इस काल कोठरी में हुआ था भगवान कृष्ण का जन्म,  कुछ ऐसी दिखती है कंस की 5000 साल पुरानी जेल

punjabkesari.in Monday, Aug 18, 2025 - 11:43 AM (IST)

नारी डेस्क: कंस के अत्याचारों से ग्वाल-बाल बृजवासियों को मुक्त करने के लिए देवकी के गर्भ से 8वीं संतान के रूप में स्वयं हरि विष्णु ने जन्म लिया था।  कृष्ण का जन्म कारागार (जेल) में हुआ था जहां उनके माता-पिता देवकी और वासुदेव को कंस ने सालों से कैद करके रखा था। आज मथुरा का वह प्रसिद्ध कारागार (जेल) स्थल श्रीकृष्ण जन्मस्थान के नाम से जाना जाता है। माना जाता है कि 5 हजार वर्ष से भी अधिक पुराना कंस कारागार आज भी मौजूद है। 

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कृष्ण जन्म कथा

जब कंस की बहन देवकी का विवाह वसुदेव से हुआ, तो आकाशवाणी हुई कि देवकी का आठवां पुत्र ही कंस का अंत करेगा। यह सुनकर कंस ने देवकी और वसुदेव को मथुरा के कारागार में कैद कर दिया। जब भी देवकी संतान को जन्म देतीं, कंस उसे मार डालता था। इसी जेल में मध्यरात्रि के समय श्रीकृष्ण का दिव्य रूप में जन्म हुआ था।

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श्रीकृष्ण के जन्म के साथ ही खुल गई थी बेड़ियां 

श्रीकृष्ण के जन्म के साथ ही कारागार की बेड़ियां खुल गईं, दरवाज़े अपने आप खुल गए और पहरेदार गहरी नींद में सो गए।  वसुदेव ने नवजात कृष्ण को एक टोकरी में रखा और यमुना नदी पार करके गोकुल में नंद बाबा और यशोदा के घर पहुंचे। वहां उन्होंने कृष्ण को यशोदा की नवजात पुत्री (योगमाया) से बदल दिया और वापस जेल आ गए। इस प्रकार, मथुरा की यह जेल ही वह पवित्र स्थान है, जिसे आज श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर (Krishna Janmasthan Temple) कहा जाता है। हर वर्ष जन्माष्टमी पर यहां भव्य उत्सव और विशेष पूजा आयोजित की जाती है।

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वर्तमान में जेल का स्वरूप

 श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर परिसर में एक छोटी-सी कोठरी (कारागार) बनाई गई है, जिसे देखने हजारों श्रद्धालु आते हैं। कोठरी के भीतर भगवान कृष्ण के जन्म का प्रतीक झूलन स्वरूप (पालना) रखा गया है। दीवारें और माहौल जेल जैसा प्रतीत होता है ताकि श्रद्धालु उस समय की स्थिति को महसूस कर सकें। यह स्थान हिंदुओं के लिए अत्यंत पवित्र है, क्योंकि यही वह जगह है जहाँ श्रीकृष्ण ने जन्म लेकर धर्म की पुनर्स्थापना के लिए अवतार लिया था। इस जगह को देखकर लोग यह भी याद करते हैं कि किस तरह अत्याचार के बीच भी भगवान ने जन्म लिया और दुनिया को धर्म, प्रेम और सत्य का संदेश दिया।


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vasudha

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