अमेरिका में कोरोना के डेल्टा वेरिएंट का कहर, एक दिन में 1200 बच्चे हुए भर्ती
punjabkesari.in Sunday, Aug 22, 2021 - 09:52 PM (IST)
कोरोना की दूसरी लहर के थमने से जहां लोगों ने थोड़ी बहुत राहत की सांस लेनी शुरू की ही थी कि वहीं अब अमेरिका में कोरोना की तीसरी लहर ने दस्तक दे दी है इतना ही नहीं तीसरी लहर ने अपना प्रकोप भी दिखाना शुरू कर दिया है, जिसका नतीजा यह है कि पूरे अमेरिका में केवल एक दिन में करीब 1200 बच्चे संक्रमण के चलते अस्पातल में भर्ती हुए। बता दें कि अब तक कोरोना वायरस के सभी स्टेन में डेल्टा वैरिएंट को सबसे ज्यादा खतरनाक माना गया है।
अमेरिका में एक ही दिन में 1200 बच्चे अस्पताल में हुए भर्ती
वहीं अब खबर है कि अमेरिका में डेल्टा वैरिएंट से संक्रमण के कई मामले सामने आए है। सबसे हैरान कर देने वाली बात यह है कि यह मासूम बच्चों में तेजी से फैल रहा है। अस्पतालों में संक्रमित बच्चों की संख्या लगातार बढ़ती ही जा रही है। बिते बुधवार को ही अमेरिका के अस्पतालों में कुल 1200 बच्चे भर्ती हुए। कोरोना के बढ़ते मामलों को देखकर डॉक्टर्स और प्रशासन काफी चिंतित है। साउथ और मिडवेस्ट के अस्पतालों का कहना है कि वे पहले से कहीं अधिक कोविड -19 के बच्चों का इलाज कर रहे हैं और आने वाले दिनों में स्थिति और भी बदतर हो सकती है।
तेजी से फैल रहा है डेल्टा वैरिएंट
बता दें कि अमेरिका में स्कूलों के फिर से खुलने पर बच्चों में संक्रमण के मामलों में तेजी आई है। पिछले छह हफ्तों में सबसे ज्यादा बच्चे संक्रमित हुए है। बता दें कि डेल्टा वेरिएंट ज्यादातर बिना टीकाकरण वाले लोगों में ही फैल रहा है। इस बीच विशेषज्ञों का कहना है कि उन जगहों पर बच्चे ज्यादा बीमार हो रहे हैं जहां वैरिएंट का सामुदायिक प्रसार अधिक है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि अमेरिका में डेल्टा वैरिएंट की वजह से संक्रमित मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। यह अल्फा स्टेन के मुकाबले में बच्चों को बहुत ज्यादा संक्रमित कर रहा है।
90 प्रतिशत से अधिक बच्चों में पाया गया डेल्टा वैरिएंट
एक रिपोर्ट के अनुसार, यह कोरोना वायरस की सबसे ज्यादा खतरनाक लहर साबित हो सकती है। डेल्टा वैरिएंट के कारण संक्रमित मरीजों में बहुत ज्यादा बढ़ौतरी देखने को मिल रही है जो आगे जाकर हालात को और भी खराब कर सकती है। सबसे ज्यादा चिंता की बात यह है कि इसका सबसे ज्यादा असर बच्चों में देखने को मिल रहा है। रिपोर्ट का कहना है कि कोरोना से संक्रमित 90 प्रतिशत से अधिक बच्चों में डेल्टा वैरिएंट पाया गया है।
कम वैक्सीनेशन वाले इलाकों में तेजी से फैला वायरस
आपको बता दें कि अभी तक अमेरिका के कई हिस्सों में टीकाकरण पूरी तरह से नही लग पाया है। जिसे वजह से कम वैक्सीनेशन वाले इलाकों में वायरस से संक्रमित बच्चों के अस्पताल में भर्ती होने की संख्या में तेजी से उछाल आया है। विश्लेषण के अनुसार, फ्लोरिडा में लगातार आठ दिनों तक बच्चों के अस्पताल में भर्ती होने का नया रिकॉर्ड दर्ज किया है। बता दें कि अमेरिका में अभी तक 12 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए कोई वैक्सीन नहीं है। हालांकि 12 साल से अधिक उम्र के बच्चों को वैक्सीन लगाई जा रही है।
बच्चों में बढ़ते संक्रमण केस को देखते हुए USA ने मेडिकल सुविधा में की यह बड़ी तैयारी
बच्चों में बढ़ते संक्रमण के मामलों को देखते हुए अमेरिका मेडिकल सुविधा को और सुचारू रूप से विकसीत करने की कोशिश कर रहा हैं। अस्पतालों में पहले से अधिक नर्सों की ड्यूटी बढ़ा दी है वहीं साफ-सफाई से लेकर ज्यादा से ज्यादा बेड्स का इंतजाम किया जा रहा है ताकि बच्चों को अस्पातल में एडमिट करने में कोई दिक्कत न आए। इसके अलावा बच्चों में मल्टीसिस्टम इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम या एमआईएस-सी (MIS-C. A ) में वृद्धि के लिए पहले से और अधिक स्टाफ की भी भर्ती की जा रही है।
कैसे फैलता है कोरोना वायरस?
कोरोना वायरस उन बूंदों के जरिए फैलसा है जो किसी संक्रमित व्यक्ति के खांसने, छिंकने या सांस लेने से पैदा होती हैं। ये बूंदें बहुत भारी होती हैं, इसलिए ज़्यादा देर तक हवा में नहीं रह पाती हैं और तुरंत ही फ़र्श या सतह पर गिर जाती हैं। अगर आप किसी ऐसे व्यक्ति के बहुत नज़दीक हैं जो कोविड-19 से पीड़ित है, तो सांस लेने पर आप भी संक्रमित हो सकते हैं। अगर आप किसी संक्रमित सतह को छूते हैं और उसके बाद आंख, नाक या मुंह पर हाथ लगाते है तो ऐसा करने पर आप भी संक्रमित हो सकते हैं।
बच्चों में वायरस के लक्षण
कोविड के नए लक्षणों में पेट दर्द, उल्टी, दस्त जैसी समस्या हो सकती है। ध्यान रहे बच्चों में इस तरह के लक्षण पाएं जाने पर फौरन डॉ. से संपर्क करे बिल्कुल भी लापरवाही न बरते। अगर बच्चे सुस्त भी नजर आते हैं तो उनसे उनका हाल जरूर पूछें।
बच्चों को संक्रमण से कैसे बचाएं
-बच्चों को साफ-सफाई के बारे में बताएं। बच्चों पर लगातार नजर बनाएं रखें। उन्हें थोड़ा सा भी कफ, खांसी, जुकाम होने पर बेसिक इलाज शुरू कर दें।
- बच्चों को ठंडी चीजें न खिलाएं। जैसे आइस्क्रीम, कोल्ड्रिंक्स, चॉकलेट आदि।
- बच्चों को रोजाना सूर्य नमस्कार करवाए। इससे उनका इम्यूनिटी स्ट्रांग होगी।
- बच्चों के फूड डाइट में सुधार करें उन्हें हेल्दी सब्जी खिलाएं। फ्रूट्स खिलाते रहें।
- सैनिटाइजर की जगह बच्चों को साबुन से हाथ धोने के लिए कहें। बार-बार मुंह पर हाथ फेरने से रोकें।
- परिवार के सदस्य बाहर से कोई भी चीज़ ला रहे हैं तो उन्हें छूने न दें।
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