बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती को यूं करें प्रसन्न, जानिए पूजा का मुहूर्त
punjabkesari.in Monday, Jan 27, 2020 - 11:59 AM (IST)
बसंत पंचमी यानि की पंतगों और पढ़ाई की देवी सरस्वती का त्योहार। इस बार बसंत पंचमी बहुत खास है क्योंकि कई सालों बाद ग्रह और नक्षत्रों की स्थिति इस दिन को और खास बना रही है। इस बार 3 ग्रह खुद की ही राशि में रहेंगे। मंगल वृश्चिक, बृहस्पति धुन और शनि मकर राशि में रहेंगे। विवाह और अन्य शुभ कार्यों के लिए यह स्थिति बहुत ही शुभ मानी जाती है। इस दिन बसंत पंचमी 2 दिन रहेगी क्योंकि 29 जनवरी सुबह शुरु होने के बाद वह 30 जनवरी शाम तक रहेगी लेकिन पूजा की कुल अवधि 1 घंटा 49 मिनट की है।
बसंत पंचमी मुहूर्त
29 जनवरी- सुबह 10ः45 से 30 जनवरी - दोपहर 01ः19 तक
पूजा का मुहूर्तः सुबह 10ः47 से दोपहर 12ः34 तक
महत्व
बसंत पंचमी के दिन को माता-पिता अपने बच्चों की शिक्षा-दीक्षा की शुरुआत के लिए शुभ मानते है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार इस दिन बच्चे की जीभ पर शहद से ए बनाना चाहिए इससे बच्चा ज्ञानवान होता है और शिक्षा जल्दी ग्रहण करने लगता है। बच्चों को उच्चारण सिखाने के लिहाज से भी यह दिन बहुत शुभ माना जाता है।
6 महीने पूरे कर चुके बच्चों को अन्न का पहना निवाला भी इसी दिन खिलाने का रिवाज है। चूंकि बसंत प्रेम की ऋतु मानी जाती है और कामदेव अपने बाण इस ऋतु में चलाते हैं इस लिहाज से अपने परिवार के विस्तार के लिए भी यह बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है इसलिए बसंत पंचमी को परिणय सूत्र में बंधने के लिए भी बहुत सौभाग्यशाली माना जाता है और बहुत से युगल इस दिन अपने दांपत्य जीवन की शुरुआत करते हैं। गृह प्रवेश के से लेकर नए कार्यों की शुरुआत के लिए भी इस दिन को शुभ माना जाता है।
करें पैन, कॉपी की पूजा
बसंत पंचमी के दिन पैन, कॉपी, किताबों की भी पूजा की जाती हैं। ऐसा करने से देवी सरस्वती वरदान प्रदान करती है। सरस्वती, विष्णु और शिव मंदिरों में इस त्यौहार का उत्साह सर्वाधिक होता है। अधिकांश स्थानों पर मेले आयोजित किए जाते हैं, जो मुख्यता संबंधित देवी- देवताओं को ही समर्पित होता हैं।
इस तरह करें पूजा
सुबह स्नान करके पीले कपड़े पहन लें। मां सरस्वती की मूर्ति के आगे कलश रख कर भगवान गणेश और नवग्रह की पूजा करें। फिर मां सरस्वती की पूजा करें। मां को स्नान करवा करे उनका श्रृंगार करवा करे उन्हें सफेद कपड़े पहनाएं। प्रसाद में आप खीर या दूध से बनी चीज चढ़ा सकते है। मां को सफेद फूल अर्पित करें। वहीं बच्चे मां को कलम और पुस्तकें भेज करें। वहीं संगीत से जुड़े व्यक्ति अपने साज पर तिलक लगा कर पूजा करें।