुलिस ने शिक्षा विभाग और बाल कल्याण अधिकारी को भी इस मामले में पत्र भेजा है। डे-केयर संचालक चारू ने भी मामले में अपना बयान दर्ज कराया है। श्रम विभाग की टीम ने सहायिका के दस्तावेजों की जांच की है और मामले की पूरी छानबीन जारी है।
यह मामला बच्चों की सुरक्षा को लेकर एक बार फिर सवाल उठा रहा है और जिम्मेदार अधिकारियों से कड़ी कार्रवाई की मांग की जा रही है।