कार्तिकेय की मां होने के कारण पड़ा देवी स्कंदमाता का नाम, जानिए मां दुर्गा के पांचवे रुप की कथा
punjabkesari.in Saturday, Mar 25, 2023 - 06:06 PM (IST)

नवरात्रि के नौ दिन मां के अलग-अलग रुपों की पूजा की जाती है। नौ दिनों में से हर दिन मां दुर्गा के किसी स्वरुप को अर्पित होता है। पिछले चार दिनों से नवरात्रि शुरु हो चुके हैं। वहीं नवरात्रि के पांचवे दिन मां स्कंदमाता की पूजा की जाती है। मां की चार भुजाएं हैं जिनमें दांयी तरफ की भुजाओं में भगवान स्कंद विराजमान हैं वहीं नीचे की भुजा में कमल पुष्प, बांयी तरफ की ऊपरी भुजा में वरमुद्रा और नीचे की भुजा में कमल विराजमान है। मां का वाहन शेर है। तो चलिए आपको बताते हैं कि मां को प्रसन्न करने की पूजा विधि और पौराणिक कथा....
कैसे करें मां की पूजा?
सुबह उठकर साफ कपड़े पहनें। पूजा के स्था पर मां की प्रतिमा रखें इसके बाद पूजा करें। सबसे पहले मां की प्रतिमा को गंगाजल से धोएं। इसके बाद मां को फुल अर्पित करें। फूल अर्पित करने के बाद मां को मिष्ठान और 5 अलग तरह के फलों का भोग लगाएं। इसके अलावा इलायची भी भोग में जरुर लगाएं। कलश में पानी रखें और उसमें कुछ सिक्के डालें। पूजा करें और मां को रोली और कुमकुम का तिलक लगाएं। इसके बाद पूजा करें और मां की आरती करें। आरती करने के बाद मंत्र जाप करें।
पौराणिक कथा
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, तारकासुर नाम के एक राक्षस ने भगवान ब्रह्मा को खुश रखने के लिए कठोर तपस्या की थी। राक्षस की तपस्या से प्रसन्न होकर ब्रह्मा जी ने उसे दर्शन दिए। उसने भगवान ब्रह्मा जी से अमरता का वरदान मांगा था। इस वरदान पर ब्रह्मा जी ने राक्षस को समझाया कि यदि उसने जन्म लिया है तो उसे मरना होगा। इस पर तारकासुर ने शिवजी के पुत्र के हाथों मरने का वरदान मांगा, क्योंकि उसे लगता था कि शिवजी का कभी भी विवाह नहीं होगा तो पुत्र कहां से होगा। इससे उसकी मृत्यु भी नहीं होगी। वरदान मिलने पर तारकासुर ने लोगों पर अत्याचार करने शुरु कर दिए। जिसके बाद सभी लोगों ने शिवजी के पास जाकर तारकासुर की मुक्ति दिलवाने की प्रार्थना की। इसके बाद शिवजी ने मां पार्वती से विवाह किया और कार्तिकेय देव पैदा हुए। कार्तिकेय ने बड़े होकर राक्षस ताराकासुर का वध किया। भगवान स्कंद की मां होने पर देवी को स्कंदमाता के नाम से जाना जाता है।
संतान प्राप्ति का मिलता है वरदान
जिन लोगों को संतान प्राप्ति में बाधा आ रही हो उन्हें स्कंदमाता की पूजा करनी चाहिए। मां दुर्गा का यह स्वरुप संतान प्राप्ति की कामना पूर्ण करने वाला माना जाता है।
क्या लगाएं भोग?
मां की पीली चीजें बहुत ही पसंद है। केसर डालकर खीर मां को अर्पित करना शुभ माना जाता है। इसके अलावा आप केला भी मां को भोग के रुप में दे सकते हैं। माना जाता है कि विधि-विधान के साथ देवी की पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि आती है।
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