जानवरों से फैल रहे इस Virus ने बढ़ाई चिंता, शरीर में नजर आए ऐसे लक्षण तो हो जाएं सावधान !
punjabkesari.in Tuesday, Sep 12, 2023 - 06:01 PM (IST)
कोरोना वायरस का कहर अभी खत्म नहीं हुआ था कि भारत के कुछ इलाकों में एक नए वायरस ने दस्तक दे दी है। केरल के कोझिकोड इलाके में दो लोगों की बुखार से मृत्यु हो गई है। दोनों मौतों का कारण निपाह नाम का वायरस है। यह वायरस जानवरों के जरिए इंसानों में फैलता है। जानवरों से इंसानों में फैलने वाले इस वायरस को जूनेटिक वायरस भी कहा जाता है। स्वास्थ्य विभाग ने भी इस वायरस के बढ़ते खतरे को देखते हुए चेतावनी दे दी है। आइए जानते हैं कि यह वायरस क्या है और शरीर में इसके कैसे लक्षण नजर आते हैं....
स्वास्थ्य विभाग ने जताई चिंता
केरल में इस वायरस के चलते दो मौतें होने के कारण स्वास्थ्य विभाग ने भी अलर्ट जारी कर दिया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की मानें तो निपाह वायरस एक जूनोटिक वायरस है यह जानवरों के जरिए इंसानों में फैलता है। कई बार ये खाने-पीने के जरिए भी इंसानों में फैल सकता है। इस वायरस का सबसे पहला मामला 1999 में मलेशिया के एक गांव सुनगई निपाह में आया था इसलिए इसे निपाह वायरस कहा जाता है।
कैसे फैलता है निपाह वायरस?
इस वायरस के फैलने का मुख्य स्त्रोत जानवर माने जाते हैं। एक्सपर्ट्स की मानें तो चमगादड़ के जरिए यह वायरस इंसानों में फैलता है इसके अलावा सुअर, कुत्ते, बिल्ली, घोड़े और भेड़ से भी यह वायरस फैल सकता है। इसके अलावा यदि कोई निपाह वायरस से संक्रमित होता है तो उसके संपर्क में आने वाला दूसरा व्यक्ति भी निपाह वायरस की चपेट में आ सकता है।
इसके लक्षण
इस वायरस के फैलने के बाद शरीर में कई तरह की समस्याएं बढ़ती है जैसे दिमाग में सूजन होना, एन्सिफेलाइटिस जैसी खतरनाक बीमारी भी निपाह वायरस के कारण हो सकती है। लक्षणों की बात करें तो
. सिरदर्द
. बुखार
. खांसी
. सांस लेने में परेशानी
. गंभीर उल्टियां
. पेट में दर्द
. दौरे पड़ना
इसके अलावा इस वायरस के कारण यदि व्यक्ति की स्थिति बिगड़ती है तो वह कोमा में भी जा सकता है। इस वायरस के लक्षण 5-14 दिनों के अंदर दिखते हैं परंतु कुछ मामलों में इसके लक्षण 45 दिनों के बाद भी नजर आ सकते हैं।
कैसे करें बचाव?
निपाह वायरस का अभी कोई इलाज, दवाई या फिर वैक्सीन नहीं है। सिर्फ सावधानी बरतकर ही आप इससे अपना बचाव कर सकते हैं। इसके अलावा कुछ सावधानियां बरत कर भी आप इस वायरस की चपेट में आने से बच सकते हैं।
. चमगादड़ और सुअर के संपर्क में आने से बचें।
. जमीन या फिर सीधे पेड़ से नीचे गिरे फलों का सेवन न करें।
. मास्क लगाकर रखें
. समय-समय पर अपने हाथ धोते रहें।
. यदि शरीर में कोई लक्षण दिखे तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।