नेपाल में Gen-Z के प्रदर्शन पर मनीषा कोइराला का फूटा गुस्सा... बोलीं – “आज काला दिन है…”
punjabkesari.in Tuesday, Sep 09, 2025 - 11:54 AM (IST)

नारी डेस्क: नेपाल में हाल ही में सरकार द्वारा सोशल मीडिया बैन किए जाने के बाद देश के युवा सड़कों पर उतर आए। इस प्रदर्शन में हिंसा भड़क उठी, कई युवाओं की जान चली गई, और इसी मुद्दे पर बॉलीवुड एक्ट्रेस मनीषा कोइराला ने नेपाल सरकार पर नाराजगी जताई है। उन्होंने इसे “नेपाल के लिए काला दिन” बताया है। 4 सितंबर 2025 को नेपाल सरकार ने व्हाट्सऐप, फेसबुक, इंस्टाग्राम, यूट्यूब, एक्स (ट्विटर) सहित कुल 26 सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को ब्लॉक कर दिया। सरकार का कहना था कि यह कदम अफवाहों और गलत जानकारी को रोकने के लिए उठाया गया।
लेकिन यह फैसला देश की युवा पीढ़ी को रास नहीं आया। खासतौर पर Gen-Z (युवा वर्ग) ने इसे अभिव्यक्ति की आज़ादी पर हमला माना और सरकार के खिलाफ जबरदस्त विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया।
सड़कों पर उतरे युवा, हिंसा में गई कई जानें
सोशल मीडिया बैन के विरोध में शुरू हुआ यह प्रदर्शन जल्द ही हिंसक रूप ले बैठा। रिपोर्ट्स के अनुसार, अब तक इस आंदोलन में करीब 20 युवाओं की मौत हो चुकी है। सोशल मीडिया पर इस आंदोलन की चौंकाने वाली तस्वीरें वायरल हो रही हैं — जिसमें आंसू गैस, लाठीचार्ज और खून से सनी सड़कें देखी जा सकती हैं।
मनीषा कोइराला ने किया दुख व्यक्त
बॉलीवुड एक्ट्रेस मनीषा कोइराला, जो नेपाल से ताल्लुक रखती हैं, ने इस मुद्दे पर चुप्पी तोड़ते हुए इंस्टाग्राम पर एक भावुक पोस्ट शेयर की। उन्होंने एक ऐसी तस्वीर साझा की जिसमें एक जूता खून से सना हुआ पड़ा है।
इस पोस्ट के साथ मनीषा ने लिखा
“आज नेपाल के लिए एक काला दिन है। जब जनता भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज़ उठाती है, तो उसका जवाब गोलियों से देना एक दुखद और शर्मनाक कदम है।”
मनीषा का नेपाल से क्या नाता है?
मनीषा कोइराला का जन्म नेपाल के विराटनगर में हुआ है। वह एक प्रतिष्ठित राजनीतिक परिवार से ताल्लुक रखती हैं। उनके पिता प्रकाश कोइराला नेपाल सरकार में मंत्री रह चुके हैं, और उनकी दादी नेपाल की पहली महिला मंत्री थीं। इसलिए मनीषा की नेपाल के इतिहास, राजनीति और संस्कृति से गहरी जुड़ाव रहा है।
सरकार को झुकना पड़ा, सोशल मीडिया बैन वापस
लगातार बढ़ते दबाव और जनआक्रोश के चलते आखिरकार नेपाल सरकार को पीछे हटना पड़ा। उसने सभी प्रमुख सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर लगा बैन हटा लिया है और सेवाएं फिर से सामान्य कर दी गई हैं। हालांकि, जिन युवाओं ने इस विरोध में अपनी जान गंवाई, उन्हें लेकर अब देशभर में शोक और आक्रोश का माहौल है।
नेपाल में सोशल मीडिया बैन और उसके खिलाफ हुए जनआंदोलन ने यह साफ कर दिया है कि आज की युवा पीढ़ी अभिव्यक्ति की आज़ादी से समझौता नहीं करेगी। मनीषा कोइराला जैसी हस्तियों की आवाज़ ने इस आंदोलन को और बल दिया है।
यह घटना एक बड़ी सीख भी है जनता की आवाज़ को दबाने से असहमति खत्म नहीं होती, बल्कि और भड़क जाती है।
(Disclaimer): यह खबर विभिन्न मीडिया स्रोतों और सोशल मीडिया पोस्ट्स पर आधारित है। तथ्यों की पुष्टि संबंधित आधिकारिक माध्यमों से करें