‘हमारी आवाज दबाई गई, दर्द छुपाया गया’ - ननों की रिहाई के बाद लड़कियों ने खोला दिल का दर्द

punjabkesari.in Sunday, Aug 03, 2025 - 11:13 AM (IST)

 नारी डेस्क: छत्तीसगढ़ के दुर्ग रेलवे स्टेशन से कुछ दिन पहले दो कैथोलिक ननों और एक अन्य महिला को मानव तस्करी और धर्मांतरण के आरोप में हिरासत में लिया गया था। अब इस मामले में तीन युवतियों, जो ननों के साथ यात्रा कर रही थीं, ने नया बयान दिया है। इनका कहना है कि उन्होंने जो बयान दिए थे, वह दबाव में आकर दिए गए थे।

 कोर्ट से मिली जमानत

शनिवार को बिलासपुर की एनआईए कोर्ट ने दोनों ननों और एक अन्य महिला को जमानत दे दी। इसके बाद तीनों युवतियों ने नारायणपुर एसपी कार्यालय पहुंचकर लिखित आवेदन दिया है, जिसमें उन्होंने बयान के पीछे की परिस्थितियों को स्पष्ट किया है।

युवतियों के मुख्य दावे

युवतियों का कहना है कि वे अपनी इच्छा और परिवार की सहमति से ननों के साथ यात्रा कर रही थीं। स्टेशन पर कुछ लोगों द्वारा उनसे सवाल-जवाब किए गए और बयान देने का दबाव बनाया गया। पुलिस स्टेशन में उनसे कोरे कागज पर हस्ताक्षर कराए गए। उन्हें कुछ समय के लिए एक सेंटर में रखा गया, जहां बाहर संपर्क करने की अनुमति नहीं थी।

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युवतियों की मांग

तीनों युवतियों ने अपनी शिकायत में यह मांग की है कि घटना की निष्पक्ष जांच हो और यदि किसी भी प्रकार का अनावश्यक दबाव या प्रक्रिया में चूक हुई है, तो उसे सामने लाया जाए। जमानत मिलने के बाद युवतियों ने कहा कि नन उनके साथ कोई गलत व्यवहार नहीं कर रहीं थीं। वे उनके साथ स्वेच्छा से यात्रा कर रही थीं और ननों ने हमेशा सहयोगात्मक और सम्मानजनक व्यवहार किया।

पुलिस की प्रतिक्रिया

इस पूरे मामले में अब तक पुलिस प्रशासन की ओर से कोई औपचारिक बयान जारी नहीं किया गया है। मामले की जांच की प्रक्रिया चल रही है। इस घटना ने एक बार फिर से यह प्रश्न खड़ा किया है कि संवेदनशील मामलों में निष्पक्षता और पारदर्शिता कितनी जरूरी है। युवतियों की ओर से दिए गए नए बयान से मामले में नया दृष्टिकोण सामने आया है, जिस पर जांच जारी है।  


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Content Editor

Priya Yadav

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