लड़कियों की शादी में अब सरकार करेगी मदद! जानें कहां और कितना मिलेगा पैसा
punjabkesari.in Saturday, Dec 06, 2025 - 06:58 PM (IST)
नारी डेस्क: लड़कियों की शादी हमेशा परिवार के लिए एक बड़ा खर्च माना जाता है। खासकर गरीब और आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के लिए यह खर्च किसी पहाड़ से कम नहीं होता। इसी चिंता को देखते हुए ओडिशा सरकार ने एक नई योजना शुरू की है, जो परिवारों की मदद कर सकती है और उनकी आर्थिक परेशानी को कम कर सकती है।
मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना क्या है?
इस नई योजना का नाम है मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना। यह योजना खास तौर पर उन लड़कियों के लिए शुरू की गई है जो आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों से आती हैं। सरकार उन्हें शादी के समय कुल 51,000 रुपये की सहायता देगी। इसमें नकद सहायता भी शामिल है और शादी से जुड़ी जरूरी चीजों का खर्च भी। इससे उन परिवारों को राहत मिलेगी जिन्हें शादी के लिए कर्ज लेना पड़ता है या तैयारियां पूरी करना मुश्किल हो जाता है।

योजना शुरू क्यों की गई?
ओडिशा सरकार ने इससे पहले भी महिलाओं के लिए कई योजनाएं चलाई हैं, जैसे कि सुभद्रा योजना, जिसे अच्छी प्रतिक्रिया मिली थी। इसी सफलता को देखते हुए सरकार ने लड़कियों की शादी में आर्थिक बोझ को कम करने का फैसला किया। इसके पीछे एक और कारण यह है कि सरकार चाहती है कि गरीब परिवारों की बेटियाँ बिना किसी आर्थिक तनाव के सम्मानपूर्वक शादी कर सकें। साथ ही, यह योजना महिलाओं के सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में भी एक कदम है।
51,000 रुपये में क्या-क्या शामिल होगा?
सरकार द्वारा दी जाने वाली राशि को तीन हिस्सों में बांटा गया है, ताकि शादी से जुड़ी सभी जरूरतें आसानी से पूरी हो सकें।
35,000 रुपये नकद आर्थिक सहायता: शादी में सबसे ज्यादा खर्च तैयारियों पर आता है कपड़े, हल्दी-मेहंदी, सजावट, रिश्तेदारों की मेजबानी, आदि। इसे पूरा करने के लिए सरकार सीधे 35,000 रुपये परिवार के खाते में ट्रांसफर करेगी। यह राशि सबसे बड़ा सहारा बनेगी।
10,000 रुपये के शादी उपहार: इसके अलावा सरकार 10,000 रुपये के उपहार भी देगी, जिनमें शामिल होंगे साड़ी, चूड़ियां, बिंदी, पायल, बिछिया
कुछ महत्वपूर्ण बर्तन: ये उपहार शादी के जरूरी सामान को पूरा करने में मदद करेंगे और परिवार को अतिरिक्त खर्च से बचाएंगे।
6,000 रुपये आयोजन के लिए
शादी के दिन पंडाल, कुर्सियां, लाइट, और अन्य व्यवस्थाओं का भी खर्च आता है। इसके लिए सरकार 6,000 रुपये अलग से देगी। इससे शादी का आयोजन आसानी से और सम्मान के साथ किया जा सकेगा।
कौन-कौन इस योजना का लाभ उठा सकता है?
हर कोई इस योजना का लाभ नहीं ले सकता। सरकार ने इसके लिए कुछ जरूरी शर्तें तय की हैं।
लड़की की उम्र कम से कम 18 साल हो: सरकार चाहती है कि बाल विवाह न हो। इसलिए योजना का लाभ केवल उन्हीं को मिलेगा जो 18 साल या उससे अधिक उम्र की होंगी।
परिवार का EWS श्रेणी में होना जरूरी: यह योजना सिर्फ आर्थिक रूप से कमजोर (EWS) परिवारों के लिए है। यानी वे परिवार जिनकी आय कम है और जो सरकारी गरीबी रेखा संबंधी मानकों में आते हैं।
विधवा महिलाओं को भी सहायता: अगर कोई विधवा महिला दोबारा शादी करती है, तो उसे भी इस योजना का लाभ मिलेगा। यह कदम महिलाओं के पुनर्विवाह को प्रोत्साहित करने के लिए रखा गया है।
शादी का रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य: सरकार ने साफ कहा है कि सहायता तभी मिलेगी जब शादी कानूनी रूप से दर्ज होगी। इससे विवाह प्रक्रिया पारदर्शी और सुरक्षित रहेगी और दंपति को भविष्य में किसी तरह की कानूनी परेशानी नहीं होगी।

योजना से समाज में क्या सुधार लाना चाहती है सरकार?
सरकार का लक्ष्य सिर्फ आर्थिक मदद देना नहीं है। इस योजना से कई सामाजिक बदलाव भी लाना चाहती है।
बाल विवाह को रोकना: 18 साल से कम उम्र की लड़कियों की शादी अभी भी कई जगह होती है। रजिस्ट्रेशन की शर्त से ऐसे मामलों पर रोक लग सकेगी।
दहेज प्रथा पर रोक: सरकार चाहती है कि परिवार दहेज मांगने या देने की गलत प्रथा से दूर रहें। आर्थिक सहायता मिलने से परिवारों पर दहेज देने का दबाव कम होगा।
जिम्मेदार और सुरक्षित विवाह को बढ़ावा: सरकारी दिशानिर्देशों में साफ लिखा है कि योजना का उद्देश्य "जिम्मेदार और गरिमापूर्ण विवाह पद्धति" को बढ़ावा देना है। यानी कोई जल्दबाजी नहीं, कोई शोषण नहीं, और शादी पूरी तरह कानूनी और सुरक्षित हो।
सरकार इस योजना पर कितना खर्च करेगी?
ओडिशा सरकार अगले 5 वर्षों में लगभग 60 करोड़ रुपये इस योजना पर खर्च करेगी। यह बड़ी राशि उन परिवारों की जिंदगी में सच्ची राहत ला सकती है जो आर्थिक तंगी से लड़ते-लड़ते अपनी बेटियों की शादी टाल देते हैं।
योजना का राजनीतिक असर भी क्यों माना जा रहा है?
ओडिशा में महिलाओं का एक बड़ा वर्ग पहले से बीजद (BJD) का मजबूत समर्थक रहा है। लेकिन हाल के चुनावों में भाजपा ने महिला वोटर्स पर काफी ध्यान दिया। सुभद्रा योजना ने भाजपा को बड़े पैमाने पर महिला वोट दिलाए थे। अब मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना को भी उसी दिशा में सरकार की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है महिलाओं का भरोसा दोबारा और मजबूत करने के लिए।

