अवारा हो या पालतू, होली की मस्ती में Pets को ना पहुंचाएं नुकसान
punjabkesari.in Saturday, Mar 27, 2021 - 12:13 PM (IST)
होली रंगों का त्योहार है। बच्चे हों या बड़े, हर कोई इस दिन कलरफुल रंगों से रंग जाता है। बच्चे पिचकारी में रंग भरकर दोस्तों के साथ मौज-मस्ती करते हैं। मस्ती के मूड में लोग अपने पेट्स या कोई राह चलते जानवर पर भी रंग डालने से नहीं चूकते जोति खतरनाक है। रंग लगने के बाद अगर जानवरों को एलर्जी या तकलीफ होही तो वो इसे बोलकर भी बयां नहीं कर पाएंगे। ऐसे में होली खेलते समय सिर्फ घर के पालतू जानवर ही नहीं बल्कि स्ट्रीट पेट्स का भी ध्यान रखना बहुत जरूरी है।
पेट्स को हो सकती है एलर्जी
दरअसल, पालतू जानवरों की स्किन सेंसटिव होती है, जिससे उन्हें एलर्जी हो सकती है। कई रंग तो इतने पक्के होते हैं कि जिससे पेट्स के बाल या फर ही गायब हो जाते हैं। यही फर या बाल उन्हें सर्दी-गर्मी से बचाने हैं। ऐसे में केमिकल्स युक्त रंगों का जानवरों पर इस्तेमाल खतरनाक साबित हो सकता है।
रंगों से हो सकती है pets को ये समस्याएं
1. जानवरों के सूंघने की ताकत तेज होती है, खासकर कुत्तों व बिल्लियों की। ऐसे में रंग और गुलाल की खुशबी उन्हें चिड़चिड़ा और एग्रेसिव बना सकती है।
2. पालतू जानवरों की प्रवृत्ति होती है कि वो अपने शरीर को चाटकर साफ करते हैं। ऐसे में केमिकल्स युक्त कलर्स उनके शरीर में जाकर पेट व आंत संबंधी समस्याओं का कारण बन सकते हैं।
3. रंगों में लेड आक्साइड, मरकरी सल्फेट, एल्यूमीनियम ब्रोमाइड और कॉपर सल्फेट जैसे हानिकारक तत्व होते हैं, जिससे उनकी त्वचा पर एलर्जी व जलन की समस्या हो सकती है। इसके अलावा रंग उनकी नाक व सांस नली में जाकर इंफेक्शन, जलन और गंभीर समस्याएं दे सकते हैं।
ध्यान में रखें ये बात
-अगर गलती से पालतू जानवर को रंग लग भी जाए तो उन्हें शैंपू से अच्छी तरह नहला दें। अगर फिर भी जलन, खुलजी ठीक ना हो तो बेहतर हो कि आप डॉक्टर से चेकअप करवा लें।
-कई मामलों में जानवर रंगों वाला पी जाते हैं, जिससे उनका लिवर खराब हो जाता है। ऐसे में ध्यान रखें कि पानी में घुले रंगों की बाल्टी जानवरों के पास ना रखी हो।
-होली की मस्ती में रंगों से भरे गुब्बारें जानवरों के ऊपर ना फेंके। इससे रंग उनकी आंखों में जाने का खतरा रहता है, जिससे आंखों की रोशनी जा सकती है।
होली सिर्फ रंगों ही नहीं बल्कि खुशियों का त्यौहार है इसलिए हमारी जिम्मेदारी है कि मौज-मस्ती में हम किसी को आहत ना पहुंचाएं।