क्या ठंड में आपको भी आती रहती है नींद? तो समझिए इसके पीछे की असली वजह
punjabkesari.in Tuesday, Dec 23, 2025 - 10:50 AM (IST)
नारी डेस्क: जैसे-जैसे सर्दी बढ़ती है, बहुत से लोग कुछ जानी-पहचानी चीज़ें महसूस करते हैं जैसे- एनर्जी कम होना, वज़न बढ़ना, वर्कआउट करने का मन न करना और आम तौर पर सुस्ती महसूस होना। इस मौसमी बदलाव का कारण अक्सर मेटाबॉलिज़्म का धीमा होना बताया जाता है, लेकिन सच्चाई थोड़ी अलग है। साइंटिफिक नजरिए से, सिर्फ मौसम ठंडा होने से शरीर का मेटाबॉलिज़्म अचानक कम नहीं हो जाता बल्कि इसके और भी कई कारण है। आइए विस्तार से समझते हैं पूरी बात
Metabolism क्या होता है?
Metabolism वह प्रक्रिया है, जिसमें शरीर खाने को ऊर्जा में बदलता है। सांस लेने, चलने-फिरने और शरीर को गर्म रखने के लिए ऊर्जा इस्तेमाल करता है। जब यही प्रक्रिया धीमी हो जाती है, तो उसे Metabolic Slowdown कहते हैं। यानी शरीर उतनी कैलोरी नहीं जलाता जितनी पहले जलाता था, जिससे थकान, वजन बढ़ना और सुस्ती महसूस होने लगती है।
सर्दियों में मेटाबॉलिज़्म स्लो होने के कारण
धूप और विटामिन D की कमी: सर्दियों में धूप कम मिलने से विटामिन D की कमी हो जाती है।इससे मांसपेशियों की ताकत घटती है और थकान बढ़ती है।
शारीरिक गतिविधि कम हो जाना: ठंड की वजह से लोग बाहर निकलना कम कर देते हैं। कम मूवमेंट से कैलोरी बर्न घटती है और मेटाबॉलिज़्म स्लो होता है।
हार्मोनल बदलाव: मेलाटोनिन बढ़ने से नींद बढ़ जाती है, सेरोटोनिन कम होता है और एनर्जी घटती चली जाती है। इसका असर मूड और एनर्जी दोनों पर पड़ता है।
ब्राउन फैट एक्टिविटी कम होना: सर्दी में शरीर खुद को गर्म रखने के लिए एनर्जी बचाता है। इससे फैट बर्न धीमा हो सकता है।
भारी और ज्यादा खाने की आदत: सर्दियों में ज्यादा तला-भुना, मीठा हाई कार्ब फूड खाने से पाचन धीमा पड़ता है और सुस्ती बढ़ती है।
मेटाबॉलिज़्म तेज करने के साइंटिफिक तरीके
-रोज़ 20–30 मिनट एक्सरसाइज करें, यह वॉक, योग, स्ट्रेंथ ट्रेनिंग मेटाबॉलिज़्म को एक्टिव रखती है।
-प्रोटीन और फाइबर बढ़ाएं, दाल, अंडा, पनीर, सब्ज़ियां शरीर को ज्यादा एनर्जी देती हैं।
-धूप लें, रोज़ 15–20 मिनट धूप में बैठें।
-नींद और स्ट्रेस कंट्रोल करें, 7–8 घंटे की नींद और मेडिटेशन जरूरी है।
-गुनगुना पानी पिएं, इससे पाचन बेहतर होता है और शरीर एक्टिव रहता है।
साइंस मंत्र
“सर्दियों में शरीर सुस्त इसलिए नहीं होता कि आप कमजोर हैं, बल्कि इसलिए कि आपका मेटाबॉलिज़्म मौसम के अनुसार एडजस्ट कर रहा होता है।”

