कंजूसी के लिए मशहूर थी ये खूबसूरत एक्ट्रेस, बाथरुम से निकले थे इतने पैसे कि देखने वाले रह गए दंग
punjabkesari.in Thursday, Jul 15, 2021 - 11:36 AM (IST)
बॉलीवुड में ऐसी बहुत सारी हीरोइनें हैं जिन्होंने लंबा समय इंडस्ट्री पर राज किया और खूब पैसा भी कमाया। 60-70 के दशक की उन्हीं अभिनेत्रियों में एक नाम माला सिन्हा का भी है। जिन्होंने अपने समय में खूब नाम कमाया लेकिन आज की बात करें तो वह पैसा होते हुए भी गुमनामी की जिंदगी जी रही हैं। 4 दशक उन्होंने इंडस्ट्री पर राज किया और उनके चाहने वालों की कमी तो आज भी नहीं होगी। लोग उनकी एक्टिंग ही नहीं गायिकी के भी दीवाने थे लेकिन उनकी जिंदगी में कुछ ऐसा भी हुआ था जिसके बारे में सुनकर फैंस के पैरों तेल जमीन खिसक गई थी। माला सिन्हा के घर के बाथरूम से लाखों रु. मिले थे और जब इन पैसों की सच्चाई पता चली तो लोग सुनकर दंग रह गए चलिए आपको वो किस्सा बताते है और साथ ही माला सिन्हा की जिंदगी की कुछ अनसुनी बातें भी...
11 नवंबर 1936 को कोलकाता में जन्मी माला ने हिंदी के अलावा बंगाली और नेपाली भाषा में भी कई फिल्में की हैं। 50, 60 और 70 के दशक में माला सिन्हा हिंदी सिनेमा की टॉप अभिनेत्रियों में से थीं। माला के पिता अल्बर्ट सिन्हा बंगाल से थे और मां नेपाल की रहने वाली इसीलिए लोग उन्हें नेपाली-भारतीय बाला कहते थे। माला सिन्हा का असली नाम यानि की बचपन का नाम आल्डा सिन्हा था लेकिन बच्चे उन्हें स्कूल में डालडा कहकर चिढ़ाते थे। माला के माता-पिता उन्हें बेबी कहते थे इसलिए कई दोस्त उन्हें डालडा सिन्हा तो कई बेबी सिन्हा कहने लगे। जिसके बाद उन्होंने अपना नाम बदलकर माला सिन्हा रख लिया था।
बंगाली फिल्मों से अपने सफर की शुरुआत करने वाली माला फिल्मों से पहले रेडियो पर गाया करती थीं। एक बार एक निर्माता के पास जब वे गई तो निर्माता ने उनसे कहा कि पहले शीशे में जाकर अपना चेहरा तो देखो, ऐसी भद्दी नाक को लेकर हीरोइन बनने का सपना देखती हो। बंगाली फिल्मों में उन्हें मौका तो मिला लेकिन खास पहचान नहीं लेकिन कड़े संघर्ष करते हुए वह मुंबई पहुंच गई जहां उनकी मुलाकात अपने जमाने की मशहूर अभिनेत्री गीता बाली से हुई जिसने माला को निर्देशक केदार शर्मा से मिलवाया। कहा जाता है कि माला के करियर को आगे बढ़ाने में केदार शर्मा ने बहुत मदद की। उन्होंने अपनी फिल्म रंगीन रातें में बतौर अभिनेत्री काम दिया। सपनों की नगरी ने उन्हें पहचान दी जहां उनकी एक दिन मुलाकात गुरुदत्त से हो गई।
गुरुदत्त ने माला को फिल्म में लेने का मन भी बना लिया था। उन्होंने फिल्म 'प्यासा' के लिए कास्ट किया था। इस फिल्म के निर्माता, निर्देशक और अभिनेता गुरुदत्त ही थे। फिल्म रिलीज हुई और हिट हो गई। इस तरह उन्हें पहचान मिली और फिल्मों की लाइन लग गई। इस तरह एक्ट्रेस ने खूब पैसा भी कमाया और नाम भी...इसी से जुड़ा एक किस्सा और भी है। खूब पैसा कमाने वाली इस एक्ट्रेस के बारे में कहा जाता था कि वो बेहद कंजूस थीं। उस समय यह खबरें सुर्खियों में होती थी कि नौकरों पर पैसा खर्च करने की बजाए माला सिन्हा खुद अपने घर का सारा काम आप करती थीं। एक बार उनके घर मुंबई स्थित घर पर इनकम टैक्स का छापा पड़ा था। इस दौरान उनकी बाथरूम की दीवार से 12 लाख रुपए बरामद हुए थे। और उस जमाने में इतने रुपए बहुत मायने रखते थे और जब इनकम टैक्ट के अधिकारी द्वारा इस पैसे को जब्त की जाने की बात की गई तो एक्ट्रेस ने अपने पैसे बचाने के लिए अदालत में बेहद हैरान करने वाला ब्यान लिखकर दे डाला था जिसे सुन्न कर ही लोग दंग रह गए थे। पैसे बचाने के माला सिन्हा ने लिखकर दिया था कि उन्होंने वेश्यावृत्ति करके यह रुपये कमाए हैं।
ऐसा भी कहा जाता है कि माला सिन्हा के पिता अल्बर्ट इन पैसों को हाथ से नहीं जाने देना चाहते थे इसलिए उन्होंने वकील की सलाह अपनाई थी और माला सिन्हा ने ये बयान दिया था। इसके बाद माला सिन्हा की छवि पर प्रभाव पड़ा लोग उन्हें गलत निगाह से देखने लगे थे। साल 1966 में एक्ट्रेस माला सिन्हा ने एक नेपाली एक्टर चिदाम्बर प्रसाद लोहानी से शादी रचा ली थी। माला और चिदाम्बर की एक बेटी है जिसका नाम प्रतिभा सिन्हा है। प्रतिभा भी मां की तरह फिल्मी नगरी में आई लेकिन बुरी तरह फ्लॉप हो गईं। प्रतिभा सिन्हा आखिरी बार 2000 में आई फिल्म 'ले चल अपने संग' में नजर आई थीं। फिल्म राजा हिंदुस्तानी में उनके ऊपर फिल्माया गया गाना 'परदेसी परदेसी...' आज भी लोगों को याद है। कहा जाता है कि एक्ट्रेस अपनी बेटी की असफलता से इतना निराश हो गई थी कि उन्होंने खुद को लाइमलाइट से पूरी तरह से दूर कर दिया था।
फिलहाल अब वो अपनी बेटी के साथ मुंबई में कही रह रही हैं। माला सिन्हा ने अपने फिल्मी करियर में 100 से ज्यादा फिल्मों में काम किया जबकि एक समय लोगों ने कहा था कि नेपाली नाक-नक्श वाली लड़की हिंदी फिल्मों में क्या चलेगी? लेकिन माला सिन्हा ने अपने परिश्रम, लगन और प्रतिभा के बल पर अपने लिए विशेष जगह बनाई। वह हर तरह की भूमिका निभाने की क्षमता थी यहीं वजह थी कि उन्होंने हर डायेरक्टर के साथ काम किया। केदार शर्मा बी.आर. चोपड़ा से लेकर यश चोपड़ा तक सबने माला को हीरोइन बनाया। पारिवारिक फिल्में करने में वे बड़ी दक्ष थीं, जिन्हें देखकर महिलाएं आंसू बहाने लगती थीं आंसू और कहकहों की कॉकटेल फैमिली ड्रामा में चित्रित करने में माहिर थी।
एक बार माला सिन्हा ने जीनत अमान और परवीन बॉबी पर ऐसा कमेंट कर दिया था जिसे सुनकर दोनों ही अभिनेत्रियां नाराज हो गई थीं। उन्होंने कहा था कि वह अभिनेत्रियां कम और मॉडल ज्यादा हैं। मॉडल के पास दिखाने के लिए सिर्फ शरीर होता है। माला सिन्हा 1985 तक वह लगातार काम करती रहीं। 1985 में “दिल तुझको दिया” के बाद माला को लगा कि बढ़ती उम्र और ग्लैमर के अभाव में उनका जमाना अब खत्म हो रहा है और वह मां और दीदी जैसे कैरेक्टर रोल नहीं चाहती थीं इसलिए उन्होंने फिल्मों में ब्रेक ले लिया। आज वह लाइमलाइट और फिल्मी नगरी से दूर गुमनामी की जिंदगी जी रही हैं।