लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी की लाइफस्टोरीः अगर माता-पिता पाल लें तो किन्नर बनेंगे ही नहीं
punjabkesari.in Sunday, Nov 08, 2020 - 06:08 PM (IST)
अक्षय और उनकी को-स्टार टीम इन दिनों फिल्म 'लक्ष्मी' की प्रमोशन कर रहे हैं। इस फिल्म में अक्षय कुमार एक ट्रांसजेंडर की भूमिका में नजर आएंगे अपनी इस फिल्म के जरिए वह ट्रांसजेंडर को समाज में सम्मान और प्यार देने की लोगों से अपील कर रहे हैं। हाल ही में अक्षय ने लाल बिंदी लगाई एक पोस्ट अपने इंस्टाग्राम पर शेयर की और कैप्शन में लिखा, 'मैंने तो लगा ली है प्यार और सम्मानता की लाल बिंदी। अब तीसरे लिंग के लिए प्यार और स्वीकारता के प्रतीक के रूप में मेरे साथ 'अब हमारी बारी है' में जुड़ने की आपकी बारी है!'और अब अक्षय की इस मुहिम के साथ कई सेलेब्स भी जुड़ रहे हैं ताकि ट्रांसजेंडर लोगों को प्यार के साथ उनके अधिकार भी मिले।
लेकिन कही ना कही हमारे समाज की रुढ़िवादी सोच हमारा पीछा नहीं छोड़ रहीं। ट्रांसजेंडर को अजीब तरीके से देखा व ट्रीट किया जाता हैं। हैरानी की बात सरकार के पास ट्रांसजेंडर्स कम्यूनिटी का कोई सही आंकड़ा ही नहीं है। चलिए आज हम आपको सोशल एक्टिविस्ट ट्रांसजेंडर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी की लाइफस्टोरी बताते हैं उन्होंने अपनी लाइफ में बहुत कुछ सहा... ऐसे समाज के लिए वह मसीहा बनकर उभरी उनके अधिकारों के लिए आवाज भी उठाई।
कौन हैं लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी?
महाराष्ट्र के एक ब्राह्मण परिवार में जन्मीं लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने बचपन में डांस की प्रोफेशनल ट्रेनिंग ली थी। उन्होंने भरतनाट्यम में पोस्ट ग्रेजुएशन किया है। किन्नर अखाड़ा की आचार्य और पॉलिटिशियन महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी की निजी जिंदगी और उनकी लव स्टाेरी बेहद राेचक है। वह बिग बॉस में भी दिखाई दे चुकी हैं।
किन्नर होने पर लक्ष्मी को गर्व
लक्ष्मी को अपने किन्नर होने पर गर्व हैं। एक इंटरव्यू में लक्ष्मी ने अपना आत्म कथा सुनाते हुए कहा था कि जब उनका जन्म हुआ तो डॉक्टर ने उनके सर्टीफीकेट में मेल (Male) भरा लेकिन मैं मेल और फीमेल बॉक्स में नहीं रहना चाहती थी। स्कूल में भी मैं वॉशरूम जाने से डरती थी, ताकि कोई मुझे बुली ना करें। मैं अपनी स्त्रीत्व (Femininity) से प्यार करती हूं लेकिन इसके लिए मुझे काफी कुछ सहना पड़ा। मगर, एक दिन मैंने सोचा नो (NO), बस बहुत हुआ। उस ना से मुझे बहुत हिम्मत मिलीं। उन्होंने कहा भगवत गीता में लिखा है कि मैं सिर्फ एक पुरूष हूं बाकी सारी प्रकृति नारी है।
यहीं सीख वो बाकी लोगों को भी देती हैं। लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी का कहना है कि अगर माता-पिता अपने ट्रांसजेंडर बच्चे को किन्नरों के पास छोड़ने की बजाए उन्हें खुद ही पालें तो किन्नर बनेंगे ही नहीं।
बात अगर उनकी लवलाइफ की करें तो साल 2012 में उनकी जिंदगी में विक्की थाॅमस नाम का शख्स आया और दाेनाें के बीच प्यार हाे गया। विक्की ने उनका हर कदम पर साथ दिया है और आगे भी देते रहेंगे।
1999 से लड़ रही है किन्नरों के अधिकार की लड़ाई
लक्ष्मी का असली मकसद किन्नर समाज को समानता का अधिकार दिलाना है जिसके लिए वो करीब 1999 से लड़ाई लड़ रही हैं। उनकी लिखी किताब 'मी हिजड़ा, मी लक्ष्मी' चर्चा में रही थी। उनके काम और ट्रांसजेंडर्स के प्रति उनकी भावनाओं को देखते हुए 2 मई 2016 में लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को किन्नर अखाड़े की पहली महामंडलेश्वर बनाया गया। इसके अलावा वह यूनाइटेड नेशंस सिविल साेसायटी टास्क फाेर्स की सदस्य रह चुकी हैं। बता दें कि लक्ष्मी पहली किन्नर हैं जो संयुक्त राष्ट्र में एशिया प्रशांत क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करती हैं। इतना ही नहीं, अपने समुदाय और भारत का प्रतिनिधित्व टोरंटो में विश्व एड्स सम्मेलन जैसे मंचों पर कर चुकी हैं। किन्नर समुदाय के समर्थन और उनके विकास के लिए संगठन चलाती हैं जिसका नाम अस्तित्व हैं।
किसी सेलेब्रिटीज से कम नहीं, रियालिटी और फैशन शो में भी आईं नजर
लक्ष्मी ना सिर्फ किन्नर समाज के लिए लड़ रहती है बल्कि टीवी शोज में भी अपना अलग छाप छोड़ चुकी हैं। वह सलमान खान के टीवी शो बिग बॉस के 5वें सीजन में कंटेस्टेंट रह चुकी हैं। इसके अलावा 'सच का सामना', 'दस का दम' और 'राज पिछले जन्म का' में भी नजर आ चुकी हैं। हुनर के अलावा बात अगर उनके फैशन की करें तो वो एक्ट्रेस को भी टक्कर देता हैं। उनका ड्रेसिंग सेंस भी गजब का है। उनके पास महंगी साडिय़ों का कलेक्शन और खूबसूरत ज्वैलरी भी है। वह टैटू का भी शौक रखती हैं। लक्ष्मी ने एक बेहतरीन माॅडल के रूप में भी काम किया है।
लक्ष्मी ने समाज की रूढ़िवादी सोच की पछाड़ा और अपने समुदाह के लोगों के मसीहा बनी और उनको समाज में बाकी लोगों की तरह पूरा अधिकार दिलाने में मदद कर रही हैं।
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