महाकुंभ में तीसरा अमृत स्नान: हाथ में तलवार-गदा लिए घोड़ों पर सवार नागा साधु, श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़

punjabkesari.in Monday, Feb 03, 2025 - 09:57 AM (IST)

नारी डेस्क: महाकुंभ 2025 में बसंत पंचमी के पावन अवसर पर तीसरे शाही स्नान का आयोजन भव्य तरीके से किया गया। सोमवार सुबह से ही संगम तट पर अखाड़ों और नागा साधुओं का स्नान शुरू हो गया। हजारों साधु-संत अपने पारंपरिक अंदाज में गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम में आस्था की डुबकी लगाने पहुंचे।

अखाड़ों ने की पावन डुबकी

महाकुंभ में सबसे पहले श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी और श्री शम्भू पंचायती अटल अखाड़ा ने भोर में लगभग 5 बजे त्रिवेणी संगम में स्नान किया। इसके बाद श्री तपोनिधि पंचायती श्री निरंजनी अखाड़ा और श्री पंचायती अखाड़ा आनंद ने भी पावन स्नान किया।

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घोड़ों पर सवार नागा साधुओं का अनोखा अंदाज

सुबह करीब 7 बजे श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा, श्री पंचदशनाम आवाहन अखाड़ा और श्री पंचाग्नि अखाड़ा के साधु संगम में स्नान के लिए पहुंचे। नागा साधु पारंपरिक शस्त्रों—गदा, तलवार और त्रिशूल—के साथ दिखाई दिए। घोड़ों पर सवार कई नागा साधु करतब करते हुए संगम की ओर बढ़े, जिससे श्रद्धालुओं का उत्साह और अधिक बढ़ गया। इस दौरान सुरक्षा व्यवस्था भी कड़ी रही, ताकि किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके।

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हेलीकॉप्टर से हुई पुष्पवर्षा, श्रद्धालुओं का उमड़ा सैलाब

शाही स्नान के दौरान हेलीकॉप्टर से अखाड़ों पर पुष्पवर्षा की गई, जिसने माहौल को और भी दिव्य बना दिया। अखाड़ा मार्ग के दोनों ओर हजारों श्रद्धालु lining बनाकर खड़े हुए और साधु-संतों के दर्शन कर पुण्य लाभ प्राप्त किया।

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बैरागी और उदासीन अखाड़ों का स्नान

बैरागी अखाड़ों में अखिल भारतीय श्री पंच निर्वाणी अनी अखाड़ा का स्नान सुबह 08:25 बजे हुआ। वहीं, उदासीन अखाड़ों के तहत श्री पंचायती नया उदासीन अखाड़ा दोपहर 12:00 बजे, श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन निर्वाण दोपहर 1:05 बजे, और श्री पंचायती निर्मल अखाड़ा दोपहर 2:25 बजे स्नान करने पहुंचे।

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तीसरा अमृत स्नान: लाखों श्रद्धालु बने साक्षी

महाकुंभ 2025 के तहत पहला अमृत स्नान मकर संक्रांति, दूसरा मौनी अमावस्या, और तीसरा बसंत पंचमी पर आयोजित किया गया। इस मौके पर लाखों श्रद्धालु संगम में आस्था की डुबकी लगाने पहुंचे। चारों तरफ भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी, जिससे संगम तट पर अद्भुत आध्यात्मिक नजारा देखने को मिला।

आकाश से दिखा दिव्य दृश्य

बसंत पंचमी के इस शुभ दिन पर संगम तट का नजारा आकाश से देखने पर किसी स्वर्ग से कम नहीं लग रहा था। नागा साधुओं की टोलियां, अखाड़ों की परंपरागत झांकियां, और श्रद्धालुओं का विशाल सैलाब—सभी मिलकर महाकुंभ को एक अविस्मरणीय अनुभव बना रहे थे।

 
 

 

 


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Content Editor

Priya Yadav

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