शादी में रुकावट, जानें वास्तु दोष के प्रभाव और उपाय!
punjabkesari.in Wednesday, Oct 30, 2024 - 05:31 PM (IST)
नारी डेस्क: शादी का रिश्ता हर किसी के लिए खास होता है, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि हमारे आस-पास की वास्तु ऊर्जा भी इस पर असर डाल सकती है? कई बार हमें अपनी पसंद का साथी नहीं मिल पाता, और इसके पीछे का कारण अक्सर घर के वास्तु दोष होते हैं। ये दोष केवल व्यक्तिगत जीवन में ही नहीं, बल्कि पूरे परिवार की खुशियों को भी प्रभावित कर सकते हैं। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि कैसे वास्तु शास्त्र के सरल उपायों से आप अपने घर के माहौल को सुधार सकते हैं। सही दिशा में की गई छोटी-छोटी परिवर्तन आपके घर में सकारात्मक ऊर्जा ला सकते हैं और आपके लिए सही जीवनसाथी की खोज को आसान बना सकते हैं। आइए, जानते हैं उन खास टिप्स के बारे में जो आपकी शादीशुदा जिंदगी को खुशहाल बनाने में मदद कर सकते हैं।
वास्तु दोष क्या है?
वास्तु शास्त्र एक प्राचीन भारतीय विज्ञान है, जो घर या किसी भी संरचना की स्थिति और दिशा के अनुसार ऊर्जा संतुलन को समझाता है। जब घर में वास्तु दोष होता है, तो यह नकारात्मक ऊर्जा का स्रोत बन सकता है, जो परिवार के सदस्यों के जीवन में परेशानियों का कारण बनता है।
शीघ्र विवाह के सरल ज्योतिष उपाय
मिट्टी का कुल्हड़ उपाय
किसी भी शुभ दिन पर एक नया मिट्टी का कुल्हड़ लाएं। उसमें एक लाल वस्त्र, सात काली मिर्च और सात नमक की साबुत कंकड़ रखें। कुल्हड़ का मुख लाल कपड़े से ढक दें और उसके बाहर कुमकुम की सात बिंदियां लगाएं। इस कुल्हड़ को अपने सामने रखकर निम्न मंत्र की 5 माला जप करें। मंत्र जप के बाद इसे चौराहे पर रखवा दें। यह उपाय विवाह में तेजी लाने के लिए बहुत असरदार माना जाता है।
पलंग की स्थिति
विवाह योग्य बच्चों का पलंग हमेशा दीवार से इस तरह सटाकर रखें कि वह बाकी तीनों तरफ से उपयोग में लाया जा सके। पलंग को कभी भी कमरे के कोने में नहीं रखना चाहिए, क्योंकि इससे विवाह के लिए संभावनाओं में कमी आ सकती है। एक खुली और संतुलित स्थिति विवाह में सफलता के लिए महत्वपूर्ण है।
मुख्य द्वार का महत्व
यदि आपके घर का मुख्य द्वार सही स्थिति में नहीं है या किसी बाधा के पीछे है, तो यह घर में नकारात्मकता का संचार कर सकता है। मुख्य द्वार को हमेशा साफ-सुथरा रखें और उसमें कोई बाधा न होने दें। यदि द्वार के सामने कोई खंभा, वृक्ष या खुली नाली है, तो यह आपके विवाह के प्रयासों में रुकावट पैदा कर सकती है। सकारात्मक ऊर्जा के प्रवाह के लिए इन बातों का ध्यान रखना जरूरी है।
रसोई और बाथरूम का स्थान
जिन घरों में रसोईघर या बाथरूम एक लाइन में होते हैं, वहाँ की कन्याएं अक्सर अशांत और असुखी रहती हैं। यह स्थिति उनकी शादी में विलंब का कारण बन सकती है। कोशिश करें कि रसोई और बाथरूम का स्थान एक-दूसरे से अलग हो, ताकि सकारात्मक ऊर्जा का संचार हो सके।
कमरे का रंग
कमरे का रंग विवाह से जुड़े हालातों को काफी प्रभावित कर सकता है। वास्तु के अनुसार, विवाह योग्य युवक और युवतियों के कमरे का रंग हल्का गुलाबी होना चाहिए। आंखों में चुभने वाले रंग जैसे काला, गहरा भूरा और नीला हानिकारक हो सकते हैं। कमरे की दीवारों पर सुंदर चित्र लगाना भी फायदेमंद है, लेकिन ध्यान रखें कि रोते बच्चों या डूबते सूरज के चित्र न लगाएं।
सोने की दिशा
वास्तु के अनुसार, विवाह योग्य लड़के और लड़कियों को दक्षिण और दक्षिण पश्चिम दिशा में नहीं सोना चाहिए। इस दिशा में सोने से अच्छे रिश्ते नहीं आते और विवाह में बाधा उत्पन्न हो सकती है। सोने की दिशा का सही होना भी विवाह की संभावनाओं को बढ़ाने में सहायक होता है।
बैठक की दिशा
विवाह से पहले मिलने के दौरान युवक-युवतियों को कभी दक्षिण दिशा की ओर मुंह करके नहीं बैठना चाहिए। दक्षिण दिशा मंगल कार्यों के लिए अशुभ मानी जाती है। इस दिशा से बचने से विवाह संबंधी प्रयासों में सकारात्मकता आती है।
कमरे में बर्तनों का स्थान
वास्तु के अनुसार, विवाह योग्य युवक और युवतियों के कमरे में किसी भी प्रकार के बर्तन नहीं होने चाहिए। इसके अलावा, उनके बेड के नीचे लोहे का सामान भी नहीं होना चाहिए। यह स्थिति विवाह के लिए बाधा उत्पन्न कर सकती है, इसलिए कमरे की सजावट का ध्यान रखें।
हॉल की स्थिति
यदि हॉल के अंदर गंदे पानी की निकासी, चैम्बर हो या हॉल बहुत छोटा हो, तो इससे शादी में बाधाएं आ सकती हैं। किसी बाथरूम से सीधा जुड़ाव भी नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। ऐसे मामलों में घर के किसी एक सदस्य को विवाह में बाधा का सामना करना पड़ सकता है, इसलिए हॉल की स्थिति पर ध्यान देना जरूरी है।
बच्चों की शादी में रुकावटों का सामना करने के लिए वास्तु दोष का ज्ञान महत्वपूर्ण है। सही दिशा में सकारात्मक बदलाव करने से न केवल शादी में रुकावटें दूर हो सकती हैं, बल्कि परिवार में सुख-समृद्धि भी बढ़ सकती है। यदि आपको किसी विशेष समस्या का सामना करना पड़ रहा है, तो एक योग्य वास्तु शास्त्री से सलाह लेना उपयोगी हो सकता है।
सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बनाए रखने के लिए छोटे-छोटे उपाय कर आप अपने परिवार में खुशियों का माहौल बना सकते हैं।