श्रीदेवी की संपत्ति पर नया विवाद, बोनी कपूर ने High Court का खटखटाया दरवाजा
punjabkesari.in Tuesday, Aug 26, 2025 - 04:03 PM (IST)

नारी डेस्क : बॉलीवुड की मशहूर और दिवंगत अभिनेत्री श्रीदेवी की संपत्ति पर अब बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। उनकी चेन्नई स्थित जमीन पर तीन लोगों ने मालिकाना हक जताने की कोशिश की है। इस मामले को लेकर श्रीदेवी के पति और फिल्ममेकर बोनी कपूर ने मद्रास हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। उनका आरोप है कि ये लोग अवैध तरीके से उस जमीन पर कब्जा करना चाहते हैं, जिसे श्रीदेवी ने कई साल पहले कानूनी रूप से खरीदा था।
कब और कैसे खरीदी गई थी यह जमीन?
बोनी कपूर ने अदालत को बताया कि 19 अप्रैल 1988 को श्रीदेवी ने यह संपत्ति खरीदी थी। यह जमीन उन्होंने एम.सी. सांबंदा मुदलियार नामक व्यक्ति से ली थी। श्री मुदलियार के कुल तीन बेटे और दो बेटियां थीं। परिवार के सदस्यों के बीच फरवरी 1960 में संपत्ति का बंटवारा एक आपसी समझौते के तहत किया गया था। इसी समझौते के आधार पर श्रीदेवी ने यह जमीन कानूनी तरीके से अपने नाम खरीदी और इस पर उनका पूरा हक बनता है।
विवाद कैसे शुरू हुआ?
इस विवाद की शुरुआत तब हुई जब हाल ही में तीन लोग आगे आए और श्रीदेवी की खरीदी हुई इस जमीन पर अपना मालिकाना हक जताने लगे। इनमें एक महिला और उसके दो बेटे शामिल हैं। महिला का कहना है कि वह मूल मालिक एम.सी. संभंदा मुदलियार के एक बेटे की दूसरी पत्नी है, जबकि उसके दोनों बेटे खुद को मुदलियार परिवार का उत्तराधिकारी बताते हैं। उनका दावा है कि वे परिवार से जुड़े हैं, इसलिए इस जमीन पर उनका वैध अधिकार बनता है। इसी दावे के चलते श्रीदेवी की वर्षों पहले खरीदी गई यह संपत्ति अब विवादों में घिर गई है और मामला कोर्ट तक पहुंच गया है।
बोनी कपूर का तर्क
बोनी कपूर ने अदालत में स्पष्ट किया कि विपक्षी पक्ष का दावा कानूनी रूप से बिल्कुल भी सही नहीं है। उनका कहना है कि जिस महिला ने खुद को श्री मुदलियार के बेटे की दूसरी पत्नी बताया है, उसने दावा किया कि उसकी शादी 5 फरवरी 1975 को हुई थी। लेकिन यह विवाह वैध नहीं हो सकता, क्योंकि उस समय उस व्यक्ति की पहली पत्नी जीवित थी और उसका निधन 24 जून 1999 को हुआ। ऐसे में पहली पत्नी के रहते दूसरी शादी को कानून मान्यता नहीं देता। बोनी कपूर ने यह भी आरोप लगाया कि इन तीनों व्यक्तियों ने एक कानूनी वारिस प्रमाणपत्र (Legal Heirship Certificate) हासिल कर लिया है, जो पूरी तरह फर्जी है। उनका कहना है कि यह प्रमाणपत्र जिस राजस्व अधिकारी ने जारी किया है, उसके पास ऐसा करने का अधिकार ही नहीं था। इस वजह से यह दावा न सिर्फ झूठा है बल्कि एक तरह से धोखाधड़ी भी है।
कोर्ट की प्रतिक्रिया और आदेश
मद्रास हाई कोर्ट में जब यह मामला पहुंचा तो न्यायमूर्ति एन. आनंद वेंकटेश ने बोनी कपूर की दलीलों को गंभीरता से सुना। सुनवाई के बाद अदालत ने चेन्नई के ताम्बरम तहसीलदार को इस विवाद की जांच करने और निर्णय लेने का आदेश दिया। कोर्ट ने साफ निर्देश दिए कि तहसीलदार चार सप्ताह के भीतर यह तय करें कि विपक्षी पक्ष को जारी किया गया लीगल हीरशिप प्रमाणपत्र (Legal Heirship Certificate) वैध है या इसे तुरंत रद्द किया जाना चाहिए। अदालत का मानना है कि इस विवाद का समाधान सबसे पहले इसी प्रमाणपत्र की वैधता पर निर्भर करता है, इसलिए तहसीलदार को जल्द से जल्द निष्कर्ष तक पहुंचना होगा।
अब आगे क्या?
अब पूरा मामला इस बात पर टिका है कि तहसीलदार अगले चार हफ्तों में क्या फैसला देते हैं। अगर जांच के बाद तहसीलदार यह मान लेते हैं कि विपक्षी पक्ष को जारी किया गया लीगल हीरशिप सर्टिफिकेट फर्जी और अमान्य है, तो यह जमीन पूरी तरह से बोनी कपूर और उनकी बेटियों जाह्नवी व खुशी कपूर के नाम सुरक्षित हो जाएगी। इसका मतलब होगा कि श्रीदेवी की इस संपत्ति पर उनका अधिकार और भी मजबूत हो जाएगा और भविष्य में किसी और कानूनी पेंच की गुंजाइश कम रह जाएगी। लेकिन दूसरी ओर, अगर विपक्षी पक्ष अपने दावे को सही साबित करने के लिए ठोस सबूत पेश कर देता है, तो मामला और लंबा खिंच सकता है। ऐसे में अदालत को गहराई से सुनवाई करनी होगी और यह विवाद कई और चरणों से गुजर सकता है।
श्रीदेवी और उनका परिवार
बोनी कपूर और श्रीदेवी ने जून 1996 में शादी की थी। इस शादी से उनकी दो बेटियां हैं। जाह्नवी कपूर और खुशी कपूर। जाह्नवी ने साल 2018 में फिल्म धड़क से बॉलीवुड में डेब्यू किया और देखते ही देखते इंडस्ट्री की चर्चित अभिनेत्रियों में शुमार हो गईं। वहीं, छोटी बेटी खुशी कपूर ने 2023 में द आर्चीज फिल्म से अपने फिल्मी करियर की शुरुआत की। फरवरी 2018 में दुबई में श्रीदेवी का अचानक निधन हो गया था, जिसके बाद न सिर्फ पूरा देश सदमे में आ गया था, बल्कि उनके परिवार की संपत्ति को लेकर कई बार विवाद भी सामने आए। मौजूदा जमीन विवाद उसी सिलसिले की एक और कड़ी माना जा रहा है।
श्रीदेवी की संपत्ति पर यह विवाद एक कानूनी और पारिवारिक लड़ाई का रूप ले चुका है। बोनी कपूर इस विवाद को सुलझाने के लिए कोर्ट का सहारा ले रहे हैं। आने वाले समय में यह तय होगा कि आखिर इस जमीन की असली मालिकाना हकदारी किसकी है।