Inspirational: प्रिंसी की जिंदादिली का जवाब नहीं, हाथ खोए तो पैरों को बनाया साथी

punjabkesari.in Monday, Aug 17, 2020 - 12:14 PM (IST)

हौसले बुलंद हो तो दुनिया की कोई भी ताकत हमें सफलता पाने से नहीं रोक सकती है। ऐसी ही कहानी है असम की रहने वाली प्रिंसी गोगोई की। प्रिंसी असम के छोटे से शहर सोनारी की रहने वाली हैं जन्म से ही प्रिंसी के दोनों हाथ नहीं है लेकिन इसके बावजूद प्रिंसी ने कभी खुद को किसी से कम नहीं समझा। बुंलद हौसलो के साथ प्रिंसी लड़ती रही और आगे बढ़ती रही। 

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दोनों हाथ न होने पर भी प्रिंसी इस समय अस्पताल में नौकरी कर रही है और वह इससे अपने पूरे परिवार का भी खर्च उठा रही है। प्रिंसी के घरवालों ने भी कभी भी अपनी बेटी को खुद पर बोझ नहीं समझा बल्कि उन्हें तो अपनी बेटी पर गर्व है।

पैरों से लिखकर 12वीं की पास 

हाथ न होने के कारण प्रिंसी रूकी नहीं और अपने बुंलद हौसले से उसने अपनी 12 वीं क्लास पास की और वह भी पैरौं का सहारा लेकर, प्रिंसी ने 12 वीं भी पास की। इतना ही नहीं उसे संगीत और पेटिंग करने का भी बहुत शौक है जब भी कभी उसे अपने काम से वक्त मिलता है तो वह पेटिंग करती है। 

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दिव्यांग बच्चों के लिए खोलना चाहती हैं आर्ट स्कूल 

प्रिंसी को पेंटिंग से बहुत लगाव है । अपने फ्री टाइम में वह ब्रश पकड़ती है और बस अपना जादू दिखाना शुरू कर देती है। इतना ही नहीं प्रिंसी का एक सपना है कि वह अपनी लाइफ में दिव्यांग बच्चों के लिए एक आर्ट स्कूल जरूर खोले। प्रिंसी का कहना है कि वह पेंटिंग इसलिए बनाती हैं ताकि वह इसे बेचकर दिव्यांग बच्चों के लिए एक आर्ट स्कूल खोल सके ताकि वह भी हुनर सीखें और उन्हें कभी ऐसा महसूस न हो कि वह दिव्यांग हैं।

हाथ न होने के कारण लोग समझते थे मानसिक रोगी

वहीं प्रिंसी के अनुसार उसे एक बार पांचवी क्लास में हाथ न होने के कारण एडमिशन देने से इंकार कर दिया था। स्कूल के टीचर ने प्रिंसी की मां को कहा था कि वह मानसिक रोगी बच्चों को स्कूल में एडमिशन नहीं देते हैं लेकिन फिर गांव के एक जान पहचान वाले व्यक्ति ने एक स्कूल में एडमिशन करवाया। प्रिंसी के अनुसार ऐसा कोई काम नहीं जो एक दिव्यांग नहीं कर सकता है, बस संकल्प और जुनून होना चाहिए।

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30 हजार में बिकी प्रिंसी की पेंटिंग

वहीं प्रिंसी के चाहे हाथ नहीं है लेकिन वह अपने पैरों से ही इतनी अच्छी पेंटिग करती है कि सब हैरान रह जाते हैं। मीडिया रिपोर्टस की मानें तो हाल ही में प्रिंसी ने एक गणेश जी की मूर्ति बनाई थी जो 30 हजार रुपए में बिकी थी।

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अस्पताल में करती है सारा काम

इतना ही नहीं प्रिंसी अपने पैरों से अस्पताल का सारा काम करती हैं। वह फॉन उठाने से लेकर हर काम अपने पैरों की अंगुलियों से करती हैं। प्रिंसी के इस जज्बे को हम सलाम करते हैं। 


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Content Writer

Janvi Bithal

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