"श्यामा काली हैं, श्यामा कृष्ण हैं..." महाकाली के अवतार है भगवान कृष्ण, इस रहस्य के बारे में जानें यहां

punjabkesari.in Tuesday, Aug 12, 2025 - 01:33 PM (IST)

नारी डेस्क: 15 अगस्त की रात को एक नहीं  दो बड़े त्यौहार मनाए जाएंगे। बहुत कम लोग जानते हैं कि कृष्ण जन्माष्टमी के साथ काली जयंती भी मनाई जाती है, क्योंकि  श्रीकृष्ण को मां काली का अवतार ही माना जाता है। विशेषकर "देवी पुराण" में इस बात का वर्णन है कि स्वयं माँ काली ने श्रीकृष्ण के रूप में अवतार लिया था। इसके पीछे एक बड़ी रोचक कथा है।

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माता पार्वती ने की थी महादेव की इच्छा पूरी

देवी पुराण के अनुसार एक बार भगवान शंकर और माता पार्वती भ्रमण कर रहे थे। तब महादेव ने अपनी एक बड़ी ही विचित्र इच्छा बताई। उन्होंने कहा कि उनकी ऐसी इच्छा है कि वे नारी रूप में और माता पार्वती पुरुष के रूप में रमण करें। जब माता पार्वती ने कहा कि भविष्य में वे अवश्य ही उनकी ये इच्छा पूर्ण करेंगी। उस समय पृथ्वी पर दुष्टों का आतंक बहुत बढ़ गया था। जरासंध और कंस के अत्याचारों से पृथ्वी त्राहि-त्राहि कर रही थी।  जब देवताओं ने ये सूचना महादेव को दी तब देवी पार्वती ने उचित समय जानकर पृथ्वी पर अवतार लेने के विषय में सोचा। उन्होंने अपने अंश से महाकाली को उत्पन्न किया और उन्हें पृथ्वी पर अवतरित होने को कहा। साथ ही उन्हें महादेव को दिया गया अपना वचन भी याद था इसी कारण उन्होंने भगवान शंकर से भी नारी रूप में अवतरित होने का अनुरोध किया।


इस तरह हुआ भगवान श्रीकृष्ण का जन्म

तब महाकाली ने भगवान श्रीकृष्ण के रूप में देवकी के आठवें पुत्र के रूप में कंस के कारागार में जन्म लिया और भगवान शंकर ने वृषभानु की पुत्री राधा के रूप में ब्रज में जन्म लिया। हालांकि पौराणिक ग्रंथों में इस बात का वर्णन है कि राधा श्रीकृष्ण से आयु में बहुत बड़ी थी। यही नहीं, देवी पुराण के अनुसार देवी पार्वती को श्रीकृष्ण के रूप में अवतरित होते देख कर उनकी मुख्य सखियों जया और विजया ने श्रीदामा और वसुदामा नामक गोपों के रूप में जन्म लिया जो श्रीकृष्ण के घनिष्ट मित्र थे।

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मां काली के रूप में पूजे जाते हैं भगवान कृष्ण

उत्तर प्रदेश में भगवान श्रीकृष्ण की जन्मस्थली वृन्दावन में विशेष आकर्षण "कृष्ण-काली" मंदिर है। इस मंदिर की विशेषता ये है कि यहां पर श्रीकृष्ण की पूजा मां काली के रूप में होती है। अगर ध्यान दें तो श्रीकृष्ण के दो बाएं हाथों में शंख और पद्म (कमल का फूल) है तो मां काली के दाहिनी ओर के दोनों हाथ भक्तों को अभय दान और वरदान दे रहे हैं। श्रीकृष्ण के दोनों दाएं हाथों में चक्र और गदा है तो मां काली के दोनों बाएं हाथों में नरमुंड और खड्ग है। अर्थात दो हाथों में दुष्ट शक्तियों के संहार के साधन और दो हाथों में भक्तों की रक्षा और वरदान, यह संकेत श्रीकृष्ण और मां काली दोनों के चित्र से मिलता है।


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vasudha

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