हल्दी-नीम से मचा बवाल तो Navjot Sidhu ने साझा कर दी पत्नी की पूरी Diet Chart, पानी तक का बताया तरीका

punjabkesari.in Monday, Nov 25, 2024 - 07:48 PM (IST)

नारी डेस्कः पूर्व क्रिकेटर व राजनेता नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) इस समय चर्चा का विषय बने हुए हैं। दरसअल कुछ दिन पहले उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा था कि उनकी पत्नी नवजोत कौर (Navjot Kaur Sindhu) ने चौथी स्टेज के कैंसर को घरेलू उपचार जैसे कच्ची हल्दी-नीम की पत्तियां, तुलसी खाकर ठीक किया है। प्रेस कॉन्फ्रेंस में सिद्धू ने अपनी पत्नी नवजोत कौर (Navjot Kaur) के ब्रेस्ट कैंसर (Breast Cancer) के इलाज को "डेयरी उत्पाद और चीनी न खाकर कैंसर को भूखा रखना" बताया जिसके बाद तो पूरे सोशल मीडिया पर बवाल मच गया। डाक्टर्स का कहना है कि नवजोत सिंह सिद्धू लोगों को गुमराह कर रहे हैं और उनकी कही बातों का कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है। वह कैंसर मरीजों की जान खतरे में डाल रहे हैं।  

PunjabKesari

नवजोत सिंह सिद्धू ने पोस्ट शेयर कर बताई पत्नी की पूरी डाइट | Navjot Singh Sidhu Wife Navjot Kaur Diet Chart

दिल्ली के एम्स में डॉ. बीआर अंबेडकर इंस्टीट्यूट रोटरी कैंसर अस्पताल के रेडिएशन ऑन्कोलॉजी विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ. अभिषेक शंकर ने पूर्व क्रिकेटर पर गलत सूचना फैलाने का आरोप लगाते हुए कहा- "जब भारत में कैंसर की देखभाल को बढ़ावा देने के लिए आम जनता के बीच मिथक को दूर करने की बात आती है तो हम आप जैसे पब्लिक पर्सनेलिटी से बहुत उम्मीद करते हैं। बेहतरीन प्रयासों के बावजूद, भारत में हर साल 9 लाख से ज़्यादा लोग कैंसर से मर रहे हैं और कई मौतों का कारण गलत सूचना है। आम जनता आपकी सलाह को गंभीरता से अपनाने से ठीक होने के बेहतरीन अवसरों को खो सकती है हालांकि इसी बीच नवजोत सिंह सिद्धू का भी इंस्टा पोस्ट के जरिए जवाब आया है। उन्होंने पोस्ट के जरिए पत्नी नवजोत कौर की पूरी डाइट (Navjot Kaur Diet) लिखी और बताया कि वह कैसै ठीक हुई उन्होंने कैसी डाइट ली है? चलिए आपको उनकी पोस्ट की स्टेटमेंट ही पढ़ाते हैं जिसमें उन्होंने अपनी पत्नी की पूरी रूटीन बताई है।

नवजोत सिंह ने पोस्ट शेयर की जिसमें लिखा है- मेरी पत्नी की कैंसर से जंग में सर्जरी, कीमोथेरेपी, हार्मोनल और टारगेटेड थेरेपी, पॉजिटिविटी और कैंसर से लड़ने का दृढ़ संकल्प शामिल था, इस सब को बल मिला एक सख्त डाइट प्लान और लाइफस्टाइल से जो प्राचीन भारतीय आयुर्वेद, योशिनोरी ओसुमी के ऑटोफैगी के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित रिसर्च और दुनिया भर के प्रख्यात डॉक्टरों के अवलोकनों द्वारा प्रेरित है।

यह भी पढ़ेंः Navjot Sidhu की पत्नी ने हराया चौथी स्टेज का Cancer, 4 चीजें बंद की और नींबू से की शुरुआत

PunjabKesari

 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

A post shared by Navjot Singh Sidhu (@navjotsinghsidhu)

आहार और जीवनशैली में बदलाव 

आपके पीने के पानी का आदर्श पीएच स्तर 7 (क्षारीय जल) होना चाहिए ताकि आपकी रिकवरी को बढ़ावा मिले। इलायची, तुलसी, पुदीना, अदरक और दालचीनी वाले काढ़े का सेवन करें, चाय की जगह इस काढ़े का सेवन करें।

रात के खाने और नाश्ते के बीच, कम से कम 12 से 17 घंटे का अंतर देकर, रात का खाना सूर्यास्त से पहले, अगले दिन का पहला भोजन सुबह 10:00 बजे (भारत में एक प्राचीन प्रथा) के साथ उपवास का पालन करें।

सुबह गर्म पानी, नींबू का रस और एक चम्मच सेब का सिरका के सेवन के साथ शुरू करें, वैकल्पिक दिनों पर कच्ची लहसुन के दो टुकड़े भी साथ में खाए, इसके बाद एक इंच कच्ची हल्दी / हल्दी पाउडर और 9 से 10 नीम के पत्ते का सेवन करें (आप एक काढ़ा भी बना सकते हैं और सेवन कर सकते हैं)।

'शहतूत, ब्लैकबेरी, स्ट्रॉबेरी या अनार जैसे फल, गाजर, चुकंदर और आंवले का रस, एक चम्मच मिश्रित बीज (कद्दू के बीज, सफेदतिल, सूरजमुखी के बीज और अलसी / चिया सीड्स) का सेवन करें।

3 टुकड़े अखरोट, 2 टुकड़े ब्राजील नट्स या बादाम (सभी नट्स को रात भर भिगोना चाहिए) का सेवन करें, स्नैकिंग के लिए मखाना (सेंधा नमक के साथ) और स्वस्थ फ़ैट्स के लिए नारियल मलाई या एवोकाडो का सेवन करे।

PunjabKesari

दोपहर में या जब भी भूख लगे तो सफ़ेद पेठा का रस या संतरे, हल्दी और अदरक का जूस या अदरक, खीरा और अनानास का जूस या घिया के जूस का सेवन करें। दिन में एक बार हनुमान फल या हारशिंगार के काढ़ा का सेवन करें।

शरीर के वजन के 1 प्रतिशत के बराबर सलाद का सेवन करें (उदाहरण के लिए 70 किलो के लिए 700 ग्राम) जिसमें टमाटर, पालक, मशरूम, गाजर, प्याज, मूली, चुकंदर, खीरा, शकरकंद, एवोकाडो, ब्रोकली, हरी बीन्स, लाल हरी पीली शिमला मिर्चशामिल हो (कच्चे संयोजन में से कोई भी 4-5, चुकंदर / शकरकंद को पकाया जाना चाहिए।

पके हुए भोजन का सीमित सेवन 2 पकी हुई सब्जियां या 1 पकी हुई सब्जी और दालें (दालें) या चना या राजमा 1 से अधिक सर्विंग (कटोरी) नहीं, यदि सेवन किया जाता है तो उन्हें रात भर भिगोना चाहिए।

दिन में कभी भी ख़ासकर अंतिम भोजन के बाद, गुनगुने पानी के साथ 2 चम्मच इसपगोल का सेवन जरूरी है।

कैंसर में रिफाइंड कार्न्स, रिफाइंड चीनी, रिफाइंड तेल, डेयरी प्रॉडक्ट्स और किसी  भी प्रकार के पैक्ड भोजन में का सेवन न करें।

उपयोग किए जाने वाले तेल कोल्ड प्रेस्ड नारियल तेल / कोल्ड प्रेस्ड सरसों का तेल (कच्ची घानी ) / कोल्ड प्रेस्ड जैतून का तेल - कोई भी रिफाइंड तेल का सेवन नहीं।

चपाती/रोटी केवल क्विनोआ आटे / बादाम के आटे /सिंघारा आटा से तैयार की जानी चाहिए, उबला हुआ क्विनोआ, चावल का सबसे अच्छा ऑप्शन है।

दूध प्रॉडक्ट्स की जगह घर का बना बादाम के दूध/ नारियल के दूध / नारियल दही से बदलें।

कभी-कभी करेले के रस का सेवन, संतरे / चकोत्रा के साथ जूस बनाकर करें।

PunjabKesari

नियमित रूप से 50 से 70 ग्राम हरी पत्तियों का सेवन करना महत्वपूर्ण है - पालक / नीम / कड़ी पत्ते / लेट्यूस/धनिया / पुदीने के पत्ते / मूली के पत्ते चुकंदर के पत्ते / किसी भी सलाद के पत्ते जिन्हें हरा रक्त कहा जाता है।

किसी भी तरह के सोडा या कार्बोनेटेड कोल्ड ड्रिंक का सेवन न करें और सफेद नमक को सेंधा नमक से बदलें।

किसी भी रूप में नियमित रूप से व्यायाम करें,पैदल सैर करें, योग या कुछ भी करें क्योंकि यह शरीर की बेहतरी के लिए बेस्ट दवा है।

परिवार और दोस्तों से निरंतर प्रेरणा और प्यार के साथ सकारात्मक मानसिकता अडिग इच्छा शक्ति के लिए प्रोत्साहन होगी।

'सभी फलों और सब्जियों को बेकिंग सोडा से धोने और फिर एक चुटकी नमक के साथ पानी से धोने के बाद सेवन करें (यह कीटनाशकों को हटाने में मदद करेगा)।

मीठे के लिए खजूर कभी-कभी खाया जा सकता है लेकिन बिना किसी चीनी की कोटिंग के क्योंकि खजूर का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है।

गौरतलब है कि नवजोत सिद्धू ने कहा कि उन्हें शुगर, दूध, आटा मैदा, रिफाइंड चीजें नहीं दी गई लेकिन इसके साथ उनके दिन की शुरुआत गुनगुने नींबू पानी, कच्ची हल्दी से करते थे। नीम की पत्तियां, तुलसी, लहसुन-अदरक, लौंग-इलायची, बेरीज, सफेद पेठे का जूस उन्हें दिया जाता था। इसी के साथ अखरोट, ब्राजील नट्स, क्निोवा आदि चीजें ही शामिल थी लेकिन इन बातों पर टाटा मेमोरियल अस्पताल की ओर से एक लेटर जारी किया गया है जो इस समय काफी वायरल हो रहा है। दरअसल, इस लेटर में नवजोत सिद्धू के बताए गए कैंसर के घरेलू उपचारों को वैज्ञानिक दृष्टि से आधारहीन कहा गया है जैसे उन्होंने बताया था कि कैंसर का इलाज "डेयरी प्रॉडक्ट्स और चीनी का सेवन बंद करके और हल्दी और नीम का इस्तेमाल करके संभव है लेकिन इस पर लेटर में कहा गया है कि यह सारी चीजें वैज्ञानिक दृष्टि से आधारहीन है।


PunjabKesari

अब तक इस तरह के उपचार पर कोई हाई क्वालिटी वाला प्रमाण उपलब्ध नहीं है और इसका कोई क्लीनिकल डेटा मौजूद नहीं है। कैंसर का इलाज शुरुआती स्टेज पहचानकर और पूरे प्रमाणित उपचार की पद्धतियों जैसे सर्जरी, रेडिएशन थेरेपी और कीमोथेरेपी की मदद से ही किया जा सकता है। इसलिए लैटर में कैंसर मरीजों को यह सलाह दी गई है कि इस बीमारी की चपेट में आने वाले मरीज अनिश्चित घरेलू उपचारों पर निर्भर ना रहें बल्कि अगर कोई भी लक्षण या कैंसर होने के संकेत नजर आए तो कैंसर विशेषज्ञ से ही परामर्श करें। घरेलू उपचारों को प्राथमिक चिकित्सा विकल्प मान लेना खतरनाक हो सकता है कैंसर के उपचार के लिए केवल मान्यता प्राप्त और वैज्ञानिक दृष्टिकोण का अनुसरण करें। यदि आप इस बारे में और जानकारी चाहते हैं तो विशेषज्ञ से परामर्श लें। बता दें कि यह पत्र 262 ऑन्कोलॉजिस्टों द्वारा हस्ताक्षरित है जो वर्तमान और पूर्व में टाटा मेमोरियल अस्पताल से जुड़े हुए हैं।
 


 


 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Vandana

Related News

static