पेट फूलना और वजन घटना नहीं है नॉर्मल बात, समझ लो चुपके से आपको बर्बाद कर रहा है ये रोग

punjabkesari.in Thursday, Nov 06, 2025 - 05:15 PM (IST)

नारी डेस्क: यह सच है कि अक्सर हम अपने शरीर में छोटे-छोटे बदलावों को “कुछ नहीं” मानकर अनदेखा कर देते हैं- लेकिन Oncologist (कैंसर विशेषज्ञ) कहते हैं कि ये छोटे-बदलाव कभी-कभी “चुपके में” गंभीर रोग, जैसे कैंसर का पहला संकेत हो सकते हैं। आइए जानते हैं क्यों ये बदलाव महत्वपूर्ण हैं और किन संकेतों को कभी भी हल्के में नहीं लेना चाहिए।
 

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 क्यों यह इतना महत्वपूर्ण है

कैंसर अक्सर शुरुआत में दर्द नहीं देता, या सामान्य गलती-गलतफहमी वाला लक्षण दिखाता है-  इसलिए लोग देर कर देते हैं। जब बीमारी पहले-पहले पकड़ी जाए, तो इलाज के परिणाम बहुत बेहतर होते हैं। समय रहते लक्षण दिखने पर चिकित्सक से मिलना फायदेमंद होता है।  इसलिए, “कुछ बदल गया है”-ई सोचकर चुप न रहें- अपने शरीर, आदतों, बदलावों पर ध्यान देना जरूरी है।


किन संकेतों पर ध्यान देना चाहिए

अगर नीचे दिए गए में से कोई लक्षण आपके साथ लगातार हो रहा है, तो उसे अनदेखा नहीं करना चाहिए-  और चिकित्सक से बात करनी चाहिए।

अनजाने वजन का गिरना: बिना किसी खास कोशिश के अचानक वजन कम होना -  यह पेट, फेफड़े, अन्न-नाल (esophagus) आदि कैंसर का संकेत हो सकता है।

लगातार थकावट महसूस होना: पर्याप्त आराम के बाद भी थकान बनी रहना खासकर जब यह दिन-दिन बढ़ती हो - खून-से संबंधित या कोलन-कैंसर आदि में भी दिख सकती है।

गांठ या सूजन-सा कुछ दिखाई देना या महसूस होना:   स्तन, गर्दन, बगल, जांघ आदि में सूजन-गांठ जो ठीक नहीं हो रही होइसे हल्के में न लें।

त्वचा-परिवर्तन/मोल्स का बदलना:  नए मोल्स, पुराने का रंग-परिवर्तन, घाव जो बंद नहीं हो रहा हो, त्वचा का पीलापन – ये संकेत हो सकते हैं। 

मूत्र/मल आदतों में बदलाव:   लंबे समय तक कब्ज, दस्त, मल में खून, मूत्र में खून या अचानक अधिक-कम जाना- ये संकेत हो सकते हैं कोलन, मूत्राशय, प्रोस्टेट कैंसर के। 

अनियमित रक्तस्राव या डिस्चार्ज: जैसे कि मासिक धर्म चक्र में बदलाव, गर्भाशय के बाद रक्तस्राव, स्तन से डिस्चार्ज आदि  महिलाओं में विशेष-होकर देखा जाना चाहिए।
 

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कुछ बातें याद रखें

ये लक्षण ज़रूरी नहीं  कि हर मामले में कैंसर हों लेकिन अगर दो-तीन हफ्ते से ज़्यादा बने हुए हों या बढ़ते हों, तो चिकित्सक से मिलना बेहतर है।अगर आपने कैंसर का पारिवारिक इतिहास है, तंबाकू/शराब का सेवन करते हैं, खूब अल्कोहल लेते हैं तो सतर्कता आवश्यक है। नियमित चेक-अप और स्क्रीनिंग बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि शुरुआत में लक्षण कभी-कभी बेहद मामूली दिख सकते हैं। किसी लक्षण को सताना या डर के कारण टाल देना नुकसान-देह हो सकता है, समय रहते जांच से बचना बेहतर है।
 


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vasudha

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