37 की उम्र में फीमेल सुपरस्टार की रहस्यमयी मौत: कब्र से निकाली गई लाश, फिर भी नहीं सुलझा राज
punjabkesari.in Thursday, Nov 06, 2025 - 03:30 PM (IST)
नारी डेस्क: मलयालम सिनेमा की दुनिया में 1950 के दशक में एक ऐसी एक्ट्रेस आई, जिसने इंडस्ट्री को नया आयाम दिया। थ्रेसिअम्मा कोल्लमपरम्पिल, जो आगे चलकर मिस कुमारी के नाम से जानी गईं, मलयालम सिनेमा की पहली फीमेल सुपरस्टार कही जाती हैं। उन्होंने इंडस्ट्री को पहला नेशनल अवॉर्ड दिलाया था, लेकिन 37 साल की उम्र में उनकी रहस्यमयी मौत ने सबको हिला दिया। आज उनकी मौत को 56 साल गुजर चुके हैं, लेकिन यह रहस्य आज तक अनसुलझा है।
मलयालम सिनेमा की पहली फीमेल सुपरस्टार
साल 1949 में प्रोड्यूसर कुंचाको ने फिल्म ‘वेलिनाक्षत्रम’ से मिस कुमारी को पर्दे पर उतारा। फिल्म में उनका सिर्फ एक गाना था, लेकिन उनकी सादगी और अभिनय ने कुंचाको को इतना प्रभावित किया कि उन्होंने अपनी अगली फिल्म ‘नल्ला थांका’ (1950) में उन्हें लीड रोल में लिया। यह फिल्म सुपरहिट रही और मिस कुमारी रातोंरात स्टार बन गईं।
18 साल के करियर में सिर्फ 34 फिल्में, लेकिन हर किरदार यादगार
सिर्फ 34 फिल्मों के बावजूद मिस कुमारी ने ऐसा असर छोड़ा कि आज भी उन्हें मलयालम सिनेमा की सबसे बड़ी अभिनेत्री माना जाता है। उनकी प्रमुख फिल्मों में ‘चेची’, ‘आत्मासखी’ और ‘कंचना’ जैसी क्लासिक मूवीज़ शामिल हैं। उनके अभिनय ने मलयालम सिनेमा को सामाजिक और भावनात्मक गहराई दी।
स्कूल टीचर से बनीं सुपरस्टार
साल 1932 में केरल के कोट्टायम जिले के भारनंगनम में जन्मीं थ्रेसिअम्मा, पढ़ाई पूरी करने के बाद एक स्कूल टीचर बनी थीं। किसे पता था कि एक दिन वही लड़की बड़े पर्दे की सबसे चमकदार स्टार बनेगी। कुंचाको ने ही उन्हें फिल्मों का मौका दिया, और यहीं से उनकी किस्मत बदल गई।
पहला नेशनल अवॉर्ड दिलाने वाली फिल्म ‘नीलाकुयिल’
साल 1954 में मिस कुमारी ने ‘नीलाकुयिल’ फिल्म में दमदार रोल निभाया। यह फिल्म जाति व्यवस्था और समाज में महिलाओं की स्थिति जैसे मुद्दों को छूती थी। इसी फिल्म ने मलयालम सिनेमा को पहला नेशनल अवॉर्ड दिलाया। मिस कुमारी का नाम अब इतिहास का हिस्सा बन चुका था।
29 की उम्र में शादी, तीन बेटों की मां बनीं और इंडस्ट्री छोड़ दी
1961 में उन्होंने इंजीनियर हॉर्मिस थालियाथ से शादी की और फिल्मों से संन्यास ले लिया। यह उनके फैंस के लिए एक बड़ा झटका था। शादी के बाद उन्होंने पूरी तरह से पारिवारिक जीवन अपना लिया और तीन बेटों की मां बनीं। आखिरी दिनों में अकेली और बीमार, 37 की उम्र में मौत साल 1969 में अचानक खबर आई कि मिस कुमारी अब नहीं रहीं। बताया गया कि पेट की बीमारी के कारण उनकी मौत हुई। लेकिन सच्चाई कुछ और भी हो सकती थी। रिपोर्ट्स के मुताबिक, अपने आखिरी दिनों में वह अकेली और मानसिक रूप से परेशान थीं। डर, गुस्सा और हताशा उनके अंदर घर कर चुके थे।
मौत के एक साल बाद कब्र खोदकर निकाली गई लाश
मिस कुमारी के पिता को बेटी की मौत संदिग्ध लगी। उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। जांच के आदेश के बाद एक साल बाद उनकी लाश कब्र से निकाली गई और पोस्टमार्टम किया गया। डॉक्टरों ने बताया कि उनके पेट में कीटनाशक के अंश मिले थे, जो एक जहरीला पदार्थ था।
हत्या या आत्महत्या? रहस्य अब भी बरकरार
हालांकि जांच में हत्या के कोई ठोस सबूत नहीं मिले, पर मौत का रहस्य कभी सुलझ नहीं सका। आज भी मिस कुमारी की मौत मलयालम सिनेमा के इतिहास का सबसे दर्दनाक रहस्य मानी जाती है।
याद में बना मेमोरियल स्टेडियम
उनकी याद में भरानंगनम में एक मेमोरियल स्टेडियम बनाया गया, जिसका उद्घाटन मशहूर एक्टर प्रेम नजीर ने किया। 56 साल बीत चुके हैं, पर मलयालम सिनेमा की पहली सुपरस्टार मिस कुमारी का नाम आज भी लोगों के दिलों में जिंदा है। वो चली गईं, पर अपनी मुस्कान, अपनी मासूमियत और अपने रहस्यमय अंत से हमेशा के लिए अमर हो गईं।

