दो सांडों की लड़ाई में गई युवक की जान, तालाब में गिरा, बुखार की दवा लेने निकला था मनोज
punjabkesari.in Friday, Sep 05, 2025 - 05:56 PM (IST)

नारी डेस्क : कानपुर से एक बेहद दर्दनाक और चौंकाने वाली घटना सामने आई है। यहां दो सांडों की आपसी लड़ाई की चपेट में आकर एक मासूम व्यक्ति की जान चली गई। यह हादसा सचेंडी थाना क्षेत्र के दिलीपपुर गांव में हुआ, जहां 49 वर्षीय मनोज साइकिल से दवा लेने जा रहे थे, लेकिन रास्ते में उनकी जिंदगी का सफर थम गया।
दो सांडों की भिड़ंत बनी जानलेवा हादसे की वजह
मनोज शुक्रवार को बुखार की दवा लेने के लिए साइकिल से घर से निकले थे। जैसे ही वह सचेंडी के मानशिला मंदिर के पास पहुंचे, वहां दो सांड आपस में भयंकर लड़ाई कर रहे थे। दुर्भाग्यवश, उसी वक्त एक सांड ने मनोज को जोरदार टक्कर मार दी। टक्कर इतनी तेज थी कि मनोज साइकिल समेत बगल के गहरे तालाब में जा गिरे।
तालाब में फंस गया शरीर, बचाया नहीं जा सका जीवन
स्थानीय ग्रामीणों ने हादसा होते देखा और तुरंत उन्हें बचाने की कोशिश की। लेकिन तालाब में सिंघाड़े की बेलें और गाद भरी होने के कारण मनोज वहां बुरी तरह फंस गए। काफी मशक्कत के बाद ग्रामीणों ने उन्हें तालाब से बाहर निकाला और अस्पताल पहुंचाया। लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
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कमाने वाला एकमात्र सहारा था मनोज
मनोज, दिलीपपुर गांव के रहने वाले थे और प्राइवेट नौकरी कर अपने परिवार का पेट पालते थे। उनके पिता गेंदालाल ने बताया कि मनोज की तबीयत कुछ दिनों से खराब चल रही थी, इसलिए वह दवा लेने निकले थे। उनके जाने से परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है, क्योंकि वे ही घर का एकमात्र कमाने वाले सदस्य थे।
आवारा मवेशियों से परेशान हैं ग्रामीण
ग्रामीणों का कहना है कि आवारा मवेशी पूरे इलाके के लिए खतरा बन चुके हैं। शहरों से जानवर खुलेआम गांवों की ओर आ जाते हैं और न केवल लोगों की जान जोखिम में डालते हैं, बल्कि खेतों की फसलें भी बर्बाद करते हैं। इस तरह की घटनाएं पहले भी हो चुकी हैं, लेकिन प्रशासन की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।
पुलिस ने लिया संज्ञान, शव भेजा गया पोस्टमॉर्टम के लिए
हादसे की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया। स्थानीय लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि आवारा मवेशियों पर रोक लगाई जाए और इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए जाएं।
एक साधारण इंसान जो केवल दवा लेने निकला था, आज आवारा पशुओं की लापरवाही की भेंट चढ़ गया। यह हादसा सिर्फ एक परिवार की नहीं, बल्कि पूरे समाज की आंखें खोलने वाला है। जरूरत है कि प्रशासन जागे और आवारा जानवरों की समस्या का स्थायी समाधान निकाले।