पिकनिक या टूरिस्ट स्पॉट नहीं...मंदिर में गैर हिंदुओं के प्रवेश पर लगाई मद्रास हाईकोर्ट ने No Entry
punjabkesari.in Wednesday, Jan 31, 2024 - 11:49 AM (IST)
मद्रास( चेन्नई) में बेहद ही खूबसूरत मंदिर है, जिन्हें हर दिन दूर-दूर से tourist देखने आते हैं। लेकिन अब मद्रास हाई कोर्ट ने मंदिर में गैर हिंदुओं के प्रवेश को लेकर एक बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने तमिलनाडु के हिंदू धार्मिक स्थानों और विभागों को सभी मंदिरों में बोर्ड लगाने का निर्देश दिया है। इसमें कहा गया है कि 'गैर- हिंदुओं को 'कोडिमारम' (ध्वज स्तंभ) क्षेत्र से आगे जाने की अनुमति नहीं है'। साथ ही हाई कोर्ट की मदुरै पीठ के न्यायाधीश एस. श्रीमथी ने कहा कि मंदिर कोई पिकनिक या tourist स्थल नहीं है। इसलिए गैर- हिंदुओं के प्रवेश पर ध्वज स्तंभ के आगे जाने की अनुमति नहीं होगी। वहीं कोर्ट ने इस फैसले को देते हुए हिंदुओं को बिना हस्तक्षेप के धर्म के पालन करने को उनका मौलिक अधिकार बताया है।
दर्शन करने के लिए गैर हिंदूओं को देना होगा ये वचन
दरअसल, सेंथिल कुमार नामक याचिका कार्ता ने डिंडीगुल जिले के पलानी में अरुलमिगु पलानी धनदायुथापानी स्वामी मंदिर और उसके उप-मंदिरों में केवल हिंदुओं को प्रवेश करने की अनुमति मांगी थी। इसको लेकर फैसला देते हुए कोर्ट ने कहा कि मंदिर के प्रवेश द्वारों, ध्वज स्तंभ के पास और दूसरे प्रमुख स्थानों पर ऐसे बोर्ड ('गैर- हिंदुओं को 'कोडिमारम' (ध्वज स्तंभ) क्षेत्र से आगे जाने की अनुमति नहीं है') लगाने का निर्देश हैं। कोर्ट के आदेश में कहा गया है कि यदि कोई गैर- हिंदू किसी विशिष्ट देवता के दर्शन करना चाहता है, तो उन्हें हिंदू धर्म में अपनी आस्था और मंदिर के रीति- रिवाजों का पालन करने की इच्छा की पुष्टि करने वाला एक वचन पत्र देना होगा।
हिंदू धर्म की आस्था का करना पड़ेगा पालन
कोर्ट का कहना है कि मंदिर परिसर में गैर- हिंदुओं को अनुमति नहीं है, जो हिंदू धर्म में आस्था नहीं रखते हैं। लेकिन यदि कोई गैर- हिंदू मंदिर में किसी विशेष देवता के दर्शन का दावा करता है तो उसे वचन लेना होगा कि हिंदू धर्म के भगवान में आस्था है। वहीं हिंदू धर्म के रीति- रिवाजों और प्रथाओं का पालन करेगा। मंदिर के रीति- रिवाजों का भी पालन करेगा। फिर उस गैर- हिंदू को मंदिर जाने की अनुमति होगी।