असली नाम को छिपाने की जरूरत क्या? हां, मै नाजायज हूं...भट्ट तो सिर्फ साथ जुड़ गया!!

punjabkesari.in Tuesday, Sep 06, 2022 - 03:45 PM (IST)

एक्ट्रेस कंगना रानौत कुछ ना कुछ ऐसा बोल जाती हैं कि लाइमलाइट बटौर लेती हैं। अब उन्होंने महेश भट्ट को लेकर एक ऐसा हैरान करने वाला खुलासा कर दिया है जिसे सुनने के बाद हर कोई हैरान है। दरअसल, कंगना रनौत ने महेश भट्ट का वीडियो शेयर करते कहा कि इन्हें अपना असली नाम छिपाने की जरूरत क्या है? इनका असली नाम महेश नहीं बल्कि असलम है। कंगना ने अपनी स्टोरी में लिखा, 'मुझे बताया गया है कि महेश भट्ट असली नाम असलम है ... उन्होंने अपनी दूसरी पत्नी सोनी राजदान से शादी करने के लिए धर्म परिवर्तन किया। उन्हें अपने असली नाम का उपयोग करना चाहिए जब उन्होंने धर्म परिवर्तन किया हो ...'

PunjabKesari

महेश भट्ट जिन्हें 'बॉलीवुड का कंट्रोवर्सी किंग' कहा जाता है। ऐसा किंग जिसकी जिंदगी के कई पन्ने ऐसे हैं जिन्हें खोलेंगे तो उसमें राज ही राज मिलेंगे। महेश भट्ट खुद को एक नाजायज औलाद कहते हैं। महेश भट्ट ने अपनी फिल्म ‘अर्थ’ से लेकर ‘जख्म’ तक में अपनी पर्सनल लाइफ को दिखाने की कोशिश की है। मुंबई में पैदा हुए महेश भट्ट के पिता का नाम नानाभाई भट्ट और मां का नाम शिरीन मोहम्मद अली है। पिता भट्ट जहां गुजराती ब्राह्माण थे और मां एक गुजराती शिया मुस्लिम। महेश की मां ने उन्हें जन्म तो दिया लेकिन पिता ने उनसे कभी शादी नहीं की इसलिए वह खुद को एक मुस्लिम महिला की नाजायज औलाद कहते थे। बचपन में उनके रिपोर्ट कॉर्ड पर भी  मामा के साइन ही हुआ करते थे।

निजी जिंदगी के बारे में किए थे खुलासे 

एक इंटरव्यू में महेश भट्ट ने निजी जिंदगी पर खुलासा किया था जब उन्हें सवाल किया आप कैसे पिता हैं? इस पर उन्होंने कहा था कि,  ‘मुझे नहीं पता मैं कैसा पिता हूं। मैंने अपने पिता को नहीं देखा इसलिए मैं नहीं जानता कि पिता का क्या रोल होता है? मैं एक मुस्लिम मां की नाजायज औलाद हूं जिन्होंने मुझे अकेले पाला। उनका नाम शिरिन मोहम्मद अली है। मेरे पिता नानाभाई भट्ट, मेरे लिए होकर भी नहीं थे। बस उनका सरनेम 'भट्ट' मुझे जरूर मिला जिसकी वजह से मैं आज महेश भट्ट बन पाया।'

PunjabKesari

अपने नाम महेश पर किए सवाल पर उन्होंने कहा था,  'मैंने अपनी मां से पूछा था कि मेरे नाम का मतलब क्या होता है । तब उन्होंने कहा था कि वो मेरे पिता से पूछकर बताएंगी क्योंकि उन्होंने ही मुझे ये नाम दिया । महेश मतलब होता है- महा-ईश । देवों के देव लेकिन बचपन में मुझे ये भगवान बिल्कुल पसंद नहीं थे। 'मुझे नहीं अच्छा लगा क्योंकि उन्होंने अपने ही बेटे का सिर काट दिया। इससे अच्छा होता कि मेरा नाम गणेश होता। जैसे गणेश के पिता उसके लिए अंजान थे वैसे ही मेरे पिता भी मेरे लिए अंजान थे।'

बता दें कि महेश भट्ट की मां और पिता की ताउम्र शादी ना करने के पीछे एक बड़ी वजह थी। दोनों का धर्म अलग था लेकिन शादी न करने की वजह केवल धर्म नहीं थी। दोनों ही पोरबंदर काठियावाड़ गुजरात के रहने वाले थे। जहां नानाभाई पेशे से पौराणिक फिल्मों के प्रोड्यूसर थे वहीं शिरीन एक एक्ट्रेस थी। नानाभाई भट्ट पहले से शादीशुदा थे। उनकी पहली शादी हेमलता से हुई थी। हेमलता से नानाभाई के एक बेटे हैं। नानाभाई, एक्ट्रेस शिरीन मोहम्मद अली के साथ रिलेशनशिप में थे और रिलेशनशिप में ही उनके दो बेटे, महेश भट्ट और मुकेश भट्ट हुए थे।शिरीन और नानाभाई के रिश्ते को पहली पत्नी हेमलता के परिवार ने मान्यता नहीं दी इसलिए नानाभाई भट्ट के दो परिवार, दो घर हो गए। नाना और शिरीन एक-दूसरे से बेहद प्यार करते थे लेकिन पारिवारिक दिक्कतों के चलते कभी शादी नहीं कर सके।'

इंटरव्यू में बताया था महेश भट्ट ने अपना दुख 

एक इंटरव्यू में महेश भट्ट ने बताया था कि पारिवारिक कलह के चलते उनके पिता उनके साथ नहीं रह पाए लेकिन इससे ज्यादा दुख उन्हें अपनी मां के लिए था क्योंकि उन्हें कभी सामाजिक स्वीकृति नहीं मिली। महेश और मुकेश को इस बाद का दुख हमेशा रहा। बता दें कि शिरीन की बहन मेहरबानो हिंदी सिनेमा में पूर्णिमा के नाम से जानी जाती थीं। पूर्णिमा, बॉलीवुड एक्टर इमरान हाशमी की दादी थीं।

PunjabKesari

महेश ने स्कूली व बचपन के दिनों में ही काफी स्ट्रगल किया है। पैसा कमाने के लिए उन्होंने समर विकेशन में फ्रेशनर्स बेचने औऱ नट बोल्ट टाइट करने का काम भी किया। वह पैसा कमाना चाहते थे खासतौर पर अपनी मां के लिए। उनकी पहली सैलरी 53 रु. थी जिसे उन्होंने अपने मामा के हाथ में थमाया था। स्कूल के दिनों में ही उन्हें एक लड़की से प्यार हो गया था जिसका नाम लॉरेन ब्राइट था और वह बॉम्बे स्कॉटिश अनाथालय में पढ़ाई कर रही थीं स्कूल के दौरान ही दोनों मिले थे बाद में उन्होंने लॉरेन का नाम बदलकर किरण भट्ट रख दिया था। महेश लॉरेन को मिलने दीवार फांदकर चले जाते थे लेकिन एक दिन जब वह रंगे हाथों पकड़े गए तो रेन ब्राइट को अनाथालय से निकाल दिया गया और इस तरह 20 साल की उम्र में महेश ने किरण से शादी की और 21 साल की उम्र में वह एक बेटी पूजा के पिता भी बन गए पूजा के बाद उनके घर बेटे राहुल का जन्म हुआ।

रोमांस से प्रेरित होकर बनाई फिल्म आशिकी

अपने रोमांस से प्रेरित होकर ही महेश ने फिल्म आशिकी बनाई थी लेकिन इस आशिकी का अंत असल जिंदगी में बुरा रहा। 11-12 साल बाद दोनों का रिश्ता टूट गया। महेश की फिल्में लगातार फ्लॉप हो रही थी इसी बीच परवीन बॉबी के साथ उनकी नजदीकियां बढ़ने लगी वह किरण को छोड़ कर परवीन के साथ लिव-इन में रहने लगे और जब परवीन मानसिक तौर पर बीमार हो गई तो उन्होंने परवीन का साथ छोड़ दिया और वापिस किरण के पास आए लेकिन तब उनका रिश्ता पहले जैसा नहीं रहा था। महेश किरण को भी छोड़ना नहीं चाहते थे और मिलने भी आते थे लेकिन दोनों का रिश्ता पहले जैसा नहीं रहा और लड़ाइयां होने लगी। इसी बीच उनकी जिंदगी में एक और औरत आई जो फिल्म सारांश के सेट पर उनसे मिली थी। वो औरत कोई और नहीं सोनी राजदान थी। दोनों ने एक दूसरे को को 2 साल डेट किया। महेश सोनी से शादी करना चाहते थे लेकिन किरण को तलाक नहीं देना चाहते थे। इसलिए उन्होंने मुस्लिम धर्म अपनाकर सोनी राजदान से शादी की। सोनी से महेश को दो बेटियां हुई शाहीन भट्ट और आलिया भट्ट।

PunjabKesari

तो अब तो आप जान गए होंगे कि महेश भट्ट असलम कैसे बने। पैकेज अच्छा लगा तो इसे लाइक और शेयर करना ना भूलें।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Vandana

Recommended News

Related News

static