मोहब्बत के लिए बनी मधुबाला को आखिर तक नहीं मिला प्यार, पिता के कारण अधूरी रह गई लवस्टोरी
punjabkesari.in Wednesday, Feb 14, 2024 - 03:43 PM (IST)
हिंदी सिनेमा की दिग्गज और खूबसूरत अदाकारा मधुबाला को भला कौन नहीं जानता। आज चौदह फ़रवरी यानी इश्क़-वाले दिन ईश्वर ने अपनी सबसे खूबसूरत कृति को इस दुनिया में भेजा था। 14 फरवरी, 1933 को जन्मी मधुबाला उन नामों में शुमार है, जिन्होंने हिंदी सिनेमा को संवारने में अपनी ज़िन्दगी लगा दी। 50 के दशक की सबसे ज्यादा फीस लेनी वाली अभिनेत्री सिर्फ अभिनय ही नहीं अपनी खूबसूरती के लिए भी जानी जाती थी।
मधुबाला को साल 1942 से 1960 के बीच एक से बढ़कर एक फ़िल्में दी। इतना नाम कमाने के बावजूद उन्हें एक ऐसा दर्द मिला जिसे वह मरते दम तक भूला नहीं पाई थी। मधुबाला बचपन से सिनेमा के लिए काम करने लगी थी, उनकी पहली सफ़ल फ़िल्म साल 1942 में आई बसंत थी। फ़िल्म मुग़ल-ए-आज़म मधुबाला की ज़िन्दगी की सबसे बड़ी फ़िल्म मानी जाती है, इसमें उन्होंने अनारकली की यादगार भूमिका निभाई थी। सफलता की तमाम ऊंचाइयों के बावजूद भी वह अकेली थी, उनके अकेलेपन को दूर किया था युसूफ खान यानी दिलीप कुमार ने।
अदाकारा उनसे बेपनाह मोहब्बत करने लगी थी और उनके साथ शादी के सपने भी सजा बैठी थी। दिलीप कुमार भी उन पर जान छिड़कते थे। मधुबाला की बहन मधुर की मानें तो दोनों ने उस समय अंगूठियां तक बदल ली थी, हालांकि किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। दरअसल नया दौर की शूटिंग के दौरान बी आर चोपड़ा और मधुबाला के पिता में किसी बात को ले कर ठन गई थी। मामला कोर्ट तक पहुंच गया जहां दिलीप साहेब ने बी आर चोपड़ा की तरफ से गवाही दे दी. इसके बाद मधुबाला के पिता ने तय कर लिया कि चाहे जो हो जाये वो मधुबाला और दिलीप साहेब को एक नहीं होने देंगे।
रिश्ता खत्म होने के बाद भी मधुबाला और दिलीप कुमार ने साथ में काम किया। दोनों ने फिल्म 'मग़ले आज़म' में साथ दिखें लेकिन सेट पर अजनबी की तरह रहते थे। दिलीप कुमार ने अपनी बायोग्राफी में भी इस बात का जिक्र करते हुए बताया था कि फिल्म की शूटिंग के दौरान उनकी और मधुबाला की बातचीत बंद हो गई थी। मधुबाला से दूर होने के बाद दिलीप कुमार की जिंदगी में सायरा बानो आई। वही मधुबाला ने किशोर कुमार से शादी कर ली, लेकिन वह आखिर तक प्यार के लिए तरसती रहीं। मोहब्बत के लिए बनीं मुमता मोहब्बत के लिए ही तरसती इस दुनिया से रुखसत हो गई.