सावधान रहें महिलाएं! हार्ट अटैक मरीज को दे जाने वाली ये गोली सबसे खतरनाक, नई रिपोर्ट का दावा
punjabkesari.in Monday, Sep 01, 2025 - 04:25 PM (IST)

नारी डेस्क: पिछले 40 वर्षों से हृदयाघात (हार्ट अटैक) के बाद मरीजों को दी जाने वाली आम दवा बीटा-ब्लॉकर्स (Beta Blockers) को लेकर एक नई रिसर्च में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। इस स्टडी के दावों के मुताबिक, यह दवा कुछ मरीजों को लाभ नहीं पहुंचाती खासतौर पर महिलाओं पर, रिपोर्ट के अनुसार कहा जा रहा है कि इस दवा के सेवन से दोबारा हार्ट अटैक, हार्ट फेलियर यहां तक की जान जाने जैसी गंभीर समस्याओं का खतरा बढ़ सकता है।
रिसर्च में किए गए कई हैरान करने वाले खुलासे
यह अध्ययन यूरोपियन सोसाइटी ऑफ कार्डियोलॉजी कांग्रेस (European Society of Cardiology Congress), जो मैड्रिड में आयोजित हुई, में प्रस्तुत किया गया और इसे The New England Journal of Medicine और European Heart Journal में भी प्रकाशित किया गया। रिसर्च में पाया गया कि जिन महिलाओं को हार्ट अटैक के बाद बीटा-ब्लॉकर्स दी गईं, उनमें मौत या दोबारा अटैक का खतरा बढ़ गया हालांकि पुरुषों में इस दवा का ऐसा कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं देखा गया।
इस स्टडी में स्पेन और इटली के 109 अस्पतालों से कुल 8,505 मरीजों को शामिल किया गया। मरीजों को दो समूहों में बांटा गया, एक समूह को बीटा-ब्लॉकर्स दी गईं और दूसरे समूह को यह दवा नहीं दी गई। दोनों समूहों को बाकी सभी मानक इलाज जैसे ब्लड थिनर, स्टेंट आदि समान रूप से दिए गए। मरीजों की निगरानी लगभग 4 साल तक की गई। कुल मिलाकर दोनों समूहों में मौत, दोबारा हार्ट अटैक या हार्ट फेलियर की घटनाओं में कोई बड़ा फर्क नहीं था लेकिन महिलाओं में बीटा-ब्लॉकर्स लेने वाली महिलाओं में 2.7% ज्यादा मौत का खतरा पाया गया। इनके अलावा, इन महिलाओं में अस्पताल में भर्ती होने और दोबारा हार्ट अटैक का खतरा भी बढ़ा।
बीटा-ब्लॉकर्स के साइड इफेक्ट्स
थकान महसूस होना (Fatigue)
दिल की धड़कन धीमी होना (Bradycardia)
यौन दुर्बलता (Sexual Dysfunction)
मूड में बदलाव
महिलाओं पर बीटा-ब्लॉकर्स का असर क्यों अलग होता है?
महिलाओं के दिल की संरचना पुरुषों से अलग होती है।
वे ब्लड प्रेशर की दवाओं के प्रति अधिक संवेदनशील होती हैं।
महिलाओं में हार्ट अटैक के लक्षण पुरुषों से अलग होते हैं, जैसे पीठ में दर्द, सांस फूलना, अपच आदि, जबकि पुरुषों में सामान्यतः सीने में तेज दर्द होता है।
किन मरीजों को अभी भी बीटा-ब्लॉकर्स की जरूरत है?
रिसर्च में शामिल मरीजों की दिल की पंप करने की क्षमता (Ejection Fraction) 40% से अधिक थी, यानी उनका दिल अच्छी तरह काम कर रहा था। ऐसे मरीजों में बीटा-ब्लॉकर्स का कोई विशेष फायदा नहीं मिला। लेकिन जिन मरीजों की ejection fraction 40% से कम है, यानी जिनका दिल कमजोर है, उन्हें अब भी यह दवा लाभ पहुंचा सकती है। यह नई रिसर्च हार्ट अटैक के बाद बीटा-ब्लॉकर्स के उपयोग पर पुनर्विचार करने की सलाह देती है, खासकर महिलाओं के मामले में। मरीजों को बिना डॉक्टर की सलाह के दवा बंद या शुरू नहीं करनी चाहिए और अपनी सेहत के लिए नियमित जांच कराते रहना चाहिए।